www.youngorganiser.com// रविवार, 24 फ़रवरी 2019 5:10 PM ISTupdated(P.V. Sharma, Young Organiser Jammu) Pak
जम्मू- भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि असम की तर्ज पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक-एक घुसपैठिये को चुन-चुनकर बाहर निकाला जायेगा। शाह ने यहां ‘विजय संकल्प सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि असम की तर्ज पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक-एक घुसपैठिये को चुन-चुनकर को बाहर किया जायेगा। उन्होंने आतंकवाद से मुकाबले के लिए मोदी सरकार के संकल्प समेत विभिन्न मुद्दों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद पर भारत सरकार की नीति ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने की’ है। उन्होंने पिछली सरकारों द्वारा जम्मू और लद्दाख क्षेत्रों से भेदभाव किये जाने के बारे में बात की और कहा कि ‘‘चौकीदार’’ने यह सुनिश्चित किया कि इन क्षेत्रों को दी जाने वाली धनराशि विकास पर खर्च हो सके। शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी की वंशवादी सरकारें अपने-अपने विकास को लेकर ज्यादा परेशान थीं लेकिन जब से भाजपा सरकार आई तो हमने यह सुनिश्चित किया कि हर एक पैसा आम लोगों तक पहुंचे।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय जनसंघ के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जिस स्थान पर अपने जीवन का बलिदान दिया, वह “हमारा है”। शाह ने 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले का जिक्र किया जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इन जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जायेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के दोषियों के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई किये जाने का अधिकार सुरक्षा बलों को दे दिया है।’’ जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा दिये जाने के खिलाफ विरोध जताने के लिए कश्मीर में प्रवेश करने पर 11 मई, 1953 को मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया था। उनकी जून, 1953 में दिल का दौरा पड़ने से हिरासत में मौत हो गई थी। असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का जिक्र करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी देश से एक-एक घुसपैठिये को बाहर करने के लिये कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक इसी तरह की मुहिम चलायेगी।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को लेागों से शांत रहने और अफवाहों पर यकीन नहीं करने की अपील की-
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को लेागों से शांत रहने और अफवाहों पर यकीन नहीं करने की अपील की। मलिक ने कहा कि अफवाहें लोगों के दिमागों में बिना वजह का डर पैदा कर रही हैं जो तनाव और जन जीवन में खलल का कारण बन रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ कर्फ्यू और अन्य कार्रवाइयों को लेकर अफवाहों पर यकीन नहीं करें। बल कुछ सुरक्षा संबंधी कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन यह पूर्णरूप से पुलवामा हमले से संबंधित हैं जो अप्रत्याशित था। राज्यपाल ने राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आतंकवादी समूह हमारे देश और इसकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने के लिए अब भी सक्रिय हैं। इसलिए सुरक्षा बलों की कार्रवाई इसके प्रभाव को खत्म करने और आतंकवादियों की आगे की हरकत का सामना करने के हिसाब से निर्देशित होती है। राज्यपाल ने राज्य की मौजूदा स्थिति, खासतौर पर 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकी हमले और उसके बाद के घटनाक्रम की, समीक्षा करने के लिए यहां बैठक बुलाई थी। बैठक में, मलिक को कुछ दिनों पहले जम्मू शहर से कर्फ्यू हटाने के बाद मौजूदा सुरक्षा स्थिति और सामान्य हालात पटरी पर लौटने के संबंध में जानकारी दी गई। उन्हें कश्मीर घाटी की स्थिति और चुनाव प्रक्रिया के लिए अतिरिक्त बलों को तैनात करने के बारे में जानकारी दी गई। प्रवक्ता ने बताया, ‘‘ कुल 13 चरणों में शहरी स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव कराने के लिए केंद्रीय पुलिस बलों की 400 से अधिक अतिरिक्त कंपनियों को उपलब्ध कराया गया है। इन बलों की मौजूदगी में और उनके प्रयासों के नतीजे के कारण, चुनाव बिना किसी घटना के शांति पूर्ण हुए।’’ प्रवक्ता ने बताया कि पुलवामा घटना के बाद, इस संबंध में सुरक्षा संबंधी चिंताएं काफी थी क्योंकि ऐसी आशंका थी कि आतंकी संगठन प्रत्याशियों और मतदाताओं के खिलाफ बड़े स्तर पर अपनी गतिविधियों को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ आमतौर पर, बलों को चुनाव से एक महीने पहले ही तैनात किया जाता है ताकि वे जमीनी हालात से रू-ब-रू हो जाएं। इस संदर्भ में, इस क्षण राज्य में केंद्रीय बलों की 100 कंपनियां तैनात की जा रही हैं। ये अतिरिक्त बल वास्तविक जरूरत का आधा हैं तथा आने वाले दिनों में और बलों को तैनात किया जाएगा। राज्यपाल ने लोगों से अपील की कि वे बलों की तैनाती को चुनाव कराने के संदर्भ में ही देखें और इसे किसी अन्य कारण से नहीं जोड़ें। प्रवक्ता ने बताया कि एसएसी को यह भी सूचित किया गया कि कश्मीर घाटी में पेट्रोलियम और अन्य उत्पादों की आपूर्ति काफी कम है। उन्होंने बताया कि सरकार कश्मीर क्षेत्र में आपूर्ति को बढ़ाने के लिए उपाय कर रही है। राज्य से बाहर रहने वाले कश्मीरियों की सुरक्षा के मुद्दे पर राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को साफ तौर पर इन हमलों की निंदा की है। मलिक ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री का बयान है कि कश्मीरियों के खिलाफ कोई लड़ाई नहीं है लेकिन लड़ाई कश्मीर के लिए है। यह स्पष्ट संकेत देता है कि जम्मू कश्मीर के लोग न सिर्फ भारत का अभिन्न अंग हैं बल्कि उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना देश की जिम्मेदारी है।
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