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गणतंत्र दिवस परेड में राफेल विमान ने हैरतअंगेज करतब दिखाये देख सीना गर्व से चौड़ा

www.youngorganiser.com…Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 26th, Jan. 2021. Tue, 12:59 PM (IST) : Team Work: Team Work:  Pawan Vikas Sharma , Kunwar , Imtiaz Chowdhury, Arun Gavaskar, Siddharth, Sandeep Agerwal, Kuldeep Sharma,Gurmeet , Kapish, Sampada Kerni & Taru. R.Wangyal, नयी दिल्ली: देश के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहां राजपथ पर परेड में हाल ही में वायुसेना में शामिल किये गए राफेल लड़ाकू विमान ने पहली बार हिस्सा लिया और एकल प्रदर्शन के तहत आकाश में ‘ब्रह्मास्त्र’

   …भीष्म, ब्रह्मोस, पिनाका, T-72… राजपथ पर देश की ताकत देख सीना गर्व से चौड़ा हो गया…

….प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी….

…..भारतीय वायु सेना की झांकी का हिस्सा बनी जेट फाइटर की महिला पायलट…..

……बांग्लादेश की सैन्य टुकड़ी ने राजपथ पर किया मार्च, दल के नायक ने कहा कि गर्व का क्षण……

की आकृति और चार अन्य लड़ाकू विमानों के साथ ‘एकलव्य’ आकृति बनाने का अद्भत नजारा प्रस्तुत किया। एकलव्य आकृति का निर्माण करते हुए राफेल विमान का साथ दो जगुआर और दो मिग-29 विमानों ने दिया । राफेल की अगुवाई में इन लड़ाकू विमानों ने आसमान में ‘वी’ आकृति उकेरी। गणतंत्र दिवस परेड देखने करीब 25 हजार की संख्या में आए लोग आकाश की ओर टकटकी लगाये हुए थे । जब राफेल ने आसमान में ब्रह्मास्त्र की आकृति उकेरी और कुछ दूरी तक नीचे की ओर आकर फिर 90 डिग्री पर उड़ान भरी तब लोगों का उत्साह देखते ही बनता था । गौरतलब है कि पिछले वर्ष 10 सितंबर को भारतीय वायुसेना में पांच बहुभूमिका वाले राफेल लड़ाकू विमान शामिल किये गए जिससे भारत की वायु रक्षा क्षमता में काफी इजाफा हुआ है । मंगलवार को गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय वायु सेना के 38 विमानों ने हिस्सा लिया जबकि भारतीय सेना के चार विमान इसमें शामिल हुए। इसमें ब्रह्मोस मिसाइल का भी प्रदर्शन किया गया। गणतंत्र दिवस पर पारंपरिेक रूप से ही आकाशीय परेड (फ्लाई पास्ट) को दो हिस्सों में बांटा गया था । इसमें पहले हिस्से के तहत प्रदर्शन परेड के साथ हुआ जबकि दूसरे हिस्से में विमानों ने परेड के बाद अद्भुत करतब दिखाये । पहले हिस्से में चार एमआई 17 वी5 हेलीकॉप्टरों ने ‘निशान’ आकृति बनाई और राष्ट्र ध्वज के साथ तीनों सेनाओं के प्रतीक चिन्ह का प्रदर्शन किया । इसके बाद चार हेलीकाप्टरों ने ‘ध्रुव’ आकृति बनाई। फिर एक डकोटा विमान के साथ दो एमआई 17 वी5 हेलीकाप्टरों ने ‘रूद्र’ आकृति उकेरी। डकोटा विमान ने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी । भारत ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर विजय को मनाने के लिये एक वर्ष के कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू की है। इस युद्ध के बाद बांग्लादेश का निर्माण हुआ था । विमानों के प्रदर्शन के दूसरे हिस्से में नौ आकृतियों का निर्माण किया गया जिसमें सुदर्शन, रक्षक, भीम, नेत्र, गरूड़, एकलव्य, त्रिनेत्र, विजय और ब्रह्मास्त्र आकृतियां शामिल हैं । परेड में एक चिनूक और दो एमआई17 वी5 हेलीकाप्टरों ने सुदर्शन आकृति बनाई जबकि एक एमआई-35 और चार अपाचे हेलीकॉप्टरों ने रक्षक, तीन सी-130जे विमानों ने भीम आकृति तथा दो सुखोई विमानों के साथ स्वदेशी त्वरित चेतावनी और नियंत्रण विमान-नेत्र की आकृति उकेरी। दो मिग-29 और दो सुखाई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के साथ सी-17 ग्लोबमास्टर ने गरूड़ की आकृति का निर्माण किया जबकि तीन सुखोई-30 एमकेआई विमानों ने त्रिनेत्र आकृति बनाई। तीन उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों ने विजय आकृति का निर्माण किया । गणतंत्र दिवस परेड के दौरान हल्के लड़ाकू विमान तेजस और स्वदेशी टैंक रोधी मिसाइल ध्रुवास्त्र के मॉडल का भी प्रदर्शन किया गया। परेड के दौरान झांकी में विकिरण रोधी मिसाइल रूद्रम और अन्य हथियारों का भी प्रदर्शन किया गया । इसमें टैंक-रोधी प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकियों में भारत की सफलता को प्रदर्शित करते हुए डीआरडीओ की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) सिस्टम के पूर्ण परिशिष्ट को दर्शाने वाली झांकी प्रस्तुत की गई । इसके अलावा झांकियों में नाग (एनएजी), हेलिना (एचईएलआईएनए), एमपीएटीजीएम, सैंट(एसएएनटी) आदि भी प्रदर्शित किये गए । परेड में भारतीय वायु सेना के मार्चिंग दस्ते में चार अधिकारी और 96 सैनिक शामिल थे। मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट तानिक शर्मा ने किया और इसमें अन्य अधिकारियों में फ्लाइट लेफ्टिनेंट मनजीत सिंह, फ्लाइट लेफ्टिनेंट अपूर्वा यादव और फ्लाइट लेफ्टिनेंट कुटप्पा शामिल थे ।

