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नागरिकता संशोधन कानून (सी.ए.ए) के खिलाफ फरवरी में बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क की रैली में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने वाली छात्रा अमूल्या लियोना:File Photo: young organiser

पाकिस्तान जिंदाबाद नारे लगाने वाली अमूल्या की जमानत मिली

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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 12th June 2020.

 Fri, 09:17 AM (IST) :  Team Work:: Siddharth, kapish & Sampada Kerni

बेंगलुरु : नागरिकता संशोधन कानून (सी.ए.ए) के खिलाफ फरवरी में बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क की रैली में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाली अमूल्या लियोना की जमानत याचिका बेंगलुरु की अदालत ने गुरुवार रात अमूल्या लियोना को जमानत दे दी। अमूल्या लियोना, वह लड़की है, जिसने 20 फरवरी को एक एंटी-सी.ए.ए-एन.आर.सी रैली में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा बुलंद किया था। केंद्र सरकार के सीएए संशोधन अधिनियम के खिलाफ बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने के लिए गिरफ्तार किए गए अमूल्या लियोना को शहर की सिविल कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। अमूल्या ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में देशद्रोही नारे लगाए थे, जिसके आरोप में उनपर केस किया गया था।अदालत ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद कल रात जमानत दे दी। याचिकाकर्ता की ओर से अमूल्या के वकील ने कहा, ‘याचिकाकर्ता सिर्फ 19 साल की महिला है और वह बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज में पढ़ रही है। उसने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए, लेकिन उसने कभी भी पाकिस्तान को अपना देश नहीं बताया।’। यह घटना उस वक्त हुई थी, जब अमूल्या को ‘हमारा संविधान बचाओ’ के बैनर तले सी.ए.ए के खिलाफ प्रदर्शन में एकत्र लोगों को संबोधित करने के लिए मंच पर बुलाया गया था। अमूल्या को तब कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद यहां मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया था, जिन्होंने उसे राजद्रोह के आरोप में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अमूल्या की जमानत याचिका बुधवार को खारिज करते हुए 60वें अतिरिक्त नगर दीवानी एवं सत्र न्यायाधीश विद्याधर शिराहट्टी ने कहा कि जांच पूरी नहीं हुई है और जांच अधिकारी ने अभी तक आरोप-पत्र दाखिल नहीं किया है।न्यायाधीश ने कहा, ‘यदि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो वह फरार हो सकती है, या इस तरह के अपराध में संलिप्त हो सकती है, जिससे शांति व्यवस्था में खलल पड़ेगा।’कार्यकर्ता एवं कॉलेज छात्रा अमूल्या ने ‘हिंदू-मुस्लिम सिख ईसाई फेडरशन’ द्वारा 20 फरवरी को आयोजित सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एन.आर.सी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एन.पी.आर) के खिलाफ विरोध सभा के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे।मौके पर मौजूद ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (ए.आई.एम.आई.एम) प्रमुख एवं हैदराबाद से पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अमूल्या को पाकिस्तान का समर्थन करने वाला नारा दोहराने से रोकने की कोशिश की थी। इस नाटकीय घटना के चलते ओवैसी और रैली के आयोजकों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था।

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