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नीरव मोदी के खिलाफ भारत को बड़ी सफलता, ब्रिटेन की अदालत ने प्रत्यर्पण को दी मंजूरी

…..कोर्ट ने माना नीरव मोदी ने रची सबूत मिटाने और गवाहों को डराने की साजिश  जानें कब क्या हुआ…..

 

लंदन। नीरव मोदी के खिलाफ ब्रिटने में दो साल तक कानूनी लड़ाई के बाद भारत को बड़ी सफलता मिली है। ब्रिटेन की अदालत ने भारत की अपील को स्वीकार करते हुए नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। पीएनबी घोटाला मामले में भगोड़े नीरव मोदी को लेकर ब्रिटेन की अदालत ने मनी लॉण्ड्रिंग के चार्ज को स्वीकार किया है। ब्रिटेन में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि नीरव मोदी ने सबूतों को नष्ट करने और गवाहों को डराने की साजिश रची है।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि नीरव मोदी के खिलाफ भारत में एक मामला है जिसका उन्हें जवाब देना है। फैसले में नीरव मोदी के खिलाफ गवाहों को डराने की साजिश रचने और सबूतों को नष्ट करने की बात भी कही गई है।

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज ने ये भी स्वीकार किया है कि नीरव मोदी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मनी लॉण्ड्रिंग का मामला बनता है। कोर्ट ने कहा “इनमें से कई मामले में भारत में ट्रायल होना है। मैं फिर से संतुष्ट हूं कि ऐसे कई सारे सबूत हैं ये बताते हैं कि वह दोषी हो सकते हैं।”

बैरक नं. 12 एकदम सही- कोर्ट

इसके साथ ही कोर्ट ने भारत में हिरासत के दौरान स्थितियों पर भी संतोष जाहिर किया और मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 को उसके लिए सही पाया है। कोर्ट ने कहा कि बैरक 12 की स्थिति उसकी (नीरव मोदी) लंदन स्थिति वर्तमान सेल से काफी अच्छी नजर आ रही है।”

जेल में मिलेगा इलाज

नीरव मोदी ने प्रत्यर्पण का विरोध करते हुए कहा था कि भारत में जेल की स्थिति बहुत खराब है और यहां पर जरूरी सुविधाएं भी नहीं मुहैया कराई जाती है। इसी वजह से कोर्ट ने जेल की स्थिति को भी सुनवाई में शामिल किया था। इसके साथ ही कोर्ट ने नीरव मोदी के लिए भारत में स्वास्थ्य इंतजामों को भी ठीक पाया है।

जज ने कहा “नीरव मोदी को मुंबई की आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल दी जाएगी। जज ने ये भी कहा कि “अगर नीरव मोदी को भारत भेजा जाता है तो उनके लिए आत्महत्या का कोई खतरा नहीं है क्योंकि उनके पास आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी।” इसके साथ ही कोर्ट ने नीरव मोदी के मानसिक स्वास्थ्य की चिंताओं को ये कहकर खारिज कर दिया कि उनकी परिस्थितियों वाले आदमी के लिए वह असामान्य नहीं हैं।

लंदन की जेल में बंद पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में आरोपी और भारत से भगोड़ा नीरव मोदी ने भारत प्रत्यर्पण किए जाने का विरोध कर रहा था। 49 वर्षीय नीरव मोदी ने जेल से वीडियो लिंक के माध्यम से पेशी की मांग की थी जहां पर जज ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ ऐसा मामला बनता है जिसमें उसे भारतीय अदालतों के समक्ष जवाब देना है।

गृहमंत्री के पास जाएगा मामला

मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को हस्ताक्षर के लिए ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल के पास भेजा जाएगा जिसके बाद संभावना है कि इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाया जाएगा।

नीरव मोदी के खिलाफ दो आपराधिक मामलों में मुकदमा चलना है। इनमें एक केस सीबीआई के पास है जिसमें पीएनबी से बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करते हुए पैसा लेने मामला है और दूसरा मामला मनी लॉण्ड्रिंग से जुड़ा है जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है।

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