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सरकारी सम्मान से हुआ मिल्खा सिंह का अंतिम संस्कार, पंजाब स्पोर्टस यूनिवर्सिटी पटियाला में मिलखा सिंह चेयर स्थापित करने का ऐलान

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 19th Jun. 2021, Sat. 11: 30  AM (IST) : टीम डिजिटल:   Gurmeet Kour चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को महान एथलीट की याद में स्पोर्टस यूनिवर्सिटी, पटियाला में मिलखा सिंह चेयर स्थापित करने का ऐलान किया है जो बीती देर रात कोविड के बाद की समस्याओं के कारण चल बसे थे। मुख्यमंत्री ने फ्लाइंग सिख के चण्डीगढ़ स्थित आवास पर जाकर प्रसिद्ध खेल शख़्सियत को श्रद्धा के फूल भेंट किये। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार यह यकीनी बनाएगी कि मिलखा सिंह की यादें सदा के लिए युवा पीढ़ी को प्रेरित करती रहें। मुख्यमंत्री जिन्होंने इससे पहले सम्मान के तौर पर पद्मश्री मिलखा सिंह का अंतिम संस्कार सरकारी सम्मान के साथ करने और एक दिन की छुट्टी का ऐलान किया था, ने कहा कि महान भारतीय खिलाड़ी की शानदार विरासत हमेशा ही लोगों के दिलों में बसी रहेगी। उन्होंने कहा कि मिलखा सिंह के चले जाने से समूचे देश को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है और हम सभी के लिए यह बहुत ही दुखद पल हैं। मिलखा सिंह द्वारा साल 1960 में पाकिस्तानी चैंपियन अब्दुल खालिक को लाहौर में हराने के बाद समकालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू द्वारा राष्ट्रीय छुट्टी घोषित किए जाने को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि उनकी इच्छा थी वह भी आज राष्ट्रीय छुट्टी का ऐलान कर सकते। उन्होंने कहा कि परन्तु पंजाब में महान हस्ती के चले जाने के शोक में झंडा आधा झुका रहेगा और राज्य में छुट्टी रहेगी। महान एथलीट के घर के बाहर पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि साल 1960 में लाहौर में जीत हासिल करना मिलखा सिंह के लिए स्मरणीय अवसर था जिन्होंने भारत के विभाजन के समय पाकिस्तान में अपना परिवार खो दिया था। इस जीत के बाद पाकिस्तान के समकालीन राष्ट्रपति जनरल आयूब ख़ान ने मिलखा सिंह को ‘फ्लाइंग सिख’ का नाम दिया था।

मिल्खा सिंह’ हर आयु वर्ग के लिए प्रेरणा का प्रतीक थे और रहेंगे : अनुपम खेर

मिल्खा सिंह’ हर आयु वर्ग के लिए प्रेरणा का प्रतीक थे और रहेंगे : अनुपम खेर :- भारत के प्रसिद्ध धावक मिल्खा सिंह के निधन पर अभिनेता अनुपम खेर ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि मिल्खा सिंह हर आयु वर्ग के लिए प्रेरणा का प्रतीक थे और रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें भी मिल्खा सिंह से मिलने का मौका मिला था। उन्होंने कहा कि बहुत कम लोगों में ऐसी उदारता देखने को मिलती है, जितनी मिल्खा सिंह में देखने को मिली थी। अनुपम खेर इन दिनों शिमला में हैं और जब उन्हें मिल्खा सिंह के निधन की सूचना मिली तो उन्होंने सोशल मीडिया पर उनके चित्र के साथ उक्त शब्द लिखे। इस पोस्ट के साथ उन्होंने मिल्खा सिंह को नमन किया। अनुपम खेर ने अपने शिक्षकों को याद कर सोशल नैटवर्किंग प्लेटफॉर्म पर अपने शिमला स्थित डीएवी स्कूल का वीडियो शेयर किया है। वीडियो में वे अपने पुराने स्कूल में खड़े होकर यादें सांझा कर रहे हैं। उन्होंने इस दौरान कहा कि वे इस स्कूल में 1966 से 1971 तक पढ़े और बैक बैंचर हुआ करते थे। उल्लेखनीय है कि अनुपम खेर शनिवार को भी शिमला में ही थे और उन्होंने मां दुलारी खेर के साथ समय बिताया।

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