Breaking News
दोनों देश के डीजीएमओ ने बेहद ही स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण वातावरण में एलओसी सहित सभी इलाकों की स्थिति की समीक्षा की. डीजीएमओ स्तर की बातचीत के बाद दोनों ही देश एलओसी सहित पूरी सीमा पर स्थायी तौर से शांति के लिए तैयार हो गए हैं जो दोनों देशों के लिए पारस्परिक तौर से जरूरी है.
***दोनों देश के डीजीएमओ ने बेहद ही स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण वातावरण में एलओसी सहित सभी इलाकों की स्थिति की समीक्षा की. डीजीएमओ स्तर की बातचीत के बाद दोनों ही देश एलओसी सहित पूरी सीमा पर स्थायी तौर से शांति के लिए तैयार हो गए हैं जो दोनों देशों के लिए पारस्परिक तौर से जरूरी है?

भारत और पाकिस्तान शांति बहाली गलतफहमी खत्म समझौते, का सख्ती से करेंगे पालन

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 25th Feb. 2021, Thu 9:57 PM (IST) : ARTICLE: VIKAS SHARMA : जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) और पीडीपी ने भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) तथा अन्य क्षेत्रों में संघर्षविराम समझौते का स्वागत किया। जेकेएनसी ने एक बयान में कहा,”हम इसका स्वागत करते हैं और आशा है कि बयान का अक्षरश: पालन होगा। जेकेएनसी ने एलओसी पर संघर्षविराम का हमेशा से जोरदार समर्थन किया है।” पार्टी ने कहा, “एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास रह रहे लोग बिना किसी अवरोध और खतरे के सामान्य जीवन गुजार सकेंगे।”पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट कर संघर्षविराम समझौते के संबंध में घोषणा का स्वागत किया और कहा कि वार्ता ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। महबूबा ने कहा,”बड़ा और स्वागत योग्य घटनाक्रम है कि भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी पर संघर्ष विराम के लिए समझौता हुआ है। अगर दोनों देश, जम्मू कश्मीर और सीमाओं पर हिंसा के कुचक्र और रक्तपात को रोकना चाहते हैं तो वार्ता ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।”पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई अंतर-सेवा जन संपर्क (ISPR) द्वारा जारी बयान के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच स्थापित हॉटलाइन संपर्क व्यवस्था के जरिए चर्चा में दोनों देशों के बीच इस पर सहमति बनी। भारत और पाकिस्तान एलओसी पर शांति बहाली के लिए तैयार हो गए हैं. भारत के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर जानकारी दी है.चीन से डिसइंगेजमेंट के बाद अब भारत और पाकिस्तान एलओसी पर शांति बहाली के लिए तैयार हो गए हैं. दोनों देशों के डीजीएमओ स्तर के अधिकारियों ने हॉटलाइन पर बात कर एलओसी पर पूरी तरह से युद्धविराम के लिए तैयार हो गए हैं. इस बाबत खुद भारत के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर जानकारी दी.गुरूवार को रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि भारत और पाकिस्तान एलओसी यानि लाइन ऑफ कंट्रोल (नियंत्रण रेखा) पर दोनों देशों के बीच हुए समझौतों, युद्धविराम और आपसी समझ को कड़ाई से लागू करने के लिए तैयार हो गए हैं. यानि 24-25 फरवरी की रात से दोनों एलओसी पर युद्धविराम के लिए तैयार हो गए हैं.दोनों देश के डीजीएमओ ने एलओसी सहित सभी इलाकों की स्थिति की समीक्षा की जानकारी के मुताबिक 22 फरवरी को भारतीय सेना के डीजीएमओ (डॉयरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स), लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह संघा और पाकिस्तानी डीजीएमओ, मेजर जनरल नुमान जकरिया के बीच हॉटलाइन पर बातचीत हुई. रक्षा मंत्रालय के जारी किए गए बयान के मुताबिक, दोनों देश के डीजीएमओ ने बेहद ही स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण वातावरण में एलओसी सहित सभी इलाकों की स्थिति की समीक्षा की. डीजीएमओ स्तर की बातचीत के बाद दोनों ही देश एलओसी सहित पूरी सीमा पर स्थायी तौर से शांति के लिए तैयार हो गए हैं जो दोनों देशों के लिए पारस्परिक तौर से जरूरी है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देश के डीजीएमओ एक दूसरे के मुख्य मुद्दों और चिंताओं को दूर करने के लिए सहमत हुए जिससे दोनों देशों में अशांति का वतावरण बन रहा था और हालात हिंसा तक पहुंच रहे थे.