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नेशनल कांफ्रेंस परिसीमन के कार्य में भाग नहीं लेगी

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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 29 May 2020.

 Fri, 11:06 PM (IST) : Team Work:  Kuldeep & Pawan Vikas Sharma

श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू कश्मीर में लोकसभा एवं विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन कार्य में भाग नहीं लेने की शुक्रवार को घोषणा की। पार्टी ने कहा कि वह पिछले साल पांच अगस्त को हुए घटनाक्रम को स्वीकार करने को अनिच्छुक है जब पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा रद्द कर दिया गया था। पार्टी ने एक बयान में कहा आयोग में भाग लेना पांच अगस्त 2019 के घटनाक्रमों को स्वीकार करने के समान होगा, जो करने को नेकां अनिच्छुक है। इसमें कहा गया है कि अब्दुल्ला के अलावा दो अन्य सांसद अकबर लोन और हसनैन मसूदी आयोग में भाग नहीं लेंगे। पार्टी ने इस बात का जिक्र किया कि केंद्र शासित प्रदेश के पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर प्रांत के संविधान के मुताबिक जम्मू कश्मीर के निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन देश के शेष राज्यों के साथ 2026 में किया जाना था। राज्य में आखिरी बार निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन 1990 के दशक में किया गया था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नेकां के तीन सांसदों के अलावा जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर के राज्यों असम, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड के 12 सांसदों को परिसीमन आयोग का सहयोगी सदस्य नामित किया है। इन सांसदों में दो केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय विधि मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर के राज्यों–असम, अरूणाचल प्रदेश मणिपुर और नगालैंड– के लोकसभा एवं विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करने के लिये उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग गठित किया है।नेकां प्रमुख फारूक अब्दुल्ला सहित पार्टी के तीन सांसदों को मंगलवार को आयोग का सहायक सदस्य नियुक्त किया गया था। आयोग नव सृजित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में परिसीमन का कार्य प्रारंभ करेगा, जहां विधानसभा सीटों की संख्या 107 से बढ़ा कर 114 की जानी है, जिनमें 24 सीटें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लिये आरक्षित हैं। इस प्रक्रिया को खारिज करते हुए नेकां ने कहा कि आयोग जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की उपज है। जबकि इस अधिनियम को पार्टी उच्चतम न्यायालय के अंदर और बाहर चुनौती दे रही है।

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