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उत्तराखंड त्रासदी , 4 लाख के मुआवजे का ऐलान,176 से ज्यादा लोग लापता, 7 शव मिले
उत्तराखंड त्रासदी , 4 लाख के मुआवजे का ऐलान,176 से ज्यादा लोग लापता, 7 शव मिले

उत्तराखंड त्रासदी , 4 लाख के मुआवजे का ऐलान,176 से ज्यादा लोग लापता, 7 शव मिले

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 7th Feb. 2021.Sun, 11:01 PM (IST) :Team Work:  Kuldeep & Pawan Vikas Sharma, आपदा पर PM मोदी ने दुख जाहिर किया, 2 लाख रुपये का ऐलान किया :- चमोली में आई आपदा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जाहिर किया है। इसके साथ ही आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारवालों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लापता होने वालों की संख्या 125 बताई है। साथ ही उन्होंने इस घटना में जानमाल के नुकसान पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।

….अफवाहों से बचें, मुसीबत में फंसे लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन : निशंक….

चमोली । उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र के रेणी गांव में रविवार को एक ग्लेशियर के फटने के बाद आई बाढ़ में लगभग 176 लोग लापता हो गए हैं या ‘मृत’ होने की आशंका जताई जा रही है। आईटीबीपी के जवान वहां बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन से प्राप्त हालिया जानकारी का हवाला देते हुए, आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने बताया कि घटनास्थल से अब तक कम से कम 10 शव बरामद किए गए हैं, और कई लोगों को बचाया गया है, जबकि अन्य व्यक्तियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
घटनास्थल से प्राप्त अपनी प्रारंभिक जानकारी में, आईटीबीपी ने एक बयान के माध्यम से कहा था कि ‘तपोवन एनटीपीसी कार्यस्थल के इंचार्ज के अनुसार, बैराज में 100 से अधिक मजदूरों और सुरंग में 50 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी है.. लगभग 150 लोग लापता हैं।’
इन सूचनाओं को स्पष्ट करते हुए, पांडे ने कहा, “चूंकि 150 लोग अभी भी लापता हैं, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि सभी की मौत हुई है या नहीं। उनकी मौत होने की संभावना है या वे लापता हो सकते हैं। लापता व्यक्तियों को सात साल तक मृत घोषित नहीं किया जा सकता है।”
आईटीबीपी ने कहा कि ऋषि गंगा में सुबह लगभग 10.45 बजे एक ग्लेशियर गिरने से जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई और अचानक बाढ़ आ गया।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लापता होने वालों की संख्या 125 बताई है। साथ ही उन्होंने इस घटना में जानमाल के नुकसान पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। ऋषिकेश और हरिद्वार में भले ही आपदा का असर महसूस न हो, लेकिन मंदिर नगरों को अलर्ट पर रखा गया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि जिस जगह पर ग्लेशियर टूट कर गिरे, वहां बहुत ज्यादा मानव बसाव नहीं था, लेकिन कई बिजली परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य में स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री से बात की है।

अफवाहों से बचें, मुसीबत में फंसे लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन : निशंक , उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट बह गया। यहीं धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध भी टूट गया। केंद्रीय मंत्री व उत्तराखंड से सांसद डॉ.रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आपदा की इस घड़ी में किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचने की अपील की है। निशंक के मुताबिक, मुसीबत में फंसे लोग मदद के लिए सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें। दरअसल, यहां ग्लेशियर टूटने से गंगा में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। राज्य सरकार ने इसके मद्देनजर चमोली से हरिद्वार तक रेड अलर्ट जारी कर किया है।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। सीएम ने चमोली जिले में आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन और रैणी का निरीक्षण भी किया है।वहीं केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा, “चमोली जिले के पास ग्लेशियर टूटने से आए प्राकृतिक प्रकोप से प्रभावितों के राहत एवं बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा 1070 एवं 9557444486 हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। सभी नागरिकों से मेरा अनुरोध है कि किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचते हुए मदद पाने के लिए इन हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।”उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी गांव के पास ग्लेशियर टूटने से बड़ा प्राकृतिक प्रकोप आया है। राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन सहित सभी एजेंसियों के माध्यम से इस संकट से निपटने के लिए पूर्ण तत्परता एवं सक्रियता से कार्य किया जा रहा है।निशंक ने कहा, “सभी नागरिकों से मेरा अनुरोध है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें एवं सरकार द्वारा जारी सूचनाओं एवं निर्देशों को ध्यान में रखें। उत्तराखंड में उत्पन्न हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार केंद्र भी निगरानी कर रहा है।

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