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सतर्क नागरिक करें भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतः उपराज्यपाल

एंटी करप्शन ब्यूरो की मोबाइल एप्लिकेशन जारी

जम्मू, जनवरी 07ः उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जेएंडके एंटी करप्शन ब्यूरो की मोबाइल एप्लिकेशन सतर्क नागरिक और पोर्टल जारी किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पारदर्शी, जवाबदेह और उत्तरदायी शासन के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसी दिशा में एक और कदम उठाते हुए यह मोबाइल एप्लिकेशन जारी की गई है। इसका मकसद नागरिकों को भ्रष्टाचार की शिकायतें आसानी के साथ दर्ज करवाना है। एंडरायड आधारित डिवाइस रखने वाला कोई भी नागरिक प्ले स्टोर से एप्लिकेशन डाउनलोड कर सकता है। शिकायत के पंजीकरण के समय एक विशिष्ट आईडी नंबर आवंटित किया जाएगा जिसे बाद में शिकायत की स्थिति को ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

उपराज्यपाल ने कहा कि कि हममें से हरेक को भ्रष्ट आचरण के लिए शून्य सहिष्णुता अपनाकर नया मानदंड स्थापित करना चाहिए। यह समझना चाहिए कि सभी कुप्रथाएं, भाई-भतीजावाद और इस तरह की अन्य प्रथाएं, चाहे वह सरकारी हों या अन्य संगठनात्मक, आम नागरिक और शासन को चोट पहुंचाती हैं इसलिए हम सभी को हाथ मिलाकर इसे सिस्टम से बाहर करने की प्रतिज्ञा करनी चाहिए। डिपार्टमेंटल विजिलेंस आफिसर्स पोर्टल को विभिन्न विभागों के सर्तकता अधिकारियों के साथ ऑनलाइन संचार चैनल सक्षम करने के लिए डिजाइन किया गया है। कुछ मामलों में शिकायतें चल रहे कामों, वर्तमान भर्तियों और अनुबंधों के खिलाफ किए जाने वाले भुगतानों आदि से संबंधित होती हैं।

इन मामलों को सतर्कता अधिकारियों के हवाले से तुरंत ठीक किया जा सकता है और राज्य के खजाने को होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है। डीवीओ पोर्टल शिकायतों के त्वरित निपटान में मदद करेगा और एसीबी केंद्रीय कार्यालय में डीवीओ को सौंपे गए मामलों और नागरिक शिकायतों की स्थिति की निगरानी को सक्षम करके व्यवस्थित तरीके से शिकायतों के निवारण में मदद करेगा। इस पोर्टल के माध्यम से, हर डीवीओ की रिपोर्ट तैयार की जा सकती है।एंटी करप्शन ब्यूरो के डायरेक्टर आनंद जैन ने हाल ही में ब्यूरो के प्रदर्शन पर जानकारी दी। यह बताया गया कि उपराज्यपाल के प्रशासन में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम तेज की गई है।

भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसी गई है। 202 करोड़ रुपयों की प्रापर्टी जब्त की गई है या रिकवर की गई है। कई प्रभावशाली लोगों को भी हिरासत में लिया गया है। यह भी बताया गया कि 31 दिसंबर 2020 तक 71 मामले दर्ज किए गए। 48 मामलों में आरोप पत्र दायर किए गए। कुल मामलों में दस के खिलाफ जाल बिछाया गया। इनमें सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हिरासत में लिए गए। कई मामलों की जांच रिकार्ड समय में पूरी की गई। उपराज्यपाल ने इसके बाद विभिन्न विभागों के कोर्ट में लंबित पड़े मामलों पर ट्रैक रखने के लिए भी इसी तरह की एक एप्लिकेशन तैयार करने को कहा।

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