Breaking News

भारत के लिए बड़ा फायदा व चीन के लिए बहुत बड़ा झटका होगा

www.youngorganiser.com

Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 28 Apr 2020.

 Tue, 7:15 AM (IST)    : Banarsi Dutt (Chief Editor)

बीते दिनों खबर आई थी कि कोरोना वायरस महामारी के कारण पैदा हुई दिक्कतों के बीच लगभग 1000 विदेशी कंपनियां सरकार के अधिकारियों से भारत में अपनी फैक्ट्रियां लगाने को लेकर बातचीत कर रही हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से कम से कम 300 कंपनियां मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइसेज, टेक्सटाइल्स तथा सिंथेटिक फैब्रिक्स के क्षेत्र में भारत में फैक्ट्रियां लगाने के लिए सरकार से सक्रिय रूप से संपर्क में हैं। अगर बातचीत सफल होती है तो यह चीन के लिए बहुत बड़ा झटका होगा और भारत के लिए बड़ा फायदा।भारत के पास बड़ा मौका लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं चीन से भारत आ सकती हैं करीब 1000 कंपनियां चीन में कोरोना वायरस फैलने की वजह से नए ठिकाने की तलाश में हैं। इसी बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा है कि दुनिया की चीन के प्रति घृणा को बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश आकर्षित करके अपने लिए आर्थिक अवसर के रूप में देखना चाहिए। यानी एक बात तो तय है कि चीन से बहुत सारी कंपनियां अपना बोरिया बिस्तर समेटने की तैयारी कर रही हैं। भारत तो इन कंपनियों के लिए निवेश की एक बेहतर जगह है ही, कई अन्य देशों में भी वह निवेश कर सकती हैं। नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत के पास चीन से निकलने वाली इन कंपनियों को अपनी तरफ खींचने का मौका है, लेकिन यही मौका कई अन्य देशों के पास भी है। चीन से बाहर निकलने वाली कंपनियां कम से कम वैसी जगह की तलाश करेंगी, जहां उन्हें चीन जैसी सुविधाएं मिल सकें। इसमें लेबर से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर तक को ध्यान में रखा जाएगा। ऐसे में उनके सामने भारत के अलावा मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देश भी हैं और वियतनाम तो इन कंपनियों को आकर्षित करने में सबसे आगे है। अगर बात चीन की करें तो वहां पर सबसे अहम चीज थी लेबर और इंफ्रास्ट्रक्चर। लेबर की बात करें तो एक तो वहां सस्ती लेबर है, आसानी से मिल जाती है और ऊपर से चीन की कम्युनिस्ट सरकार लेबरों के लिए जो नियम बना देती है, उसे सब मानते हैं। ऐसे में कंपनियों को लेबर की तरफ से या लेबर के लिए कोई दिक्कत नहीं होती है। वहीं चीन ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर तो खूब काम किया ही है, जिससे कंपनियां चीन में अपने प्रोडक्शन हब लगा लेती हैं। भले ही वह कंपनी अमेरिका की हो या जापान की हो या कई अन्य देशों की वह अपने देश में प्रोडक्शन हब ना लगाकर दूसरे देश में प्रोडक्शन हब लगाती हैं और चीन जैसे देश इसके लिए सबसे बेहतर विकल्प होते हैं। अगर ये 1000 कंपनियां भारत को अपना ठिकाना बनाती हैं जो भारत के सामने सबसे पहली चुनौती होगी इंफ्रास्ट्रक्चर की, जिसमें हम चीन से काफी पीछे हैं। हां, लेबर तो आसानी से मिल जाएगी, लेकिन सरकार के नियमों के हिसाब से जरूरी नहीं की सभी लेबर चलें। भारत एक लोकतांत्रिक देश है तो यहां पर सरकार के नियम अगर लेबर को सही नहीं लगे तो लेबर यूनियन उसका विरोध भी कर सकती है जिनसे निपटने के लिए सरकार को हर वक्त तैयार रहना होगा। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

x

Check Also

इजराइल में सत्ता में परिवर्तन तो हो गया परिवर्तन के बाद भी भारत से संबंध मजबूत बने रहेंगे

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 15th Jun. 2021, Tue. 2: 58  PM ...