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आई.सी.सी & बी.सी.सी.आई

आई.सी.सी ने बी.सी.सी.आई को धमकी दी

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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 27 May 2020.

 Wed, 03:07 PM (IST) : Team Work:: Siddharth & Kapish Sharma

नई दिल्ली। सौरव गांगुली बैठक में इसका माकूल जवाब नहीं देते हैं और जो राजनीतिक धोखा दिया जा रहा है उसके खिलाफ नहीं बोलते हैं तो हैरानी होगी। वह इस पर किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं, वो बताएगा कि वह किस तरह के बीसीसीआई अध्यक्ष हैं। आई.सी.सी के बिजनेस कॉरपोरेशन द्वारा भारतीय बोर्ड के टैक्स मामले में समय सीमा बढ़ाने की अपील को खारिज करने के बाद आई.सी.सी और बी.सी.सी.आई का विवाद नया मोड़ ले चुका है। आई.सी.सी ने बी.सी.सी.आई को धमकी भी दी है कि अगर भारतीय बोर्ड टैक्स छूट नहीं दे पाता है तो आई.सी.सी उससे टी-20 विश्व कप-2021 की मेजबानी छीन सकती है।लेकिन बीसीसीआई अधिकारियों को उम्मीद है की आईसीसी के निदेशक खेल को क्षति नहीं पहुंचाएंगे।बी.सी.सी.आई के एक अधिकारी ने आई.ए.एन.एस से बात करते हुए कहा कि भारतीय बोर्ड को अंतर्राष्ट्रीय संस्था के निदेशकों पर पूरा भरोसा है और उन्हें उम्मीद है कि भारत से एक वैश्विक टूर्नामेंट लेकर वह आत्महत्या नहीं करेंगे।आधिकारी ने कहा यह आईसीसी नहीं बल्कि कुछ निजी लोगों के मुद्दे हैं जो समय-समय पर आते रहते हैं। आईसीसी के अधिकतर निदेशक विवेकी और व्यावहारिक हैं और वह किसी भी तरह के निजी हित को इस बात की मंजूरी नहीं देंगे कि वो आईसीसी को चलाए और आत्महत्या के रास्ते पर ले जाए। अगर वो यह कदम उठाते हैं तो मैं आश्वस्त हूं कि बीसीसीआई हंसेगी लेकिन आई.सी.सी को काफी कुछ झेलना होगा।उन्होंने कहा यह समय है जब आईसीसी को उन लोगों से पीछे छुड़ाना चाहिए जो बीसीसीआई के साथ सिर्फ विवाद पैदा करते हैं और कोई योगदान भी नहीं देते हैं। यह लोग जिन लोगों को आगे बढ़ाते हैं उन्हें भी मंजूर नहीं किया जाना चाहिए। इससे पहले आईसीसी ने बीसीसीआई के टैक्स संबंधी मामले की समय सीमा को बढ़ाने की अपील को खारिज कर दिया था। तब इस मामले से संबंध रखने वाले बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा था कि इस समय जब पूरा विश्व कोरोनावायरस महामारी से लड़ रहा है, तब इस तरह के ईमेल भेज कर भारतीय बोर्ड पर दबाव बनाना बेहद दुखद है। अधिकारी ने कहा मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इस समय जब सभी कुछ कोरोनावायरस की गिरफ्त में आ रहा है तब ऐसी चीजें कैसे हो सकती हैं। यह आई.सी.सी के नेतृत्व की विफलता है और साफ संकेत है कि बदलाव निकट है। यह समय है जब शशांक मनोहर को जाना चाहिए और बीसीसीआई को ऐसे किसी भी शख्स का साथ नहीं देना चाहिए जिसको उनका मनोहर का समर्थन प्राप्त हो।बी.सी.सी.आई को भारत में 2021 में होने वाले टी-20 विश्व कप को लेकर 18 महीने पहले टैक्स में छूट को लेकर अपनी बात रखनी थी, इसका मतलब है कि अंतिम तारीख अप्रैल की थी। लेकिन कोरोनावायरस के कारण पूरा विश्व इस समय लॉकडाउन में है और इसी कारण भारतीय बोर्ड ने 30 जून तक का समय मांगा था।आई.सी.सी के मुताबिक आई.सी.सी बिजनेस कॉरपोरेशन आई.बी.सी तारीख को आगे बढ़ाने को लेकर राजी नहीं हुआ। आईबीसी में आईसीसी के सदस्य देशों के निदेशक होते हैं और रिपोर्ट के मुताबिक कुछ लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं है। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा है कि अगर यह स्थिति है तो चैयरमेन शशांक मनोहर को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।अगर यह सच है कि कुछ निदेशकों को इस बारे में जानकारी नहीं है तो यह काफी गंभीर मुद्दा है और यह आई.सी.सी/आई.बी.सी के बोर्ड स्तर पर अपराध है जिसकी जिम्मेदारी चेयरमैन को लेनी चाहिए।एक और अधिकारी ने कहा कि यह पूरा वाकया हैरानी वाला है खासकर आईसीसी का यह कहना कि आईबीसी तारीख बढ़ाने को लेकर राजी नहीं है। उन्होंने कहा दिलचस्प बात यह है कि उनके वकील जोनाथन हॉल ने लिखा है कि आईबीसी ने बी.सी.सी.आई की अपील को खारिज कर दिया है। अब सवाल यह है कि बोर्ड के बिना देखे और इसके लिए वोटिंग हुए बिना यह हुआ कैसे है।

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