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गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता ने जम्‍मू में  कहा मुझे बहुत सारे लीडरों की बहुत सी बातें अच्‍छी लगती हैं। मैं खुद गांव का हूं और बहुत गर्व होता है। हमारे पीएम मोदी भी कहते हैं कि वह गांव से हैं। कहते हैं कि बर्तन मांजते थे, चाय बेचते थे। सियासी तौर पर हम उनके खिलाफ हैं, लेकिन कम से कम जो अपनी असलियत है, वह उसको नहीं छिपाते,
******गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता ने जम्‍मू में  कहा मुझे बहुत सारे लीडरों की बहुत सी बातें अच्‍छी लगती हैं। मैं खुद गांव का हूं और बहुत गर्व होता है। हमारे पीएम मोदी भी कहते हैं कि वह गांव से हैं। कहते हैं कि बर्तन मांजते थे, चाय बेचते थे। सियासी तौर पर हम उनके खिलाफ हैं, लेकिन कम से कम जो अपनी असलियत है, वह उसको नहीं छिपाते?

कामयाबी के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी असलियत नहीं छिपाते : गुलाम नबी आजाद

जम्‍मू  :-  गुज्‍जर समुदाय की सभा में गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता ने जम्‍मू में  कहा मुझे बहुत सारे लीडरों की बहुत सी बातें अच्‍छी लगती हैं। मैं खुद गांव का हूं और बहुत गर्व होता है। हमारे पीएम मोदी भी कहते हैं कि वह गांव से हैं। कहते हैं कि बर्तन मांजते थे, चाय बेचते थे। सियासी तौर पर हम उनके खिलाफ हैं, लेकिन कम से कम जो अपनी असलियत है, वह उसको नहीं छिपाते। यदि आपने अपनी असलियत छिपाई तो आप मशीनरी दुनिया में जी रहे होते हैं।’ हाल ही में राज्‍यसभा से रिटायर हुए कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। रविवार को जम्‍मू में आयोजित एक सभा में आजाद ने पीएम मोदी को जमीन से जुड़ा हुआ नेता बताया और कहा कि लोगों को उनसे सीखना चाहिए कि कामयाबी की बुलंदियों पर जाकर भी कैसे अपनी जड़ों को याद रखना चाहिए। गुलाम नबी आजाद कांग्रेस से नाराज बताए जा रहे ‘जी 23’ में शामिल हैं। एक दिन पहले ही ‘जी 23’ के नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान को यह स्‍वीकार करने की नसीहत दी थी कि पार्टी कमजोर हुई और इसे मजबूत करने के लिए काम करने की जरूरत है। इन नेताओं में कपिल सिब्‍बल, आनंद शर्मा और राज बब्‍बर जैसे बड़े नाम शामिल हैं। गुलाम अली की मौजूदगी में सिब्‍बल ने कहा था कि कांग्रेस कमजोर हो गई है, यह बात स्‍वीकार कर लेनी चाहिए। वहीं, आनंद शर्मा ने कहा था कि मुझे किसी को यह बताने का अधिकार नहीं है कि हम कांग्रेस के लोग हैं या नहीं। हमारे बीच कोई भी खिड़की से नहीं आया है। हम सभी दरवाजे से चले हैं। हम छात्रों और युवा आंदोलन के माध्‍यम से यहां तक आए हैं। गुलाम नबी जी नेहरू परिवार की गुलामी की जंजीरों से अब आजाद हो चुके है, इसलिए अब वो केवल सच बोल रहे हैं।

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