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ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान नेता वीएम सिंह का बड़ा दावा, राकेश टिकैत पर साधा निशाना

नई दिल्ली: कृषि कानून विरोधी आंदोलन को लेकर किसान संगठनों में खुलकर गतिरोध सामने आने लगा है। 26 जनवरी की हिंसा से आहत होकर गाजीपुर से आंदोलन वापस लेने वाले किसान नेता सरदार वीएम सिंह ने कहा कि हठधर्मिता और नेतगीरी चमकाने के चक्कर में मौजूदा आंदोलन कमजोर हो रहा है। सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओें में चेहरा चमकाने की होड़ लगी हुई है। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने कहा कि उन्हें भी इस कारण दो माह पहले ही किसानों के मोर्चे से बाहर कर दिया गया था तो भी वह किसान एकता के हित में गाजीपुर बार्डर पर डटे रहे। उनके साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान थे, जिनका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कोई सरोकार भी नहीं था। प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि टिकैत ने ही ट्रैक्टर  रैली को गाजीपुर से दिल्ली की ओर मोड़ा। अब उनका क्या, लेकिन भुगतना तो उन गांव वालों को पड़ रहा है, जिनके अब हिंसा में नाम आ रहे हैं। उन्होंने कटाक्ष किया कि मात्र वे ही किसान संगठन और नेता नहीं हैं जिन्हें सरकार हमेशा बातचीत की टेबल पर बुला रही है, बल्कि देशभर में सैकड़ों बड़े किसान संगठन हैं, जिनकी बातों को भी सरकार को सुनना चाहिए और बातचीत के लिए बुलाना चाहिए। प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनके साथ ही उत्तर प्रदेश के 22 किसान संगठनों को लेकर बनी उत्तर प्रदेश किसान मोर्चा मौजूदा आंदोलन से अलग अपना आंदोलन चलाने जा रही है, जो एक मार्च से शुरू होगा। उन्होंने कटाक्ष किया कि मात्र वे ही किसान संगठन और नेता नहीं हैं जिन्हें सरकार हमेशा बातचीत की टेबल पर बुला रही है, बल्कि देशभर में सैकड़ों बड़े किसान संगठन हैं, जिनकी बातों को भी सरकार को सुनना चाहिए और बातचीत के लिए बुलाना चाहिए। प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनके साथ ही उत्तर प्रदेश के 22 किसान संगठनों को लेकर बनी उत्तर प्रदेश किसान मोर्चा मौजूदा आंदोलन से अलग अपना आंदोलन चलाने जा रही है, जो एक मार्च से शुरू होगा। इस आंदोलन में उत्तर प्रदेश के प्रत्येक गांव में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया जाएगा। हर रोज पांच नए किसान क्रमिक अनशन पर बैठेंगे। इसी तरह रोजाना एक गांव से 150 परिवार प्रधानमंत्री को अपना संदेश पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी प्रमुख मांग एमएसपी की गारंटी वाले कानून की है। यह लागू होता है तो बाकि तीन कृषि कानून रहते भी हैं तो किसानों को कोई दिक्कत नहीं है।

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