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जयशंकर ब्लिंकन वार्ता पर अमेरिकी नजर

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 31th May. 2021, Mon. 00: 46 AM (IST) : ( Article ) Kunwar and Kuldeep पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जब चीनी सैनिकों की गतिविधियां फिर से बढ़ने की खबर है, तब शुक्रवार को वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर की बातचीत में इस समूचे क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये की समीक्षा की गई। अमेरिका इस पर नजर रखे हुए है। नई सरकार आने के बाद वहां आधिकारिक यात्रा पर जाने वाले जयशंकर भारत के पहले कैबिनेट मंत्री हैं। पहली बार इन मुद्दों पर बात यह भी उल्लेखनीय है कि जो बाइडन प्रशासन के साथ भारत ने पहली बार अपनी सीमा पर चीन की गतिविधियों को लेकर बात की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के दक्षिणी एवं मध्य एशिया मामलों के विभाग के कार्यवाहक उपसचिव डीन थाम्पसन ने बताया कि भारत चीन सीमा पर गतिविधियों पर चर्चा हुई है। इससे ज्यादा मैं इस विषय में हुई चर्चा के बारे में नहीं बता सकती, लेकिन हम पूरी स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं। चीन की गतिविधियों दोनों देशोंं के लिए चुनौती थाम्पसन ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि वहां जल्द शांतिपूर्ण तरीके से मामले का समाधान किया जाएगा।’ उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में यह भी बताया कि इस समूचे क्षेत्र में चीन की समस्या पैदा करने वाली गतिविधियों को लेकर हमारी साझा चुनौती है और दोनों देश एक ही दिशा में सोचते हैं। इन मुद्दों पर गंभीर चर्चा इसके पहले जयशंकर की अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन के साथ मुलाकात में भी हिंद प्रशांत क्षेत्र और वहां चीन की गतिविधियों से उत्पन्न होने वाली दिक्कतों को लेकर गंभीर चर्चा हुई थी। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय वार्ताओं में पहले भी चीन की तरफ से भारतीय सीमा के अतिक्रमण का मुद्दा उठा है, लेकिन कभी अमेरिका ने इसे सार्वजनिक नहीं किया। अमेरिका के साथ दोस्‍ती दे रही कई संकेत दोनों देशों के बीच चीन को लेकर हुई बातचीत कई तरह के संकेत देती है। बाद में जयशंकर ने मीडिया के साथ बातचीत में सीधे तौर पर चीन का नाम तो नहीं लिया, लेकिन जिस तरह उन्होंने भारत, आस्ट्रेलिया, जापान व अमेरिका के क्वाड गठबंधन की हिमायत की, वह भारत के रुख को दर्शाती है। क्वाड में भूमिका को लेकर भारत स्‍पष्‍ट जयशंकर ने कहा कि आज की दुनिया में एक शून्य उभर आया था जो क्वाड के जरिये भरने की कोशिश हो रही है। दुनिया में कुछ इस तरह का शून्य पैदा हो गया था जिसे कोई भी इकलौता देश नहीं भर सकता था। क्वाड के जरिये हम अपने साझा हितों को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही भारत क्वाड में अपनी भूमिका को लेकर पूरी तरह से स्पष्ट है। भारत की भावी रणनीति की तरफ इशारा क्वाड की शुरुआत सामुद्रिक सुरक्षा एवं कनेक्टिविटी को लेकर हुई थी, लेकिन अब ये देश तकनीक, सप्लाई चेन और कोरोना वैक्सीन जैसे मुद्दों पर सहयोग कर रहे हैं। सनद रहे कि 12 मार्च, 2021 को पहली बार क्वाड देशों के प्रमुखों की बैठक हुई थी। उसके बाद भारतीय विदेश मंत्री ने इसकी अहमियत को जिस तरह दुनिया के सामने रखा है वह भारत की भावी रणनीति की तरफ भी इशारा करता है।

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