नया जम्मू कश्मीर मुख्य सचिव बिना पूर्ववर्ती प्रभार सौंपे कार्यभार ग्रहण करेगा
www.youngorganiser.com Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 31th May. 2021, Mon. 00: 31 AM (IST) : टीम डिजिटल:Team Work: Kuldeep & Kunwar श्रीनगर : जम्मू और कश्मीर में सोमवार को एक विकट प्रशासनिक स्थिति देखी जाएगी जब आने वाले मुख्य सचिव निवर्तमान अधिकारी के अपना पद छोड़ने के बिना ही कार्यभार संभालेंगे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा आज ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में नए मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता और विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक एक नियमित प्रशासनिक अभ्यास है, सिवाय इसके कि मेहता अपने पूर्ववर्ती के बिना मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार संभालेंगे। बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने उन्हें प्रभार सौंपा है। सुब्रह्मण्यम को हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय में ओएसडी के रूप में तैनात किया गया था। उनको उम्मीद थी कि वो रिटायरमेंट के पहले वाणिज्य मंत्रालय में वाजिज्य सचिव के तौर पर नियुक्त हो जाएंगे। जम्मू कश्मीर ने दो दिन पहले एक असामान्य प्रशासनिक आदेश देखा जो सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किया गया था। आदेश में कहा गया है कि सभी फाइलें नए मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता के माध्यम से उपराज्यपाल और उनके सलाहकारों को सौंपी जाएंगी। निवर्तमान मुख्य सचिव द्वारा मेहता को कार्यभार सौंपने की अनिच्छा के कारण आदेश आवश्यक हो गया, जिन्हें सोमवार को पद संभालने के लिए कहा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री, उमर अब्दुल्ला ने प्रशासनिक आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है कि फाइलों को नए मुख्य सचिव के माध्यम से भेजा जाना चाहिए।
उमर ने ट्विटर पर अपनी टिप्पणी में कहा “जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा जारी किया गया बहुत ही असामान्य आदेश। अगर मैं बेहतर नहीं जानता तो मैं इस आदेश को पढ़ूंगा, इसका मतलब है कि निवर्तमान सीएस अपने उत्तराधिकारी को प्रभार सौंपने के इच्छुक नहीं थे। किसी भी तरह से मैंने इससे पहले ऐसा आदेश नहीं देखा है।”
नवनियुक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार (एके) मेहता आज सोमवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में होने वाली उच्चस्तरीय बैठक के साथ ही औपचारिक रूप से अपना कार्यभार संभालेंगे। उपराज्यपाल द्वारा अचानक ही 31 मई को सभी प्रशासनिक सचिवों की बुलाई गई बैठक में निवर्तमान मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम की उपस्थिति को लेकर देर रात गए तक संशय बना हुआ था। आजादी के बाद जम्मू कश्मीर की नौकरशाही में ऐसा पहली बार हुआ है, जब निवर्तमान मुख्य सचिव द्वारा औपचारिक रूप से कार्यभार छोड़ने से पहले ही सभी प्रशासनिक अधिकारियों को सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज नवनियुक्त मुख्य सचिव को भी भेजने का निर्देश दिया गया हो। वहीं, एके मेहता श्रीनगर पहुंच गए हैं। उल्लेखनीय है 27 मई को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के मुख्यसचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम को केंद्रीय वाणिज्य मंत्राल में आफिसर ऑन स्पेशल डयूटी तैनात कर दिया। इसके साथ ही कहा गया कि वह 30 जून को मौजूदा केंद्रीय वाणिज्य सचिव के सेवानिवृत्त होते ही वाणिज्य सचिव का कार्यभार संभालेंगे। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर के वित्तायुक्त एके मेहता को उनके स्थान पर मुख्यसचिव नियुक्त कर दिया गया। सूत्रों की मानें तो बीवीआर सुब्रह्मण्यम केंद्र के इस फैसले से कथित तौर पर संतुष्ट नहीं है। वह चाहते हैं कि उन्हेंं कम से कम सात जून तक जम्मू कश्मीर में ही मौजूदा कार्यभार के साथ रहने दिया जाए। इस मामले में शायद किसी को कोई विवाद नजर नहीं आता, अगर दो दिन पहले प्रदेश प्रशासन सभी वरिष्ठ अधिकारियों को सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज और फाइलें 30 मई 2021 से ही नवनियुक्त मुख्य सचिव एके मेहता को भेजने का आदेश जारी नहीं करता। हालांकि, एके मेहता ने बतौर मुख्य सचिव औपचारिक रूप से कार्यभार नहीं संभाला है। नवनियुक्त मुख्य सचिव को फाइलें भेजने के आदेश से शुरू हुई अटकलबाजियों ने रविवार की दोपहर बाद उस समय और जोर पकड़ा जब महाप्रशासनिक विभाग में उपसचिव मलिक सुहेल द्वारा उपराज्यपाल की अध्यक्षता में सोमवार को होने वाली बैठक का एक सर्कुलर जारी हुआ। इसमें कहा गया है कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा 31 मई 2021 की सुबह 11 बजे मुख्य सचिव और सभी प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक करेंगे। इसमें प्रशासनिक गतिविधियों, कोविड प्रबंधन व अन्य नीतिगत मामलों पर चर्चा होगी। सभी प्रशासनिक सचिव बैठक में उपस्थित रहें, जो प्रशासनिक सचिव जम्मू संभाग में हैं, वह वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इसमें शामिल हों। रविवार दोपहर को बैठक संबंधी जारी सूचना में सामान्य तौर पर भी कुछ भी असामान्य नजर नहीं आता, लेकिन जिस तरह से अचानक एके मेहता दोपहर बाद श्रीनगर पहुंचे और उसके साथ ही बैठक संंबंधी एक सर्कुलर जारी होना, पहले से जारी अटकलों को बढ़ा गया है। कहा जा रहा है कि बैठक में निवर्तमान मुख्य सचिव नहीं होंगे बल्कि नवनियुक्त मुख्य सचिव एके मेहता शामिल रहेंगे और वह सुबह 10 बजे के करीब औपचारिक रूप से अपना कार्यभार संभालेंगे। जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव पद से स्थानांतरित होकर वाणिज्य मंत्रालय में ओएसडी बनाकर भेजे गए बीवीआर सुब्रह्मण्यम के कार्यकाल की इकजुट जम्मू के प्रधान अंकुर शर्मा ने जांच करवाने की मांग की है। शर्मा ने कहा कि सिर्फ बीवीआर सुब्रह्मण्यम को मुख्य सचिव के पद से हटाना काफी नही हैं। पता लगाया जाना चाहिए कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जिन योजनाओं पर काम होना था, वह उनके कार्यकाल में क्यों नहीं हो पाया और अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद उनकी क्या भूमिका रही। उनके कार्यकाल में अनुच्छेद हटाने के बाद भी जम्मू कश्मीर में कुछ नहीं बदला है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि नए मुख्य सचिव पुराने मुख्य सचिव की नीतियों का पालन नहीं करेंगे। शर्मा ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे सरकार खुद अपने फैसले को बदल जम्मू कश्मीर को पुराने रास्ते पर लेकर जा रही है। उन्होंने जम्मू कश्मीर में कोरोना के मामलों को समय पर न संभाल पाने का आरोप भी मुख्य सचिव पर लगाया।
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