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निशाने पर होंगे अमेरिकी युद्धपोत, रूस के परमाणु बॉम्बर Tu-22M3 से दागी ‘विध्वंसक’ Kh-32 मिसाइल

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 6th Feb. 2021.Sat, 11:44 PM (IST) : Team Work: Agency, रूस: रूस ने अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच परमाणु बॉम्बर टीयू-22एम3 (Tu-22M3) से एयरक्राफ्ट कैरियर किलर मिसाइल एक्स-32 (X-32 Missile) का परीक्षण किया है। यह बॉम्बर इतना घातक है कि रूस से एक बार उड़ान भरने के बाद अमेरिका तक परमाणु हमला कर सकता है। इस मिसाइल को एयरक्राफ्ट कैरियर किलर के नाम से जाना जाता है। जो समुद्र में किसी भी ताकतवर युद्धपोत को पल भर में बर्बाद कर सकता है।सुपरसोनिए एयर लॉन्च क्रूज मिसाइल एक्स-32 मिसाइल को Kh-32 के नाम से भी जाना जाता है। इसे पहली बार 2016 में रूसी सेना में शामिल किया गया था। यह मिसाइल 600 से 1000 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के किसी भी युद्धपोत को नष्ट करने की ताकत रखती है। हवा से लॉन्च होने के कारण इस मिसाइल की रेंज काफी ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि अमेरिका का लंबी दूरी तक हमला करने वाला परमाणु बॉम्बर टीयू-22एम3 इसे दुश्मन के बेहद करीब तक खुद लेकर जा सकता है।रूस अपने घातक टीयू-22एम3 परमाणु बॉम्बर में एक्स-32 मिसाइल को मुख्य हथियार के रूप में तैनात करने की योजना पर काम कर रहा है। रूस ने दावा किया है कि फायरिंग के दौरान इस मिसाइल ने अपने सभी लक्ष्यों को पूरा किया है। एक्स-32 को मुख्य रूप से विमानवाहक जहाजों यानी एयरक्राफ्ट कैरियर को खत्म करने के लिए विकसित किया गया है, क्योंकि युद्धपोतों के एयर डिफेंस सिस्टम इस मिसाइल को पकड़ नहीं सकते हैं।एक्स-32 मिसाइल को रूस लगातार अपग्रेड भी कर रहा है। हाल में ही जिस मिसाइल का परीक्षण किया गया है, उसमें अधिक ताकत देने वाला अपग्रेड लिक्विड प्रोपलेंट रॉकेट इंजन लगा हुआ है। मिसाइल में ऑनबोर्ड डिजिटल कंप्यूटर कांप्लेक्स, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, एंटी जैमिंग एक्टिव-पैसिव रडार स्टेशन के अलावा खुद की इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली भी लगी हुआ है। यह मिसाइल हाइपरसोनिक स्पीड के बेहद करीब उड़ान भरने में सक्षम है, ऐसे में मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए इसे मार गिराना बेहद मुश्किल होगा।टीयू-22एम3 को सोवियत संघ के जमाने के टीयू-22एम से विकसित किया गया है। जो सुपरसोनिक स्पीड से 5100 किलोमीटर की दूरी तक हमला करने में सक्षम है। परमाणु हमला करने में सक्षम इस घातक बमवर्षक विमान की अधिकतम रफ्तार 2300 किलोमीटर प्रति घंटा है। 40 मीटर लंबा और 34 मीटर चौड़ा यह बॉम्बर टर्बोजेट इंजन की मदद से उड़ान भरता है। हाल में ही टीयू-22एम3 के दो प्रोटोटॉइप को बनाया गया है, जिसका अभी फ्लाइट ट्रायल किया जा रहा है।अमेरिका को भी इस घातक बॉम्बर से डर लगता है। क्योंकि, यह बॉम्बर रडार की पकड़ से बचने के लिए काफी नीचे उड़ान भरने में सक्षम है। अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठ नाटो ने इसे बैकफायर-सी ( Backfire-C) का नाम दिया है। इसमें हवा में ईंधन भरने के लिए एरियल रिफ्यूलिंग नोज को भी लगाया गया है। जो इसकी रेंज को और अधिक बढ़ा देता है। रूस ने अपने इस जहाज को सीरिया के जंग के मैदान में टेस्ट भी किया है। जहां इसने अपनी भीषण बमबारी से कई आतंकी ठिकानों को बर्बाद कर दिया था।यूएस नेवी के एयरक्राफ्ट कैरियर दुनियाभर में अमेरिकी नौसैनिक ताकत के प्रतीक माने जाते हैं। इसी की मदद से अमेरिका अपनी जमीन से हजारों किलोमीटर दूर सैन्य अभियानों को आसानी से संचालित करता है। ऐसे में अगर इन एयरक्राफ्ट कैरियर्स को बर्बाद करने वाली कोई मिसाइल रूस के पास आ जाती है तो यह अमेरिका के लिए चिंता की वजह बन सकती है। अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन भी रूस को लेकर पहले ही तल्ख रूख दिखा चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले भविष्य में दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।

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