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वक्तव्य में कहा गया एस्पर ने एक मजबूत और दीर्घकालिक भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के प्रति समर्थन को दोहराया और दोनों नेताओं ने कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय कदम उठाने के तरीकों पर चर्चा की:FILE-PIC.jpg May 29, 2020 : YOUNG ORGANISER

अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर की पहल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टेलिफोन पर बात : पेंटागन

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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 29 May 2020.  Fri, 09:47 PM (IST) :Team Work: Kuldeep & Sandeep AgerwaL

नई दिल्ली / वाशिंगटन: अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह से बातचीत की और एक मजबूत तथा दीर्घकालिक द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी पर अपनी सहमति दोहराई। अमेरिकी रक्षा प्रतिष्ठान पेंटागन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पेंटागन ने कहा कि फोन कॉल के दौरान एस्पर और सिंह ने विभिन्न क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की। पेंटागन ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि एस्पर ने हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में भारत के नेतृत्व पर दृढ़ प्रतिबद्धता जताई। वक्तव्य में कहा गया एस्पर ने एक मजबूत और दीर्घकालिक भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के प्रति समर्थन को दोहराया और दोनों नेताओं ने कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय कदम उठाने के तरीकों पर चर्चा की। भारत में अम्फान चक्रवात से होने वाली मौतों पर एस्पर ने शोक प्रकट किया और दोनों नेताओं ने कोविड-19 महामारी के बीच परस्पर सहयोग पर चर्चा की। वक्तव्य के अनुसार विदेश मंत्री एस्पर ने जल्दी ही भारत आने की इच्छा जताई है।भारत ने एक और तरकीब से बता दिया है कि चीन के साथ जारी गतिरोध को दूर करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से आई मध्यस्थता की पेशकश स्वीकार नहीं है। इस बार भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अमेरिकी समकक्ष से बातचीत की और इस आशय का संदेश दे दिया। ट्रंप ने लगातार दूसरे दिन भी भारत-चीन के बीच मध्यस्थता की पेशकश दोहराई थी। राजनाथ ने अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर पर टेलिफोन से बातचीत की और उन्हें बताया कि लद्दाख में 5 मई से कायम गतिरोध दूर करने के लिए चीन के साथ बातचीत के मौजूदा तंत्रों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि सिंह ने एस्पर को अवगत कराया कि स्थिति को सुलझाने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय तंत्रों का इस्तेमाल किया जा रहा है।रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने साझा सुरक्षा हित के क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर चर्चा की। इसमें यह भी कहा गया कि अमेरिकी पक्ष के आग्रह पर टेलीफोन पर वार्ता हुई। इसमें कहा गया उन्होंने विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग समझौतों पर प्रगति की समीक्षा की और हमारी रक्षा भागीदारी को और बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। पूर्वी लद्दाख में पैंगोग त्सो गलवान घाटी, देमचोक और दौलत बेग ओल्डी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच तीन सप्ताह से गतिरोध जारी है जिसे 2017 में हुए डोकलाम गतिरोध के बाद सबसे बड़ी तनातनी माना जा रहा है। तनाव तब उत्पन्न हुआ जब चीन ने पैंगोंग त्सो झील के आसपास फिंगर क्षेत्र में भारत द्वारा बनाई जा रही एक महत्वपूर्ण सड़क का कड़ा विरोध किया। इसके साथ ही उसने गलवान घाटी में दारबुक-शयोक-दौलत बेग ओल्डी सड़क का भी विरोध किया। पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब बिगड़ गई जब पांच मई की शाम पैंगोंग त्सो में दोनों देशों के लगभग 250 सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इसके बाद उत्तरी सिक्किम में भी नौ मई को इसी तरह की घटना हुई।

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