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Updated: 12 Apr 2020 ( Sun, 9:10 AM (IST) Arun Gavaskar)
मुंबई । निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की ‘द ताशकंद फाइल्स’ एक साल पहले 12 अप्रैल को रिलीज हुई थी, वहीं उन्होंने रविवार को फिल्म बनाने के अनुभव को साझा किया।फिल्म की कहानी में दिवंगत प्रधानमंत्री लाल बहादूर शास्त्री की रहस्यमयी मौत के कारण और कल्पना को दिखाया गया है। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, नसीरुद्दीन शाह, पंकज त्रिपाठी, श्वेता बासू प्रसाद, राजेश शर्मा और विनय पाठक भी हैं।अग्निहोत्री ने यह स्वीकार किया है कि मिथुन और नसीरुद्दीन को साथा लाना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। हालांकि दोनों कलाकारों ने ‘द ताशकंद फाइल्स’ से पहले ‘ख्वाब (1980)’, ‘हम पांच (1981)’, ‘स्वामी दादा(1982)’ और ‘गुलामी(1985)’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया था। हालांकि यह बात 33 साल पहले की थी।अग्निहोत्री ने बताया, “वास्तव में, अगर इन सभी विशाल प्रतिभाओं का सही ढंग से उपयोग नहीं किया जाता तो यह फिल्म के खिलाफ हो सकता था। फिल्म में लिए गए प्रत्येक कलाकार विश्वास के साथ आए थे। निश्चित रूप से, मिथुन दा और नसीरुद्दीन सर को साथ लाना मेरे लिए एक बड़ी बात थी। शुरू में मैं डर गया था। उन्होंने जो भी व्यक्तिगत कारणों से 30 साल तक एक साथ काम नहीं किया था। लेकिन जब मैं स्क्रिप्ट के साथ उनके पास गया, तो हम भाग्यशाली थे कि उन्होंने फिल्म के लिए हामी भरी। जब मैंने कहा कि मिथुन दा फिल्म में होंगे, इस बात पर नसीर सर मुस्कुरा बैठे । वहीं जब मैंने मिथुन सर को बताया कि नसीर सर भी फिल्म में हैं तो उन्होंने कुछ नहीं कहा।”फिल्म में दोनों वरिष्ठ अभिनेताओं ने अनुभवी काल्पनिक राजनेताओं की भूमिका निभाई है।निर्देशक ने आगे कहा वे दोनों प्रतिभाशाली हैं और ये हम सब जानते हैं लेकिन उनकी अभिनय शैली बहुत अलग है। नसीर हर डायलॉग की तैयारी करते हैं और उन्हें रिहर्सल करना पसंद है। मिथुन दा को अपने प्रदर्शन में सहजता लाना पसंद है। चूंकि उनके दृष्टिकोण अलग हैं ऐसे में मैं सोचता था कि मैं कैसे उनके बीच तारतम्यता ला पाउंगा।”