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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 13 May 2020.
Wed, 03:44 PM (IST) :Team Work: Kunwar & Pawan Vikas Sharma
जम्मू: लॉकडाउन के बीच राज्य में पानी की सप्लाई को सुनिश्चित बना रहे जम्मू-कश्मीर पी.एच.ई आई.टी.आई ट्रेंड, सी.पी वर्कर्स एंड लैंड डोनर एसोसिएशन के महासचिव दीपक गुप्ता ने लॉकडाउन के बीच आर्थिक तंगी का सामना कर रहे अस्थायी कर्मियों की व्यथा प्रशासन के समक्ष उजागर करते हुए कहा कि यदि ईद से पहले बकाया वेतन जारी नहीं किया गया तो मजबूरन उन्हें इन हालात में भी उग्र आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। और यदि कर्मी सड़कों पर उतरते हैं तो इसका असर जम्मू संभाग की जलापूर्ति पर भी पड़ेगा। दीपक ने कहा कि जिन कर्मियों को 60 महीनों से भी अधिक समय से वेतन नहीं मिला है उनकी संख्या 4000 से अधिक है जबकि समर्थन करने वालों की संख्या 32 हजार से अधिक है। ये वही कर्मी हैं, जो संभाग के अधिकतर जिलों में पानी की सप्लाई का जिम्मा संभाल रहे हैं। इन कर्मियों को इस वजह से प्रताड़ित किया जा रहा है, क्योंकि उनके पास प्रशासन द्वारा मांगे गए 12 कैश वाउचर नहीं हैं। यह समझ नहीं आता जब सरकार ने इन कर्मियों को नियमित तौर पर वेतन दिया ही नहीं तो इनके पास कैश वाउचर कहां से आएगा। एसोसिएशन कई बार यह मामला प्रशासन के समक्ष उजागर कर चुकी है। जल शक्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी प्रशासन को इससे अवगत करवा चुके हैं, बावजूद इसके इन कर्मियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। वेतन न दिए जाने के बावजूद अधिकारी इन कर्मियों से नियमित तौर पर काम ले रहे हैं। जिला सांबा, जम्मू, राजौरी आैर पुंछ के दूरदराज इलाकों में तैनात अधिकतर कर्मी ऐसे इलाकों में कार्यरत हैं। एसोसिएशन के प्रधान तनवीर हुसैन ने कहा लॉकडाउन के कारण जीविका का कोइ दूसरा साधन न होने की वजह से अब ये कर्मी व उनके परिजन भूखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। एसोसिएशन के महासचिव दीपक गुप्ता ने कहा कि प्रशासन व जिला स्तर पर सक्रिय गैर सरकारी संगठन श्रमिकों, गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत कर रहे लोगों तक राशन व जरूरत का अन्य सामान तो पहुंचा रहे हैं परंतु ये कर्मी उस सुविधा से भी वंचित हैं। अब एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि यदि ईद से पहले-पहले प्रशासन ने इन कर्मियों को राहत प्रदान करने के लिए बकाया वेतन जारी नहीं किया तो वे उग्र आंदोलन की शुरूआत करेंगे।