महिलाओं से ही ऑपरेट होने वाला देश का एकमात्र यूनिट हैलेह में
www.youngorganiser.com Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 31st, Jan. 2021.Sun, 11:03 AM (IST) :Team Work: Taru. R.Wangyal & Pawan Vikas Sharma ,लेह : लेह से 35 किलोमीटर दूर कारू से प्लांट पर आने वाली रिगजिन लाडो के अनुसार वह काम करने से पहले सिलिंडर का रेग्युलेटर फिक्स करना भी नहीं जानती थीं। लेकिन अब बाहर जाने वाली हर एक रिफिल गैस की जिम्मेदारी उनके ही कंधों पर है। उन्होंने कहायह देश और सेना के लिए हमारा योगदान है। त्सेरिंग अंगमो हर सुबह अपने 2 साल के बेटे को पड़ोसियों के घर पर छोड़कर बर्फ से ढकी जमीन पर 20 किलोमीटर तक का सफर तय कर LPG गैस बॉटलिंग प्लांट में काम करने जाती हैं। 12 महिला कर्मचारियों वाला यह प्लांट पूरी तरह से महिलाओं से ही ऑपरेट होने वाला देश का एकमात्र यूनिट है। यहां से चीन से लोहा ले रहे भारतीय सेना के 50 हजार जवानों की मदद होती है। लेह के करीब इंडियन ऑयल का यह एलपीजी बॉटलिंग प्लांट ही ठंड के समय में कुकिंग गैस का एकमात्र सोर्स होता है। बर्फबारी के वक्त में जब पूरे देश से सड़क की कनेक्टिविटी टूट जाती है तब यही प्लांट लाइफलाइन का काम करता है। यहां से 40 प्रतिशत रिफिल सिलिंडर डिफेंस सेक्टर में जाते हैं। यह देश का एकमात्र एलपीजी यूनिट है जिसे पूरी तरह से महिलाएं ही ऑपरेट करती हैं। यहां कार्यकत महिलाएं प्रॉडक्शन लाइन सील की चेक क्वालिटी और सुरक्षा मैनेज करती हैं। सुरक्षा अधिकारी त्सेतान अंगमो को छोड़कर बाकी सभी कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी हैं। यहां लोडिंग और हैवी लिफ्टिंग के लिए पांच पुरुष कर्मचारियों को रखा गया है। यहां सभी महिलाएं 20 से लेकर 40 साल की उम्र तक की हैं। त्सेरिंग की शिफ्ट 9 बजे से शुरू होती है जिसके लिए उन्हें सुबह ही घर का काम निपटाना पड़ता है। प्लांट का इनचार्ज इंडियन ऑयल पंजाब राज्य का ऑफिस है। ईडी सुजॉय चौधरी ने कहा, ‘एलपीजी प्लांट की महिलाएं भीषण ठंड में भी पूरे शिद्दत और कर्तव्यनिष्ठा के साथ दिनभर काम करती हैं। इससे महिलाओं की शक्ति का पता चलता है।’ सिक्यॉरिटी ऑफिसर अंगमो का कहना है कि महिलाएं सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क रहती हैं।