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देश में कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या करीब 82 हजार पार

नई दिल्ली : आई.सी.एम.आर के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि 31 मार्च तक 47,852 नमूनों की जांच की गई थी जबकि 30 अप्रैल तक 9 लाख,02 हजार,654 नमूने की जांच की गई थी। वहीं 1 मई से 15 मई सुबह आठ बजे तक 11 लाख, 37 हजार,298 नमूनों की जांच की गई। आरटी-पीसीआर में गले और नाक से नमूने लेकर जांच की जाती है और यह संक्रमण का पता लगाने का अब तक का सबसे प्रमाणिक जांच है।कोविड-19 पर मंत्री समूह (जीओएम) को सूचित किया गया कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में से 79 प्रतिशत महज 30 निकाय क्षेत्रों से आए हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना के संक्रमितों की संख्या 83,072 पहुंच चुकी है। देश में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण से 2,600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। हालांकि, 34.06 प्रतिशत की दर से अभी तक 27,920 लोग कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त होकर अपने घर जा चुके हैं। वहीं, देश में कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए 20 लाख से ज्यादा आरटी-पीसीआर टेस्ट हो चुके हैं।कोरोना की स्थिति पर गहन चर्चाऐसे में जबकि देश में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं, जीओएम ने इलाकों को कंटेनमेंट एरिया में तब्दील करने और कोविड-19 के मैनेजमेंट, केंद्र तथा विभिन्न राज्यों की ओर से उठाए गए कदमों पर चर्चा की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय मंत्री समूह की 15वीं बैठक में भारत और दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के हालात पर विस्तृत समीक्षा पेश की गई। दुनियाभर में कोविड-19 मरीजों की मृत्यु दर करीब 7%बैठक में जीओएम को सूचित किया गया कि दुनियाभर में कोविड-19 के 42 लाख, 48 हजार, 389 मामले आए हैं जिनमें से 2 लाख, 94 हजार, 46 लोगों की मौत हुई है और मृत्युदर 6.92 प्रतिशत है। उन्हें बताया गया कि भारत में अभी तक 81,970 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं और 3.23 प्रतिशत की मृत्यु दर से कुल 2,649 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया, ‘लॉकडाउन के कारण कोविड-19 के मरीजों की संख्या दोगुनी होने में लगने वाले समय पर पड़े असर के बारे में भी बताया गया। लॉकडाउन से पहले जहां 3.4 दिन में मामले दोगुने हो रहे थे, वहीं अब मरीजों की संख्या 12.9 दिन में दोगुनी हो रही है।’ बयान में कहा गया है कि ‘भारत में आए कोविड-19 के कुल मामलों का 79 प्रतिशत महज 30 निकाय क्षेत्रों से है।’ उसमें कहा गया है, ‘बैठक में चर्चा हुई है कि कोविड-19 प्रबंधन रणनीति में उन राज्यों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है जहां संक्रमित लोगों और संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या ज्यादा है।’ इस बैठक में नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, जहाजरानी, रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख लाल मंडाविया और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे उपस्थित थे। जीओएम को सूचित किया गया कि शुक्रवार तक देश में स्वास्थ्य सेवा ढांचों की स्थिति कुछ इस प्रकार है- कोविड-19 के इलाज के लिए समर्पित 919 अस्पतालों सहित कुल 8,694 केन्द्र, 2,036 स्वास्थ्य केन्द्र और 5,739 देखभाल केंद्र हैं। इनमें गंभीर और अति गंभीर हालत वाले मरीजों के लिए 2 लाख, 77 हजार, 429 बिस्तर हैं, आईसीयू में 29,701 बिस्तर हैं जबकि आइसोलेशन वार्डों में 5 लाख, 15 हजार, 250 बिस्तर हैं। कोरोना से लड़ने कीदेश में पर्याप्त सुविधाएंस्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए देश में फिलहाल 18,855 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। जीओएम को सूचित किया गया कि देसी कंपनियां रोज करीब तीन लाख निजी सुरक्षा उपकरण/पोशाक (पीपीई) और इतनी ही संख्या में एन-95 मास्क का निर्माण कर रही हैं, यह निकट भविष्य में देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। घरेलू उत्पादकों ने वेंटिलेटर का निर्माण भी शुरू कर दिया है और खरीद के लिए ऑर्डर दिया जा चुका है।केन्द्र ने राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को 84.22 लाख एन-95 मास्क और 47.98 लाख पीपीई किट दिए हैं। आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने जीओएम को सूचित किया कि 509 सरकारी और निजी प्रयोगशालाएं मिलाकर फिलहाल एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के लिए करीब 1 लाख नमूनों की जांच कर रहे हैं।उधर, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ICMR के अधिकारियों ने बताया कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमण का पता लगाने के लिए की जाने वाली आरटी-पीसीआर जांच की संख्या शुक्रवार को 20 लाख के पार हो गई। आईसीएमआर में शोध प्रबंधन, नीति योजना और संप्रेषण विभाग के प्रमुख डॉ. रजनीकांत श्रीवास्तव ने बताया कि शुक्रवार सुबह नौ बजे तक 20 लाख 39,952 नमूनों की जांच की जा चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक कोविड-19 की जांच में पिछले दो महीनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और अब रोजाना एक लाख जांच की क्षमता हो गई है।

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