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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 20 Apr 2020.
Mon 11:57 PM (IST) Sandeep
बीजिंग। भारत के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग डी.पी.आई.आई.टी ने 18 अप्रैल को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में संशोधन किया। इसके अनुसार चीन समेत भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों से आने वाले विदेशी निवेश के लिये सरकारी मंजूरी लेना जरूरी हो गया है। अब विदेशी उद्यमों के लिए भारत में पूंजी लगाने में काफी हद तक मुश्किलें बढ़ जाएंगी। उद्यम कहां निवेश करता है, यह देश की अर्थव्यवस्था और व्यापारिक वातावरण पर निर्भर करता है। महामारी से आर्थिक मंदी आने की स्थिति में विभिन्न देशों को एकजुट होकर निवेश का बेहतर वातावरण तैयार करने के साथ-साथ उद्यमों के उत्पादन और व्यापार को शीघ्र ही बहाल करना चाहिए। चीन ने भारत में 8 अरब से अधिक अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है। इस नीति से चीनी निवेशकों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। चीन के निवेश से भारत का मोबाइल फोन, बुनियादी संस्थापनों का निर्माण आदि व्यवसायों का विकास बढ़ा है और भारत में रोजगार के व्यापक मौके बढ़े हैं, जो आपसी लाभ वाला सहयोग है।