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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 28 Apr 2020.
Tue, 2:15 PM (IST) : Kuldeep & Sampada Kerni
नई दिल्ली : केंद्र सरकार की यह योजना इस साल जून में शुरू होने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना अपनाने की संभावना पर विचार करे ताकि कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के दौरान पलायन करने वाले कामगारों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को रियायती दाम पर अनाज मिल सके। न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने सोमवार को पारित अपने आदेश में कहा, ”हम केंद्र सरकार को इस समय यह योजना लागू करने की व्यावहारिकता पर विचार करने और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेने का निर्देश देते हैं। याचिका में याचिकाकर्ता ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों लाभार्थियों राज्यों के निवासियों और पर्यटकों के हितों की रक्षा करने और उन्हें रियायती अन्न और सरकारी योजना के लाभ दिलाने के लिए अस्थाई रूप से एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना अपनाने के लिए न्यायालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था। न्यायालय ने इसके साथ ही अधिवक्ता रीपक कंसल के आवेदन का निस्तारण कर दिया। कंसल ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से अलग-अलग स्थानों पर फंसे कामगारों और दूसरे नागरिकों के लाभ के लिए योजना शुरू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था ।कंसल ने दावा किया था कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने नागरिकों और मतदाताओं को प्राथमिकता दे रही हैं और वे प्रवासी मजदूरों ओर दूसरे राज्यों के निवासियों को रियायती दाम पर खाद्यान्न, भोजन, आवास और चिकित्सा सुविधाओं के लाभ नहीं दे रही हैं।