जिस दिन मैं बिना सुरक्षा पुलवामा जा सका, उस दिन कह सकेंगे शांति लौट आई : बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम
www.youngorganiser.com Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 28th May. 2021, Fri. 01: 36 AM (IST) : टीम डिजिटल: Team Work: Imtiaz Choudhary जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम को भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में ओएसडी(ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) के रूप में नियुक्त किया गया है। वह 30 जून से वाणिज्य सचिव के रूप में कार्यभार संभालेंगे। सुब्रह्मण्यम 1987 बैच के आईएएस अफसर हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि जेके कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अरुण कुमार मेहता जम्मू कश्मीर के नए मुख्य सचिव बने। मुख्य सचिव बी.वी.आर सुब्रह्मण्यम प्रदेश के मामलों को लेकर खुलकर अपनी राय व्यक्त करते रहे हैं। अनुच्छेद 370 हटाने हटाए जाने के बाद उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक टूटा हुआ राज्य था। यही कारण है कि जम्मू-कश्मीर से जब पिछले वर्ष अनुच्छेद 370 हटाने के बाद विभिन्न नेताओं को नजरबंद किया गया तो प्रदेश के किसी भी नागरिक ने दुख नहीं जताया। यहां के लोगों को अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद मिलने वाले संपूर्ण लाभ हासिल करने के लिए अभी धैर्य रखना होगा। क्योंकि पांच अगस्त 2019 को की गई कार्रवाई के बाद अभी तक पूरी तरह सकारात्मक पहल नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक भ्रष्टाचार और कुप्रशासन के कारण यहां का सिस्टम अंदर से पूरी तरह ढह गया था। जून 2018 में यहां आने से पहले उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और अपने नए काम के लिए मार्ग दर्शन मांगा। प्रधानमंत्री ने कहा, जाओ.. प्रशासन को दुरुस्त करो, उसका पुनर्निर्माण करो और स्थानीय लोगों को उनका बेशकीमती हक उन्हें सौंपो। यहा अधूरी पड़ी योजनाओं की लंबी फेहरिस्त थी। भूमि अधिग्रहण एक बड़ा घोटाला था। यहां के चिकित्सक मिडिल-ईस्ट में नौकरियां कर रहे थे और तनख्वाह जम्मू-कश्मीर से ले रहे थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि राज्य में निगरानी का कोई सिस्टम ही नहीं था। जेके बैंक का सीएमडी घोटालेबाज नंबर एक था। बीस परिवारों या अधिकतम 30 परिवारों को जेके बैंक ने दूध पिलाया। कोई जवाबदेही नहीं थी। जम्मू-कश्मीर के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम विधानसभा को अपनी रिपोर्ट सौंपते हैं। अन्य राज्यों में इस प्रकार के सार्वजनिक उपक्रम आरटीआई, सीवीसी और केंद्रीय सतर्कता आयोग के अंतर्गत आते हैं लेकिन जेके बैंक किसी प्रति जवाबदेह नहीं था। जम्मू-कश्मीर एक टूटा हुआ राज्य था। हम इसका पुनर्निर्माण कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के एक साल बाद लोगों को कैसा लग रहा है तो उन्होंने कहा कि आम आदमी को इससे कोई दिक्कत नहीं है, उन्हें उम्मीद है कि नौकरियां मिलेंगी, विकास होगा, हम उसी रास्ते पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सारे बदलाव हुए हैं। केवल 15 दिनों में तीन लाख कर्मचारियों का पृथकीकरण किया गया। हालांकि अभी जम्म-कश्मीर और लद्दाख के बीच संपत्तियों और देनदारियों के विभाजन को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। जिस दिन मैं बिना सुरक्षा पुलवामा जा सका, उस दिन कह सकेंगे शांति लौट आई : बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा, जिस दिन मैं बिना पुलिस स्कार्ट और पायलट सिर्फ ड्राइवर के साथ पुलवामा जा सका उस दिन हम कह सकेंगे कि जम्मू-कश्मीर में शांति लौट आई है। पुलवामा को उग्रवाद का गढ़ माना जाता है। फरवरी 2019 में पुलवामा में आतंकवादियों ने एक आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ जवानो की एक बस क उड़ा दिया था। इसमें 44 जवान शहीद हुए थे।
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