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रोक जारी रहे 15 मई तक धर्मस्‍थलों , मॉल और स्‍कूल बंद रखे जाएं-GOM

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Updated, 7 Apr 2020 ( Tue, 9:15 PM (IST) Kuldeep & Pawan Vikas Sharma )

नई दिल्‍ली : GOM की कमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पास है। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हैं। GOM ने चर्चा के बाद यह तय किया कि वर्तमान लॉकडाउन खत्‍म होने के बाद भी, धर्मस्‍थलों, शॉपिंग मॉल्‍स और एजुकेशनल इंस्‍टीट्यूशंस को कम से कम अगले चार सप्‍ताह तक खुलने ना दिया जाए। सरकार यह सोच रही है कि गर्मी की छुट्टियों के चलते स्‍कूल और कॉलेज वैसे ही बंद रहेंगे। कोरोना इंफेक्‍शन रोकने के लिए सभी धार्मिक संगठनों की गतिविधियों पर 15 मई तक रोक लगाए रखने की सिफारिश की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में अंतिम निर्णय लेंगे। लॉकडाउन आगे बढ़ेगा या नहीं? बहुत से लोगों की जुबान पर यही एक सवाल है। केंद्र सरकार अभी खुलकर जवाब नहीं दे रही। राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री लॉकडाउन को आगे बढ़ाना चाहते हैं, फैसला केंद्र पर छोड़ा है। सब कह रहे हैं कि जो होगा, चरणबद्ध तरीके से होगा। इस बीच, कोरोना वायरस को लेकर बने केंद्रीय मंत्रियों के समूह ने अहम सिफारिश की है। GOM चाहता है कि चाहे लॉकडाउन आगे बढ़े या ना बढ़े, 15 मई तक देश के सभी एजुकेशनल इंस्‍टीट्यूशंस, स्‍कूल, कॉलेज बंद रखे जाएं। साथ ही सभी तरह की सामूहिक धार्मिक गतिविधियों पर रोक जारी रहे। इस दौरान मॉल भी बंद रखे जाएं। केंद्रीय मंत्रियों के समूह ने कोरोना वायरस से लड़ाई में लगे लोगों को धन्‍यवाद कहा है। डॉक्‍टर्स, हेल्‍थ प्रोफेशनल्‍स, सुरक्षा कर्मी और बाकी सभी लॉकडाउन के बीच जो जरूरत का सामान पहुंचाने में लगे हैं, उनके लिए GOM ने आभार जताया है। मंगलवार की बैठक में कैबिनेट के कई मंत्री भी शामिल हुए। मीटिंग में पीयूष गोयल, रामविलास पासवान, धर्मेंद्र प्रधान, नरेंद्र सिंह तोमर, रमेश पोखरियाल निशंक मौजूद रहे। GOM के जिम्‍मे कोरोना वायरस से जुड़ी सभी अपडेट्स और हालात देखकर पीएम मोदी को बताना है। इस नाते इसका रोल बेहद अहम है। GOM ने सभी तरह के पब्लिक प्‍लेसेज जैसे धर्मस्‍थल या मॉल्‍स की सर्विलांस ड्रोन्‍स के जरिए मॉनिटरिंग की सिफारिश की है। यह सिफारिश हालिया तबलीगी जमात प्रकरण की सूरत में बेहद अहम है। निजामुद्दीन में पिछले महीने एक धार्मिक कार्यक्रम में बड़ी संख्‍या में लोग इकट्ठे हुए। इसमें कई ऐसे लोग थे जो कोरोना प्रभावित देशों से आए थे। बहुत से लोग देश के अलग-अलग हिस्‍सों में यहां से गए और तेजी से संक्रमण फैलाने में अहम रोल निभाया। 

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