www.youngorganiser.com//, Updated:Feb 25, 2019, 01:00PM IST
नई दिल्ली-सऊदी अरब ने हाल ही में यह घोषणा की कि दुनिया की सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी सऊदी अरामको महाराष्ट्र में 44 अरब डॉलर की लागत से संयुक्त उद्यम के तहत स्थापित होने वाली रिफाइनरी परियोजना में भागीदार होगी। यह दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी होगी जिसका निर्माण एक बार में किया जाएगा। सऊदी अरब कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए भारत को क्षेत्रीय केंद्र बनाने पर विचार कर रहा है। सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल बिन अहमद अल-जुबेर ने कहा है कि भंडारण सुविधाओं के निर्माण और रिफाइनरी को सुदृढ़ करने में उनका देश अरबों डॉलर निवेश करेगा। दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक सऊदी अरब भारत में पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स के डिस्ट्रीब्यूशन और मार्केटिंग क्षेत्र में भी निवेश करेगा। इसके साथ ही सऊदी भारत को पेट्रोरसायन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा। सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के प्रतिनिधिमंडल में शामिल विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश भारत को बढ़ती आर्थिक शक्ति के रूप में देखता है और उसकी आगे की वृद्धि को लेकर आशावान है। अल जुबेर ने कहा, ‘हम भारत को क्षेत्र में कच्चे तेल की आपूर्ति का केंद्र बनाने पर गौर कर रहे हैं। हम यहां भंडारण सुविधाएं बनाने पर विचार कर रहे हैं। हम रिफाइनरी और डिस्ट्रीब्यूशन और मार्केटिंग क्षेत्र पर भी गौर कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम ऐसी ढांचागत सुविधा में निवेश कर रहे हैं जो भारत को पेट्रोलियम उत्पादों के आयात और निर्यात के काबिल बनाएगा।’ अल-जुबेर ने कहा, ‘हम भारत की भागीदारी के साथ 44 अरब डॉलर की लागत सबसे बड़ा रिफाइनरी परिसर बना रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम भारत को एक बढ़ती आर्थिक शक्ति और एक स्थिर व अवसरों वाले देश के रूप में देख रहे हैं। इसीलिए हम भारत के साथ बेहतर और मजबूत संबंध चाहते हैं।’ सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि उनका देश भारत की तेल मांग को पूरा करने को प्रतिबद्ध है और अधिक कच्चा तेल बेचने को तैयार है।