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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 11th June 2020.
Thu, 12:56 PM (IST) : Team Work: Taru. R.Wangyal & Pawan Vikas Sharma
पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा की अदालत ने आतंकवादियों की सहायता करने एवं देश के विभिन्न हिस्सों में आकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोपी जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के पूर्व पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह समेत तीन आरोपियों की जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। अदालत ने यह भी कहा कि विभिन्न जांच एजेंसी अलग-अलग आरोपियों से पूछताछ कर रही हैं। हाल ही में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पूछताछ की अनुमति मांगी थी, जोकि मंजूर की गई थी।पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा की अदालत ने आरोपी दविंदर सिंह, इरफान शफी मीर व सैययद नवीद मुस्ताक की जमानत याचिका को नामंजूर किया है। तीनों की तरफ से दलील दी गई थी कि उनसे कई जांच एजेंसियां पूछताछ कर चुकी हैं। अब उनसे पूछताछ की आवश्यकता नहीं है।साथ ही जमानत याचिका में कहा गया था कि उन्हें गिरफ्तार किए करीब छह महीने का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है। इसी आधार पर आरोपियों ने जमानत की मांग की थी। जबकि जांच एजेंसियों की तरफ से अदालत में जवाब देते हुए कहा कि करीब पिछले तीन महीने से कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने देशभर में लॉकडाउन लगा हुआ था। इस कारण बहुत सारे साक्ष्य व दस्तावेज जुटाना बाकी है।जांच अधिकारी ने यह भी कहा कि यह मामला इतना संगीन है कि तमाम पहलुओं पर जांच के बिना आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती। एजेंसी का कहना था कि दविंदर सिंह के साथ दो अन्य लोग भी न्यायिक हिरासत में हैं। ये सभी जमानत पाने के हकदार नहीं हैं। अदालत ने जांच एजेंसी की दलील को स्वीकार करते हुए आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।पेश मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एन.आई.ए), दिल्ली पुलिस, जम्मू एवं कश्मीर पुलिस, सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी) इस मामले में अपने-अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं। जांच एजेंसियों के मुताबिक दविंदर सिंह के श्रीनगर स्थित घर पर छापामारी भी की गई है। वहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज व उसके आतंकियों से जुड़े होने के साक्ष्य भी मिले हैं। जांच एजेंसी ने अपने जवाब में यह भी कहा कि यह मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है। पुलिस का ही एक अधिकारी जब संदिग्ध आतंकियों का साथ दे तो इससे खतरनाक स्थिति उत्पन्न ही हो सकती हैं।