Breaking News

पाकिस्तान गोलाबारी की आड़ में नियंत्रण रेखा के पार से आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए प्रयत्नशील

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 7th Feb. 2021.SUN,7:44 PM (IST) : ( Article ) Sampada Kerni ,Siddharth & Kapish Sharma,मानना है कि युद्ध विराम उल्लंघनों में वृद्धि इसलिए हो रही है क्योंकि पाकिस्तान गोलाबारी की आड़ में नियंत्रण रेखा के पार से आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए प्रयत्नशील है। वर्ष 2019 में कुल 3168 संघर्ष विराम उल्लंघन हुए थे जबकि 2018 में 1629 बार युद्ध विराम उल्लंघन किया गया था। सेना द्वारा संकलित नये आंकड़े का हवाला देते हुए कहा इस साल 10 जून तक कुल 2027 बार युद्ध विराम उल्लंघन हुआ और मार्च में सर्वाधिक 411 बार युद्ध विराम उल्लंघन किया गया। पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी और गोलाबारी की जनवरी में 367, फरवरी में 366, अप्रैल में 387, मई में 382 तथा जून में पहले दस दिनों में 114 घटनाएं हुईं। अधिकारी के अनुसार वर्ष 2019 में 10 जून तक 926 बार संघर्ष विराम उल्लंघन हुआ, जिनमें जनवरी में 203, फरवरी में 215, मार्च में सर्वाधिक 267, अप्रैल में 234, मई में 221 तथा जून में पहले दस दिनों में 60 घटनाएं हुई थीं। उनके मुताबिक अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को प्राप्त विशेष राज्य का दर्जा वापस लिये जाने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद पाकिस्तान औसतन रोजाना 11 बार संघर्ष विराम उल्लंघन कर रहा है। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने हाल ही में कहा था कि निकट अतीत में पाकिस्तानी गोलीबारी की आड़ में कुछ आतंकवादी घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं लेकिन नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकस प्रहरियों ने घुसपैठ की ज्यादातर कोशिशें विफल कर दी हैं। इस बार उन्होंने बर्फ पिघलने का इंतजार भी नहीं किया और आतंकवादियों का पहला जत्था मार्च में ही अपनी नापाक कोशिश में लग गया। नियंत्रण रेखा एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार कश्मीर में 150-250 आंतकवादी घुसपैठ के लिए प्रशिक्षण शिविरों में हैं ’इस साल इस केंद्रशासित प्रदेश में विभिन्न मुठभेड़ों में कुल 100 आतंकवादी मारे गये हैं जिनमें विभिन्न संगठनों के दर्जन भर से अधिक स्वयंभू कमांडर भी हैं। चालाक चीन अपनी चाल बदलने को तैयार नहीं। ड्रैगन एक तरफ बातचीत में पीछे हटने का वादा करता है तो दूसरी तरफ सैनिक और हथियार बढ़ाकर युद्ध जैसी तैयारी में जुटा है। फिंगर एरिया सहित पूरे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एल.ए.सी) पर चीन सेना और हथियार बढ़ा रहा है। लद्दाख के फिंगर इलाके में चीनी सैनिक अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत ने भी यहां अपनी ताकत बढ़ा दी है। बुधवार को एक बार फिर आसमान में भारतीय लड़ाकू विमान गरजते रहे तो जमीन पर जांबाज सैनिक दुश्मन की हर चुनौती का जवाब देने को तैयार हैं।चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में 4 मई के बाद से संख्या बढ़ानी शुरू की थी और 10 हजार से अधिक सैनिक तोपों, हथियारों और साजो-सामान के साथ जमा हो चुक हैं। सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, ”पैंगोंग त्सो झील के साथ फिंगर इलाके में चीनी लगातार सैन्य गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं। वे सैनिकों की संख्या बढ़ा रहे हैं और कंस्ट्रक्शन में भी जुटे हैं।”फिंगर 4 से आगे कर रहा है विरोधभारत का इलाका फिंगर 8 तक है, लेकिन चाइनीज आर्मी मौजूदा तनातनी के बाद भारतीय सैनिकों को फिंगर 4 से आगे जाने पर रोक रही है। चीन आक्रामक तरीके से नए इलाकों पर दावा करते हुए फिंगर एरिया को अपने नियंत्रण में लेना चाहता है। सूत्रों ने बताया कि गलवान नदी के इलाके में जहां 15 जून की रात को हिंसक झड़प हुई थी, चीनी सैनिकों ने फिर कुछ स्ट्रक्चर बना लिए हैं।पेट्रोलिंग पॉइंट के पास 15-16 जून की रात हिंसक झड़क के दौरान जिस निगरानी पोस्ट जैसे ढांचे को भारतीय सैनिकों ने उखाड़ फेंका था, उसे फिर बना लिया गया है। पीपी-15, पीपी-17 और पीपी17-ए पर भारतीय सैनिक भी डटे हुए हैं। दौलत बेग ओल्डी सेक्टर के पीछे चाइनीज पीपी-10 और पीपी-13 पर भारतीय सैनिकों की पट्रोलिंग रोकने की कोशिश कर रहे हैं।चीन ने होटन और गर गुन्सा इलाके के अपने एयरबेस पर बड़ी संख्या में एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों को तैनात किया है, जिनमें रूस निर्मित SU-30 भी शामिल हैं। सिक्यॉरिटी एजेंसियों ने यह भी बताया है कि चीन ने रूस से लिए लॉन्ग रेंज एयर डिफेंस सिस्टम को भी तैनात कर दिया है।न्यूज एजेंसी एएफपी ने खबर दी है कि दोनों देशों में भले ही बातचीत चल रही हो लेकिन जमीन पर स्थिति बदली नहीं है। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की मौजूदगी के बीच बुधवार को भारत ने भी ताकत दिखाई और लड़ाकू विमान पहाड़ों के ऊपर गरते रहे। चीनी सैनिकों का जमावड़ा बढ़ने के बाद भारत ने भी सैनिकों और हथियारों को यहां बढ़ा लिया है।भारतीय सेना के उत्तरी कमांड के एक अधिकारी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, ”इस इलाके में अब हमारी अच्छी मौजूदगी है।” लेह निवासी और सेना के रिटायर्ड कैप्टन ताशी छेपल ने कहा कि पाकिस्तान और चीन से सटे इस इलाके में सेना की मूवमेंट अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, ”मैं पहले कभी इस तरह की मिलिट्री मूवमेंट नहीं देखी थी। रिपोर्टों के आकलन के मुताबिक जम्मू कश्मीर में इस साल 10 जून तक नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से 2027 बार युद्ध विराम उल्लंघन हुआ जो पिछले वर्ष इसी अवधि में हुए युद्ध विराम उल्लंघन से करीब 69 फीसदी अधिक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

x

Check Also

इजराइल में सत्ता में परिवर्तन तो हो गया परिवर्तन के बाद भी भारत से संबंध मजबूत बने रहेंगे

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 15th Jun. 2021, Tue. 2: 58  PM ...