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ओम बिरला लोकसभा स्पीकर ने केंद्र शासित जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और नागालैंड के लिए परिसीमन आयोग में एसोसिएट सदस्यों को नियुक्त किया:Om-Birla.jpg May 28, 2020: Young Organiser

जम्मू-कश्मीर सहित अन्य केंद्र शासित राज्यों के लिए परिसीमन आयोग के एसोसिएट सदस्य नियुक्त

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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 28 May 2020.

 Thu, 03:04 PM (IST) :            Team Work: Kuldeep & Pawan Vikas Sharma

नई दिल्ली : ओम बिरला लोकसभा स्पीकर ने केंद्र शासित जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और नागालैंड के लिए परिसीमन आयोग में एसोसिएट सदस्यों को नियुक्त किया है। ओम बिरला ने परिसीमन अधिनियम 2002 के अनुच्छेद-दो के तहत एसोसिएट सदस्यों को नियुक्त किया है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जम्मू-कश्मीर सहित अन्य केंद्र शासित राज्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित परिसीमन आयोग में एसोसिएट सदस्यों को नामांकित कर दिया है। जस्टिस सेवानिवृत्त रंजना प्रकाश देसाई को सात मार्च को परिसीमन आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। भारत के चुनाव आयोग के आयुक्त सुशील चंद्र इसके सदस्य हैं।  केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश के लिए परिसीमन आयोग में नामित किए गए एसोसिएट सदस्यों में पी.एम.ओ में मंत्री डाॅ जितेंद्र सिंह, डाॅ फारूक अब्दुल्ला के अलावा बारामूला संसदीय क्षेत्र के सांसद माेहम्मद अकबर लोन, अनंतनाग संसदीय क्षेत्र के सांसद जस्टिस सेवानिवृत्त हसनैन मसूदी और जम्मू-पुंछ संसदीय सीट के सांसद जुगल किशोर शर्मा शामिल हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार भी आयोग में सदस्य रहेंगे। जस्टिस सेवानिवृत्त रंजना प्रकाश देसाई की नियुक्ति एक साल के लिए या फिर अगले आदेश तक हुई है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आयोग अपना काम एक साल में पूरा करते हुए केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश को आवंटित 90 विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को तय कर लेगा। ये बने जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग के एसोसिएट सदस्य: केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश के लिए परिसीमन आयोग में नामित किए गए एसोसिएट सदस्यों में पी.एम.ओ में मंत्री डाॅ जितेंद्र सिंह, डाॅ फारूक अब्दुल्ला के अलावा बारामूला संसदीय क्षेत्र के सांसद माेहम्मद अकबर लोन, अनंतनाग संसदीय क्षेत्र के सांसद जस्टिस (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी और जम्मू-पुंछ संसदीय सीट के सांसद जुगल किशोर शर्मा शामिल हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार भी आयोग में सदस्य रहेंगे। हालांकि, परिसीमन आयोग द्वारा रिपोर्ट दाखिल किए जाने की समय सीमा का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है, लेकिन बताया जाता है कि जस्टिस सेवानिवृत्त रंजना प्रकाश देसाई की नियुक्ति एक साल के लिए या फिर अगले आदेश तक हुई है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आयोग अपना काम एक साल में पूरा करते हुए केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश को आवंटित 90 विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को तय कर लेगा। अब 90 सीटों के लिए होंगे चुनाव: परिसीमन आयोग केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के भाग पांच के प्रावधानों और परिसीमन अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत करेगा। पुनर्गठन अधिनियम के तहत जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में पुनर्गठित हुआ है। जम्मू-कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित राज्य बनाया गया है। इसमें सात विधानसभा सीटों को बढ़ाया गया है। जम्मू-कश्मीर में 114 विधानसभा सीटों में से 24 गुलाम कश्मीर के लिए आरक्षित हैं जबकि 90 सीटों के लिए चुनाव होंगे। पुनर्गठन से पहले के जम्मू कश्मीर राज्य में 111 विधानसभा सीटें थी और उनमें 24 गुलाम कश्मीर के लिए आरक्षित रहती थी जबकि 87 सीटों के लिए मतदान होता था। इनमें चार सीटें लद्दाख प्रांत की होती थी। लद्दाख के अलग केंद्र शासित राज्य बनने के बाद यह सीटें समाप्त हो गई। जम्मू-कश्मीर में 83 सीटें रह गई।

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