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कांग्रेस के जिन 23 असंतुष्ट नेताओं के समूह को G-23 का नाम मिला है, वह जम्मू में बड़ा धमाका कर सकते हैं,
***कांग्रेस के 23 नेताओं ने पिछले साल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को खत लिखकर पार्टी के कामकाज के तरीके और नेतृत्व पर सवाल उठाया था। तभी से इन नेताओं के समूह को G-23 नाम से चर्चा मिली है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल, राज बब्बर और विवेक तन्खा शनिवार को जम्मू में एक कार्यक्रम कर रहे हैं। इसमें मनीष तिवारी के भी शामिल होने की उम्मीद है। खास बात यह है कि ये सभी नेता उत्तर भारत से हैं। कांग्रेस के G-23 में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यह राहुल गांधी के लिए संदेश होगा...?

कांग्रेस के जिन 23 असंतुष्ट नेताओं के समूह को G-23 का नाम मिला है, वह जम्मू में बड़ा धमाका कर सकते हैं

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 25th Feb. 2021, SAT 00:01 AM (IST) :   Pawan Vikas Sharma & Kunwar जम्मू :  कांग्रेस के भीतर ही राहुल गांधी के ‘उत्तर-दक्षिण’ भारत बयान पर रार मचती दिख रही है। उत्तर भारत से ताल्लुक रखने वाले पार्टी के असंतुष्ट नेता शनिवार को जम्मू में बड़ा धमाका कर सकते हैं। कांग्रेस के जिन 23 असंतुष्ट नेताओं के समूह को G-23 का नाम मिला है, वह जम्मू में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ कड़ा बयान जारी कर सकता है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को चुनावी राज्य तमिलनाडु के दौरे पर जा रहे हैं। उसी दौरान जी-23 के नाम से चर्चित असंतुष्ट नेता जम्मू में शक्ति-प्रदर्शन करेंगे। दरअसल, कांग्रेस के 23 नेताओं ने पिछले साल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को खत लिखकर पार्टी के कामकाज के तरीके और नेतृत्व पर सवाल उठाया था। तभी से इन नेताओं के समूह को G-23 नाम से चर्चा मिली है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल, राज बब्बर और विवेक तन्खा शनिवार को जम्मू में एक कार्यक्रम कर रहे हैं। इसमें मनीष तिवारी के भी शामिल होने की उम्मीद है। खास बात यह है कि ये सभी नेता उत्तर भारत से हैं। शुक्रवार को कांग्रेस के G-23 में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यह राहुल गांधी के लिए संदेश होगा। उन्होंने कहा, ‘हम देश को बताएंगे कि उत्तर से लेकर दक्षिण तक भारत एक है।’ पिछले साल G-23 के नेताओं ने सोनिया गांधी को लिखे खत में पार्टी के कामकाज को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी। इन नेताओं ने कांग्रेस के सांगठनिक चुनाव को तत्काल कराने समेत संगठन में जरूरी बदलाव करने की मांग की थी। कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं का यह समूह एक बार फिर गांधी परिवार के खिलाफ अपनी आवाज मुखर करने की तैयारी कर रहा है। जी-23 के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘आज कांग्रेस में जो कुछ हो रहा है, वह पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में हुई सहमति का उल्लंघन है। किसी सुधार या चुनाव के कोई संकेत नहीं हैं।’ G-23 सूत्रों के मुताबिक, असंतुष्ट नेता इस बात से भी आक्रोशित है कि गुलाम नबी आजाद के साथ सम्मानपूर्ण व्यवहार नहीं हुआ। वह हाल ही में राज्यसभा से रिटायर हुए लेकिन कांग्रेस हाई कमान ने उनके लिए कोई ‘सम्मान नहीं दिखाया’। G-23 के एक नेता ने कहा, ‘जब दूसरी पार्टियां आजाद को सीट देने की पेशकश कर रही थीं, प्रधानमंत्री उनकी तारीफ कर रहे थे तब कांग्रेस के नेतृत्व ने उनके प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाया। रॉबर्ट वाड्रा के लिए केस लड़ने वाले एक वकील को राज्यसभा ला दिया गया।’ दूसरे सीनियर नेताओं को नजरअंदाज कर मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने भी जी-23 के नेता नाराज हैं। असंतुष्ट नेताओं के समूह में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने एएनआई को बताया कि राहुल गांधी की तरफ से केरल में हाल ही में दिया गया ‘उत्तर-दक्षिण’ बयान से चीजें और बिगड़ी हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के असंतुष्ट नेता जम्मू में अपने मन की बात कहेंगे, एक दूसरे के प्रति एकजुटता का इजहार करेंगे और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को संदेश देंगे। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी असंतुष्ट नेताओं के इस संभावित कदम से वाकिफ हैं। पार्टी के एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि नेतृत्व पूरे मामले पर निगाह रखे हुए है और जल्दबाजी में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहता है। दरअसल, तिरुवनंतपुरम में मंगलवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था, ‘पहले 15 वर्षों के लिए मैं उत्तर (भारत) से एक सांसद था। मुझे एक अलग प्रकार की राजनीति की आदत हो गई थी। केरल आने पर मुझे अलग तरह का अनुभव हुआ क्योंकि मैंने अचानक पाया कि लोग मुद्दों में रुचि रखते हैं और न केवल सतही तौर पर बल्कि मुद्दों में विस्तार से जाते हैं।’ उनके इस बयान पर बीजेपी ने हमला बोला था। यहां तक कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी कहा था कि वोटर कहीं के भी हों, उनकी समझ का सम्मान किया जाना चाहिए। राहुल गांधी के ‘उत्तर-दक्षिण’ भारत बयान के बाद से ही बीजेपी उन पर हमलावर है और उन पर देश को क्षेत्र के आधार पर बांटने की कोशिश का आरोप लगा रही है।

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