www.youngorganiser.com Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 28th May. 2021, Fri. 1: 05 AM (IST) : टीम डिजिटल: Team Work: Kuldeep भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बीच लगातार सरकार पर वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी करने के आरोप लग रहे हैं। इस बीच एक अच्छी खबर है कि सरकार ने लोकल ट्रायल को खत्म कर दिया है। सरकार ने विदेशों में बनने वाली कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर रास्ता खोलते हुए लोकल ट्रायल नियम को खत्म कर दिया है समाचार एजेंसी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने यह फैसला वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने को लेकर किया है। बीते 2 महीने के दौरान देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच लगातार मामलों में वृद्धि देखी गई। जिसके बाद सरकार ने 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग के लिए वैक्सीनेशन शुरू कर दिया। लेकिन इस दौरान कई जगहों पर वैक्सीन की कमी देखी गई। अगर आंकड़ों की बात की जाए तो भारत में 130 करोड़ से ज्यादा की आबादी है। लेकिन अभी तक सिर्फ देश के तीन प्रतिशत जनसंख्या को ही कोरोना का टीका लगा है। अब तक 20 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं। जिसमें से सिंगल डोर वाले लोगों की संख्या ज्यादा है l अभी दूसरी डोज लगाई जा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ अब विदेश में बनने वाली वैक्सीन के रास्ते खुल जाएंगे। फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन और मॉडर्ना की वैक्सीन के लिए सरकार रास्ता खोल रही है। भारत सरकार ने आज जिस नियम में बदलाव किया है। उसके बाद विदेशी वैक्सीन के लिए रास्ते खुल सकते हैं। अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर अपनी वैक्सीन के 5 करोड़ डोज भारत को देने को तैयार है। साथ ही कंपनी का बयान है कि वह इतने डोज इस साल दे सकती है। वहीं दूसरी तरफ कंपनी ने कुछ रेगुलेटरी रिलैक्सेशन की मांग भी की है। जिसमें क्षतिपूर्ति के लिए भी नियम शामिल है। वहीं दूसरी तरफ अगर मॉडर्ना की बात करें, तो साल 2022 में यह वैक्सीन लॉन्च हो सकती है। मॉडर्ना एक सिंगल शॉट वैक्सीन है। जैसे कि रूस की स्पूतनिक है। इसके लिए भारत में सिप्ला और फार्मा कंपनी के साथ बातचीत चल रही है और यह कंपनी भी अपनी पांच करोड़ डोज की सप्लाई को लेकर चर्चा कर रही है।
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