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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 27 Apr 2020.
Mon, 4:00 PM (IST) Siddharth & Kapish
नयी दिल्ली : लक्ष्य सेन स्वदेश लौटने के बाद से घर पर ही हैं और उनका परिवार उनके साथ है। पांच खिताब जीत चुके भारत के लक्ष्य सेन विश्व रैंकिंग में शीर्ष 25 खिलाड़ियों में जगह बनाने के करीब थे और कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर में बैडमिंटन टूर्नामेंट रद्द होने से निराश हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच लाकडाउन के कारण लक्ष्य भी बेंगलुरू में प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी के समीप अपने घर में हैं।लक्ष्य ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं बड़े टूर्नामेंटों में खेलने, बेहतर खिलाड़ियों का सामना करने और इस साल शीर्ष 15 खिलाड़ियों में जगह बनाने को लेकर उत्सुक था लेकिन इसके बाद सब कुछ अचानक से रुक गया, सभी टूर्नामेंट स्थगित हो गए। अब मुझे नहीं पता कि ये दोबारा कब शुरू होंगे।’’उत्तराखंड का यह 18 वर्षीय खिलाड़ी पिछले साल सीनियर सर्किट में बेहतरीन फार्म में था और सारलोरलक्स ओपन और डच ओपन के रूप में दो बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर सुपर 100 टूर्नामेंट सहित पांच खिताब जीतकर साल के अंत में विश्व रैंकिंग में 32वें स्थान पर पहुंच गया।फिलहाल लक्ष्य की विश्व रैंकिंग 27वीं है।लक्ष्य ने इस साल बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप में एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी को हराया और फिर आल इंग्लैंड चैंपियनशिप के दूसरे दौर में डेनमार्क के पूर्व विश्व चैंपियन विक्टर एक्सेलसन को कड़ी टक्कर दी।लक्ष्य की नजरें स्विस ओपन 17 से 22 मार्च पर टिकी थीं लेकिन आल इंग्लैंड के बाद विश्व बैडमिंटन महासंघ ने सारी प्रतियोगिताएं निलंबित कर दी।लक्ष्य जब टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे थे तब सरकार ने यात्रा को लेकर पाबंदियां लगा दी। उन्होंने कहा मंत्रालय ने जब यात्रा पाबंदियों को घोषणा की तो मुझे दूसरे दौर का मुकाबला खेलना था। मैंने इसके बारे में अधिक नहीं सोचा लेकिन मेरे मैच खेलने तक बीडब्ल्यूएफ ने सभी टूर्नामेंट रद्द कर दिए। उन्होंने कहा इसलिए हमने टिकट बुक की और वापस लौट आए। शुरुआत में हमारी योजना वहां से स्विट्जरलैंड जाने की थी।