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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 15 May 2020.
Fri, 03:14 PM (IST) : Team Work: Siddharth, Kapish & Sampada KERNI
अंटार्कटिका : अंटार्कटिका में बर्फ का क्या हाल है इसका ताजा डेटा स्पेस से मिला है। इससे पता चल रहा है कि कहां बर्फ तेजी से जमा होती जा रही और कहां पिघल रही है। इससे समुद्र स्तर में होने वाले बदलाव का आकलन करने में वैज्ञानिकों को मदद मिलेगी। वैज्ञानिकों को यह डेटा NASA की एक सैटलाइट की मदद से मिला है। ऐसा डेटा पहले इससे पहले कभी नहीं मिल सका था इसलिए वैज्ञानिक इसे लेकर खासे उत्साहित हैं। साइंस जर्नल में छपे पेपर की मदद से रीसर्चर्स तैरती हुई बर्फ की परतों के जरिए यह समझ सकेंगे कि समुद्र स्तर पर क्या असर हो रहा है। ये परतें अंदरूनी इलाकों से महासागर की ओर जाती हैं। यह तो साफ है कि वक्त के साथ यहां बर्फ कम हो रही है लेकिन इलाकों के बारे में साफ-साफ नहीं पता। कुछ जगहों पर बढ़ भी रही है। पेपर की लेखिका हेलेन फ्रिकर ने बताया कि वैज्ञानिकों को ये डेटा एक साथ मिल गया है जिससे स्टडी करना आसान हो गया है साइंस जर्नल में छपे पेपर की मदद से रीसर्चर्स तैरती हुई बर्फ की परतों के जरिए यह समझ सकेंगे कि समुद्र स्तर पर क्या असर हो रहा है। ये परतें अंदरूनी इलाकों से महासागर की ओर जाती हैं। यह तो साफ है कि वक्त के साथ यहां बर्फ कम हो रही है लेकिन इलाकों के बारे में साफ-साफ नहीं पता। कुछ जगहों पर बढ़ भी रही है। पेपर की लेखिका हेलेन फ्रिकर ने बताया कि वैज्ञानिकों को ये डेटा एक साथ मिल गया है जिससे स्टडी करना आसान हो गया है ये डेटा मिला है NASA के अर्थ ऑब्जर्विंग सिस्टम के तहत लॉन्च की गई सैटलाइट ICESat-2 की मदद से। लाइट के पैकेट यानी फोटॉन्स की मदद से ये सैटलाइट पृथ्वी की परतों का सटीक डेटा दे सकती है। पेपर के एक और लेखक ऐलेक्स गार्डनर ने बताया कि इससे पहले ऐसा कोई उपकरण स्पेस में नहीं था। यह इतना सटीक है कि दरारों और दूसरे फीचर्स को भी दर्ज कर लेता है। रीसर्चर्स ने इसकी मदद से अंटार्कटिका में बर्फ के बंटवारे को स्टडी किया है। कैसे 2003 से 2019 के बीच बदलाव हुए, यह देखा गया। नतीजों में पाया गया कि अब तक जितनी बर्फ पिघल चुकी है उससे समुद्रस्तर 6 मिलीमीटर या एक-चौथाई इंच तक बढ़ सकता है। बर्फ पश्चिम अंटार्कटिका और अंटार्कटिक पेनिनसुला में कम हुई है, पूर्व में परतें मोटी हुई हैं। इन बदलावों से फिलहाल क्लाइमेट चेंज को नहीं जोड़ा जा रहा है लेकिन गार्डनर ने कहा कि तापमान बढ़ने पर ऐसे ही बदलाव दखने को मिलेंगे।