www.youngorganiser.com Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 13th Feb. 2021.Fri, 12:49 AM (IST) : ( Article ) Imtiaz Choudhary, जम्मू : उपराज्यपाल के प्रशासन ने यह एक बड़ा कदम उठाया है, जो नदी में आने वाली बाढ़ से लोगों के हताहत होने, इमारतों के ढहने, बुनियादी सुविधाओं में बाधा पैदा होने और आर्थिक नुकसान के संदर्भ में जोखिम संबंधी पूर्वानुमान जताने में मदद करेगा।जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश ने बाढ़ के कारण हो सकने वाले नुकसान के पूर्वानुमान संबंधी एक सहयोगात्मक परियोजना के लिए ब्रिटेन की एक अंतरिक्ष एजेंसी के साथ हाथ मिलाया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, सेयर्स एंड पार्टनर्स (एसपीएल) और डी-ऑर्बिट के सहयोग से एचआर वैलिंगफोर्ड द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय अंतरिक्ष नवोन्मेष कार्यक्रम (एनएसआईपी) एक ऐसी पहल है जो ब्रिटेन के संगठनों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के बीच सहयोगात्मक परियोजनाओं को समर्थन देती है। उन्होंने बताया कि इस समय, जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से हो सकने वाले नुकसान के पूर्वानुमान के लिए इस प्रकार का कोई प्रभावशाली तंत्र नहीं है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ की मदद से अतीत में आईं बाढ़ संबंधी घटनाक्रम के विश्लेषण और आने वाली बाढ़ एवं उनके कारण पड़ने वाले प्रभाव के बीच संबंधों का पता लगाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह तंत्र लोगों, उनके मकान, फसलों, पशुधन और परिवहन मार्गों पर प्रभाव के पूर्वानुमान में मदद करेगा और इस तरह बाढ़ के दौरान लोगों के समक्ष आने वाली कई चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।’’ सिन्हा ने कहा कि बाढ़ के जोखिम संबंधी पूर्वानुमान प्रभावी योजना बनाने में मददगार होगा। प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रशासित प्रदेश को इस परियोजना का कोई खर्च वहन नहीं करना पड़ेगा।
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