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जम्मू कश्मीर लोक सेवा आयोग

जम्मू कश्मीर लोक सेवा आयोग बिना चेयरमैन के चल रहा

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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 11 May 2020.

 Mon, 09:03 AM (IST) :Team Work: Pawan Vikas Sharma & Kunwar

जम्मू: केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले राज्य लोक सेवा आयोग होता था, लेकिन इसे अब केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर लोक सेवा आयोग बना दिया गया है। मगर इसमें न तो चेयरमैन की नियुक्ति हुई है और न ही सदस्यों की। सात महीने से आयोग कोई भी नियुक्ति नहीं कर पाया है। नए पदों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पा रही है। जो इंटरव्यू होने थे, वे भी स्थगित हो गए। सबसे बड़ी परेशानी नए मेडिकल कॉलेजों को लेकर है। इन मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियां अधर में हैं। यही नहीं, मेडिकल कॉलेज जम्मू और श्रीनगर में पिछले साल नवंबर महीने में न्यूरोलाजी, न्यूरो सर्जरी, स्किन, मेडिसीन, फार्माकोलॉजी, ईएनटी, फिजियोलॉजी, पैथोलॉजी, रेडियो डायग्नोसिस, रेडियो थेरेपी और सोशल एंड प्रीवेंटिव मेडिसीन विभागों में लेक्चरर के पदों के लिए इंटरव्यू होने थे। नवंबर के प्रथम सप्ताह में होने वाले इन इंटरव्यू को दो बार स्थगित किया गया। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से ही जम्मू कश्मीर में लोक सेवा आयोग (पीएससी) पूरी तरह से निष्क्रिय पड़ा है। इसके कारण कश्मीर प्रशासनिक सेवाओं के लिए इंटरव्यू तो हो ही नहीं पा रहे हैं, वहीं मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की नियुक्तियां भी अधर में हैं। पहले इन्हें 18 से 23 नवंबर के बीच लेने का फैसला हुआ, लेकिन बाद में 18 नवंबर को नई अधिसूचना जारी हुई। इसमें कहा गया कि मेडिकल कॉलेज जम्मू और श्रीनगर में विभिन्न विभागों में लेक्चरार के पदों के लिए होने वाले इंटरव्यू स्थगित कर दिए गए। इन पदों के लिए इंटरव्यू देने वाले युवाओं में रोष है। उनका कहना है कि कई महीनों से चयन प्रक्रिया को लटकाया जा रहा है। आयोग में ऐसा कोई नहीं है जो कि सही जानकारी देता हो। इस समय न तो चेयरमैन हैं और न ही अन्य सदस्य। इस कारण भी उनके इंटरव्यू नहीं हो पा रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य दीपक कुमार ने भी पीएससी में नियुक्तियां करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जो इंटरव्यू स्थगित हुए हैं, वे तुरंत होने चाहिए। वापस हुआ आदेश: सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर लोक सेवा आयोग के चेयरमैन पद में कुछ दिन पहले ही आइएएस बीआर शर्मा को नियुक्त किया था, लेकिन उनकी नियुक्ति आदेश को कुछ घंटों में ही वापस ले लिया गया। वह स्टाफ सेलेक्शन कमीशन के चेयरमैन के पद पर नियुक्त किए गए थे। ऐसे में उनकी नियुक्ति सरकार के लिए धक्का साबित हुई।

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