पिछले कुछ सालो से हालात जंग से बने हुए थे आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 2003 में युद्धविराम समझौता हुआ था, जिसके तहत एलओसी पर दोनों देशों को युद्धविराम उल्लंघन यानि फायरिंग और गोलाबारी करना पूरी तरह से निषेध था. लेकिन पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच इतने सीजफायर उल्लंघन हुए कि हालात जंग से बन गए थे. भारत का लगातार आरोप रहा था कि पाकिस्तानी सेना एलओसी पर आतंकियों की घुसपैठ कराने के इरादे गोलीबारी करती रही है.भारतीय सेना भी पाकिस्तान के इस गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देती आई है. दोनों ही देश की सेनाओं स्मॉल-आर्म्स फायरिंग से लेकर स्नाईपर फायरिंग, मोर्टार, रॉकेट. तोप और एंटी-टैंक गाईडेड मिसाइल (एटीजीएम) तक फायरिंग करती थी. भारतीय सेना के आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2018 में पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर 1629 बार युद्धविराम का उल्लंघन किया गया. जबकि वर्ष 2019 में ये आंकड़ा 3168 और 2020 में 4645 तक पहुंच गया.इस साल 590 सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं सामने आ चुकी हैं इसी साल यानि पहले दो महीनों में (1 जनवरी से लेकर 25 फरवरी तक) अब तक पाकिस्तान की तरफ से 590 सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इस फायरिंग में दोनों देशों के सैनिक तो हताहत होते ही हैं, साथ ही सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को भी जानमाल का बड़ा नुकसान होता है. यही वजह है कि दोनों देश युद्धविराम समझौते तो पूरी तरह से अमल लाने के लिए तैयार हो गए हैं. रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक, डीजीएमओ स्तर की बातचीत में दोनों देशों ने दोहराया है कि किसी कारणवश दोनों की सेनाओं के बीच कोई अप्रत्याशित स्थिति या फिर कोई गलतफहमी होती है तो उसे सुलझाने के लिए हॉटलाइन या फिर बॉर्डर पर होने वाली फ्लैग मीटिंग के जरिए सुलझाने का प्रयास किया जाएगा. हाल ही में भारत ने एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल पर पिछले नौ महीने से चीन से चल रहा टकराव भी खत्म करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए डिसइंगेजमेंट समझौता किया है. बुधवार को ही थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने एक वेबिनार में कहा था कि हालांकि भारत टू-एंड-हॉफ फ्रंट यानि चीन-पाकिस्तान और आतंरिक सुरक्षा (आतंकवाद) से लड़ने में पूरी तरह सक्षम है, लेकिन इन नौ महीनों के दौरान जब चीन से टकराव चल रहा था तब पाकिस्तान की तरफ से किसी भी तरह की कोई उत्तेजक कारवाई या फिर सेना की ऐसी मूवमेंट नहीं देखी गई थी जिससे ऐसा लगता कि पाकिस्तानी सेना भारत के खिलाफ मोर्चा खोल रही है. दोनों पक्षों ने वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया। आईएसपीआर ने कहा कि दोनों पक्ष ने सौहार्दपूर्ण माहौल में नियंत्रण रेखा और अन्य क्षेत्रों में स्थिति की समीक्षा की। बयान में कहा गया, ”दोनों पक्ष बुधवार मध्यरात्रि से सभी समझौते, सहमति और एलओसी तथा अन्य क्षेत्रों में संघर्षविराम का कड़ाई से पालन करने पर सहमत हुए।” दोनों पक्ष ने दोहराया कि ”किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने या गलतफहमी दूर करने के लिए” हॉटलाइन संपर्क और ‘फ्लैग मीटिंग’ व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाएगा। ‘डॉन’ अखबार ने पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार के हवाले से कहा है, ”1987 से ही भारत और पाकिस्तान के बीच हॉटलाइन स्तर पर संपर्क हो रहा है। इस स्थापित तंत्र के जरिए दोनों देशों के DGMO संपर्क में रहते हैं।”उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से LoC पर संघर्ष विराम समझौता के उल्लंघन की घटनाओं में वृद्धि हुई है। बयान में कहा गया, ”दोनों डीजीएमओ ने सहमति जतायी कि 2003 की मौजूदा सहमति का अक्षरश: पालन करना चाहिए।” दोनों अधिकारी इसे टिकाऊ बनाने पर राजी हुए और इस आधार पर कदम उठाने की मंशा जतायी। अखबार के मुताबिक, हालिया कदम को परमाणु शक्ति से संपन्न दोनों देशों के बीच वर्षों से कायम तनाव घटाने के तौर पर देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने हाल में भारत से वार्ता के जरिए सभी मुद्दे सुलझाने का प्रस्ताव दिया था।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

x

Check Also

इजराइल में सत्ता में परिवर्तन तो हो गया परिवर्तन के बाद भी भारत से संबंध मजबूत बने रहेंगे

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 15th Jun. 2021, Tue. 2: 58  PM ...