भीष्म, ब्रह्मोस, पिनाका, T-72… राजपथ पर देश की ताकत देख सीना गर्व से चौड़ा हो गया: देश में गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत की सैन्य ताकत को राजपथ पर दुनिया ने देखा। परेड के दौरान थल सेना अपने मुख्य जंगी टैंक टी-90 भीष्म, इनफैन्ट्री कॉम्बैट वाहन बीएमपी-दो सरथ, ब्रह्मोस मिसाइल की मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली, रॉकेट सिस्टम पिनाका, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली समविजय समेत अन्य का दमखम प्रदर्शित किया। गणतंत्र दिवस परेड पर इस साल नौसेना अपने पोत आईएनएस विक्रांत और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान नौसैन्य अभियान की झांकी पेश की। भारतीय वायु सेना हल्के लड़ाकू विमान तेजस और देश में विकसित टैंक रोधी निर्देश मिसाइल ध्रुवास्त्र पर प्रस्तुति पेश की गई।टी-90 टैंक अभी दुनिया में सबसे उन्नत टैंक में शुमार होता है। टी-90 टैंक रूस में तैयार किया गया है। ये टैंक सबसे अचूक निशाना लगाने के लिए जाना जाता है। इसको भारत में भीष्‍म का नाम दिया गया है। ड्रैगन के साथ गतिरोध के बीच इसे चीन से लगती सीमा पर तैनात किया गया है। और इसको भारत का Main Battle Tank भी कहा जाता है।ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक, ब्रह्मोस मैच 3.5 यानी 4,300 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से उड़ सकती है इसे पनडुब्‍बी, जंगी जहाज, एयरक्राफ्ट या फिर जमीन से भी लॉन्‍च किया जा सकता है। BrahMos में से Brah का मतलब ‘ब्रह्मपुत्र’ और Mos का मतलब ‘मोस्‍कवा’। यानी दोनों देशों की एक-एक नदी के नाम से मिलाकर इस मिसाइल का नाम बना है। हाल ही में रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इसकी मारक क्षमता को 298 किलोमीटर से बढ़ाकर 450 किलोमीटर किया है।पिनाका असल में एक फ्री फ्लाइट आर्टिलरी रॉकेट सिस्‍टम है जिसकी रेंज 37.5 किलोमीटर है। पिनाक रॉकेट्स को मल्‍टी-बैरल रॉकेट लॉन्‍चर से छोड़ा जाता है। लॉन्‍चर सिर्फ 44 सेकेंड्स में 12 रॉकेट्स दाग सकता है। भगवान शिव के धनुष ‘पिनाक’ के नाम पर डेवलप किए गए इस मिसाइल सिस्‍टम को भारत और पाकिस्‍तान से लगी सीमाओं पर तैनात करने के मकसद से बनाया गया है।अपग्रेडेड शिल्का वेपन सिस्टम आसमानी आफतों से बचाता है। यह एक ताकतवर और सटीक एयर डिफेंस सिस्टम है। इसका थ्रीडी ट्रैकिंग राडार आसमान से आने वाले हर मुसीबत को पहचान कर उसे मार गिराने में सक्षम हैं। 140 एयर डिफेंस रेजिमेंट (सेल्फ प्रोपेल्ड) की कैप्टन प्रीति चौधरी अपग्रेडेड शिल्का वेपन सिस्टम का नेतृत्व किया। कैप्टन चौधरी गणतंत्र दिवस परेड में सेना की एकमात्र महिला कंटिंजेंट कमांडर रहीं।सुखोई- 30 जेट को ब्रह्मोस (हवा से सतह पर मार करने वाली) मिसाइलों को ले जाने के लिये संशोधित किया गया है, जिससे उन्हें लंबी दूरी के सटीक हमले करने की क्षमता मिलती है। यह एक बार में 3000 किमी. तक की दूरी तय कर सकता है तथा इसमें हवा में ही ईधन भरा जा सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल से लैस सुखोई- 30 MKI हमारे सशस्त्र बलों के लिये गेम-चेंजर का काम करता है।राफेल फाइटर प्लेन भारतीय वायुसेना में शामिल सबसे नया हथियार है। इसका निर्माण पहली बार मई 2001 में किया गया था। भारत के साथ ही इसका इस्तेमाल मिस्र, कतर, यूनान समेत अन्य कई देश कर रहे हैं। फ्रांस निर्मित इस डबल इंजन फाइटर प्लेन पर लगी गन एक मिनट में 2500 फायर करने में सक्षम है। राफेल का रडार सिस्टम बहुत तगड़ा है। ये 100 किलोमीटर के दायरे में एकबार में एकसाथ 40 टारगेट की पहचान कर सकता है।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मंगलवार को राष्ट्रीय समर स्मारक पहुंचे और देश के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत सहित तीनों सेनाओं के प्रमुख भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने शहीदों के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके सम्मान में दो मिनट का मौन रखा। उन्होंने आगंतुक पुस्तिका पर संदेश भी लिखा। राष्ट्रीय समर स्मारक देश की रक्षा में शहीद सैनिकों के पुण्यस्मरण में निर्मित किया गया है। यह सशस्त्र सेनाओं के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतिनिधित्व करता है। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘देशवासियों को गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं। जय हिंद!

