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यू.एम.टी.ए महानगरीय क्षेत्र विकास प्राधिकरणों की इकाई का गठन श्रीनगर और जम्मू शहर के मास्टर प्लान के अनुरूप होगा। प्रशासन ने बदलते परिवेश के मुताबिक परिवहन व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एकीकृत महानगरीय परिवहन प्राधिकरण यू.एम.टी.ए के गठन को मंजूरी दी : G.C.MURMU-AT-RAJBHAWAN-HIGH-LEVEL-MEETING.jpg June 6, 2020

जी.सी.मुर्मू की अध्यक्षता में परिवहन प्राधिकरण के गठन को मंजूरी

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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 6th June 2020.

 Sat, 08:09 PM (IST) : Team Work:  Imtiaz Choudhary & Pawan Vikas Sharma

जम्मू : यू.एम.टी.ए महानगरीय क्षेत्र विकास प्राधिकरणों की इकाई का गठन श्रीनगर और जम्मू शहर के मास्टर प्लान के अनुरूप होगा। प्रशासन ने बदलते परिवेश के मुताबिक परिवहन व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एकीकृत महानगरीय परिवहन प्राधिकरण यू.एम.टी.ए के गठन को मंजूरी दी है। इसकी स्थापना के प्रस्ताव पर शनिवार को उपराज्यपाल जी.सी मुर्मू की अध्यक्षता में प्रशासनिक परिषद की बैठक में मुहर लगा दी गई। बैठक में प्रशासकीय परषिद के सभी सदस्यों और मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए भाग लिया। प्रशासनिक परिषद के फैसले के मुताबिक प्रस्तावित यू.एम.टी.ए की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे। परिवहन एवं गतिशीलता से जुड़े प्राधिकरणों व प्रमुख विभागों के प्रशासकीय सचिव, केंद्र सरकार की संस्थाओं के प्रतिनिधि और परिवहन व गतिशीलता क्षेत्र में विशेषज्ञ इन यू.एम.टी.ए में बतौर सदस्य शामिल रहेंगे। यह दोनों संस्थाएं जम्मू कश्मीर महानगरीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण अधिनियम 2018 के तहत गठित महानगरीय क्षेत्र विकास प्राधिकरणों की इकाई के रूप में ही काम करेंगी। क्रियाशील होने पर यह दोनों सस्थाएं लोगों और सामान की आवाजाही को सुनिश्चित बनाने के लिए सिर्फ वाहनों पर ध्यान देने के बजाय एकीकृत, समर्थ, तेज, अत्याधुनिक मल्टी-मॉडल गतिशीलता व्यवस्था में जिसमे गैर मोटर चालित परिहवहन भी शामिल होगा, को विकसित करेंगी। हाईकोर्ट परिसर के लिए श्रीनगर में मिली और ढाई सौ कनाल जमीन परिषद ने श्रीनगर में उच्च न्यायालय के नए परिसर के निर्माण और न्यायिक अवसंरचना के विस्तार के लिए रक्ख-ए-गुंड-अक्शां बेमिना में 250 कनाल अतिरिक्त जमीन आवंटित करने पर भी सहमति दी है। इस आवंटन से पूर्व भी उच्च न्यायालय को दिसंबर 2019 में 250 कनाल जमीन प्रदान की गई है। अब उच्च न्यायालय को आवंटित जमीन 500 कनाल हो गई है।संबंधित विभाग ने अतिरिक्त जमीन के आवंटन के लिए भेजे गए प्रस्ताव में बताया है कि अतिरिक्त जमीन न सिर्फ उच्च न्यायालय परिसर के निर्माण के लिए चाहिए, बल्कि सहयोगी अवसंरचना जैसे प्रार्थना कक्ष, मध्यस्थता केंद्र, वादियों की सुविधा, कैंटीन, पुलिस व सुरक्षा अवसरंचना, न्यायिक प्रशासन के स्टाफ की आवासीय सुविधा, कांफ्रेंस हॉल, पार्किंग और फायर स्टेशन के निर्माण के लिए भी जरूरी है। प्रदेश प्रशासन ने बदलते परिवेश के मुताबिक परिवहन व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एकीकृत महानगरीय परिवहन प्राधिकरण यू.एम.टी.ए के गठन को मंजूरी दे दी है।

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