………..मालूम हो कि मोदी सरकार को विरासत में जो पिछली सरकारों के कार्यकाल में जो स्वास्थ्य तंत्र मिला था, वह इस आपदा से निपटने के लिए अपर्याप्त था………..
www.youngorganiser.com Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 25th May. 2021, Tue. 6:23 PM (IST) ( Article ) Sampada Kerni ,Siddharth & Kapish Sharma ; मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में रक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के साथ-साथ स्वास्थ्य तंत्र के ढांचें का भी काफी विस्तार किया। जब वैक्सीनेशन थी तब लगवाने वाले डरते रहे ओर राजनिती के शिकार हो वैक्सीनेशन केंर्दो तक नहीं पहुंच सके खेर शोडो हम सब बर्जुगों का कहना है मुश्किल अगर सर पर हो तो बात भुतकाल की ना कर र्वतमान की करनी चाहिए। मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में आयुर्वेद और अन्य वैकल्पिक चिकित्सा के लिए अलग आयुष मंत्रालय बनाकर चिकित्सा के नये आयामों को भी प्रतिष्ठित किया। अपनी विशाल जनसंख्या के कारण कोरोना की इतनी बड़ी आपदा से निपटने में कुछ कमियां हो सकती हैं।, लेकिन कोरोना के मरीजों की जिस रफ्तार से रिकवरी दर बढ़ी है, उससे कुछ विपक्षी दलों और लुटियन मीडिया को हताशा और निराशा ही होगी। यह सभी जानते हैं कि देश जब गहरे संकट में हो तो सभी दलों को मिल-जुलकर चुनौती का मुकाबला करना चाहिए। यहां जयचंद और मीरजाफरों की कमी नहीं है। ऐसा माहौल बनाया जा रहा था जैसे कि देश का पूरा स्वास्थ्य ढांचा ही चरमरा गया हो। मालूम हो कि मोदी सरकार को विरासत में जो पिछली सरकारों के कार्यकाल में बना जो स्वास्थ्य तंत्र मिला था, वह इस आपदा से निपटने के लिए अपर्याप्त था। लेकिन आक्सीजन सिलेण्डर ब्लैक करने वालों को बेनकाब करने के बजाय पूरे स्वास्थ्य ढांचे पर ही सवाल खड़े करने का क्या औचित्य हो सकता है। कांग्रेस पतन की जिस पराकाष्ठा की ओर जा रही है, उसकी कहीं कोई मिसाल नहीं मिलती है। बोर्फोस कांड के आरोपी क्वात्रोची को भारत से भगाने और तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह के बेटे अजय सिंह के नाम स्विस बैंक में फर्जी खाता खुलवाने से लेकर तमाम मामलों में उसके नेताओं की भूमिका कई बार सवालों के घेरे में आ चुकी है। लेकिन वह अपनी आदत से बाज नहीं आते हैं। ताजा मामला टूल किट को लेकर उठा है, लेकिन कांग्रेस के नेता इसे अपने खिलाफ साजिश बताते हुए भाजपा नेताओं के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई है। हालांकि टूलकिट के द्वारा फैलाई गई बातें कांग्रेस के नेताओं के बयानों से मेल खाती हैं। यह देश अभी यह भूला नहीं है कि किस तरह से कांग्रेस के बड़े नेताओं ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक को लेकर सेना के शौर्य पर कई तरह के सवाल उठाए थे। उनकी भाषा भी पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से मेल खाती थी। अपनी तमाम फजीहत के बाद भी कांग्रेस के नेता सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। वे सोचते हैं कि भ्रम फैलाकर ही हम मोदी सरकार को अपदस्थ कर सकते हैं। लेकिन ऐसा करने की कोशिश में वह देश की ही दुनिया में छवि खराब करते हैं। अभी कुछ दिन पहले ही राफेल मामले में मोदी को फंसाने के चक्कर में खुद कांग्रेस के नेता सवालों के घेरे में घिर गए थे और जब उनकी बदनामी होने लगती है तो चुपचाप पीछे हट जाते हैं। कोरोना वायरस महामारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए तथाकथित श्श्कांग्रेस टूलकिटश्श् ने बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा ने यह टूलकिट साझा करते हुए कांग्रेस पर प्रधानमंत्री मोदी और देश की छवि का नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस ने इस टूलकिट को फर्जी बताया है और मामले में एफ आइआर भी दर्ज कराई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने के लिए मोदी वैरिएंट जैसे शब्दों के उपयोग, विदेशी मीडिया की मदद जैसी सलाहों वाली टूलकिट को यूं तो कांग्रेस नकार रही है लेकिन बुधवार को भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने सुबूतों के साथ दावा किया कि यह कांग्रेस रिसर्च विंग से जुड़ी और पार्टी के शीर्ष नेताओं की करीबी सौम्या वर्मा ने तैयार की थी। संबित ने राहुल गांधी के साथ फोटो में खड़ी सौम्या की तस्वीर भी जारी की है। वहीं भाजपा के अन्य नेताओं ने ट्वीट कर बताया कि सौम्या, 2019 में कांग्रेस का घोषणापत्र बनाने में भी शामिल थी। एक दिन पहले कांग्रेस ने थाने में भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर आरोप लगाया था कि टूलकिट भाजपा ने ही बनाई थी। जवाब में पात्रा ने सौम्या वर्मा और कांग्रेस के साथ उसके संबंधों की पूरी दास्तान सामने रख दी। उसके बाद सोशल मीडिया पर अलग अलग खबरें वायरल हुई जिसमें यह सामने आया कि सौम्या न सिर्फ कांग्रेस की रिसर्च विंग में हैं बल्कि काफी प्रभावशाली भी हैं। पिछले आम चुनाव में पार्टी का घोषणापत्र तैयार करने में भी उनकी भूमिका रही है। यह मामला उजागर होने के बाद सौम्या ने अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट बंद कर दिए। भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है। उसका कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ) ने जब कोरोना वायरस के नए प्रारूप को इंडियन वैरिएंट बोलने से मना कर दिया है तब कांग्रेस के लोग इसे इंडियन वैरिएंट और मोदी वैरिएंट क्यों कह रहे हैं। यहां तक कि राहुल गांधी ने भी एक ट्वीट में कोविड को मोविड लिखा है। एक योजना के अनुसार कांग्रेस के लोग कोरोना का राजनीतिकरण कर रहे हैं और देश के प्रोजेक्ट को किसी न किसी बहाने अटकाने की कोशिश कर रहे हैं। तमाम दावों के साथ संबित पात्रा ने कहा कि हम जो सबूत आपके सामने रख रहे हैं वही, सब कुछ साबित करते हैं… एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) के शोध विभाग का अहम हिस्सा ही नहीं बल्कि मुख्य भूमिका में रहती हैं सौम्या वर्मा जी और मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है इस टूलकिट को तैयार करने वाले का नाम आज सामने आया और सबूतों से देश के सामने यह स्थापित भी हो चुका है…क्या सौम्या वर्मा जी कांग्रेस की कार्यकर्ता हैं? क्या सौम्या वर्मा जी एआईसीसी के शोध विभाग में काम करती हैं? क्या सौम्या वर्मा जी राजीव गौड़ा के तहत काम करती हैं? क्या उन्होंने इस टूलकिट को तैयार नहीं किया है? कांग्रेस पार्टी इस पर जवाब दे। Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें। हर पल अपडेट रहने के लिए YO APP डाउनलोड करें Or. www.youngorganiser.com। ANDROID लिंक और iOS लिंक।