भारतीय वायु सेना की झांकी का हिस्सा बनी जेट फाइटर की महिला पायलट: फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ मंगलवार को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान भारतीय वायु सेना की झांकी का हिस्सा बनने वाली पहली महिला फाइटर जेट पायलट बन गईं। गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित परेड में भावना भारतीय वायुसेना की उस झांकी का हिस्सा थी जिसमें हल्के लड़ाकू विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, सुखोई -30 एमकेआई फाइटर जेट और रोहिणी रडार के मॉडल प्रदर्शित किए गए थे। झांकी में भावना के साथ तीन अन्य पुरूष पायलट भी खड़े थे । भावना भारतीय वायु सेना में जून 2016 में शामिल हुयी थी । वह पहली तीन महिला फाइटर पायलट में शामिल हैं । उनके अलावा अवनी चतुर्वेदी एवं मोहना सिंह भी इसी दिन वायु सेना में शामिल हुयी थी । फ्लाइट लेफ्टिनेंट तनिक शर्मा ने परेड के दौरान भारतीय वायु सेना के मार्च का नेतृत्व किया जिसमें 96 वायु सैनिक एचं चार अधिकारी शामिल थे ।

बांग्लादेश की सैन्य टुकड़ी ने राजपथ पर किया मार्च, दल के नायक ने कहा कि गर्व का क्षण: बांग्लादेश सशस्त्र बल की 122 सदस्यीय मार्चिंग-सह-बैंड टुकड़ी ने मंगलवार को राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया। पड़ोसी देश के दल के नेता कर्नल एम एम हैदर चौधरी ने पहले कहा था कि दोनों देशों के बीच मैत्री संबंध दिन-ब-दिन मजबूत हो रहे हैं। टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे बांग्लादेश सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल अबू एमडी शाहनूर शॉन ने कहा कि हमारी आजादी के 50वें साल में भारत के इस महत्वपूर्ण समारोह का हिस्सा बनना हमारे लिए सम्मान की बात थी। भारत ने हमें परेड का नेतृत्व करने का सम्मान दिया।

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