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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 15 May 2020.
Fri, 04:02 PM (IST) : Team Work: Kuldeep & Sandeep Agerwal
लुब्लियाना : कोरोना वायरस की चपेट में सबसे ज्यादा यूरोप आया है। यहां इन्फेक्शन के सबसे ज्यादा मामले और मौतें दर्ज की गईं। अब यूरोप के ही एक छोटे से देश ने यूरोप में सबसे पहले खुद को कोरोना की महामारी से मुक्त घोषित कर दिया है। स्लोवेनिया की सरकार ने गुरुवार देर रात यह ऐलान किया। हालांकि, ऐसा नहीं है कि अब यहां कोरोना का कोई केस नहीं है लेकिन अब इसे महामारी से पार बताया जा रहा है। सरकार ने 20 अप्रैल से लॉकडाउन में ढील देना शुरू कर दिया। पिछले हफ्ते पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू हो गया और अगले हफ्ते से बच्चे स्कूल जाने लगेंगे। सभी बार और 30 कमरों तक के होटेल भी अगले हफ्ते से खुलने लगेंगे। पिछले दो हफ्ते से यहां हर दिन कोरोना के 7 से कम नए केस देखने को मिल रहे हैं। सरकार ने ऐलान किया है कि अब दूसरे यूरोपियन यूनियन के देशों से स्लोवेनिया आने वाले लोगों को कम से कम सात दिन के लिए क्वारंटीन में रहना नहीं होगा। 20 लाख की आबादी वाले इस देश की सीमा इटली, ऑस्ट्रिया, हंगरी और क्रोएशिया से लगी हुई है। यहां अब तक 1464 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं और 103 मौतें हो चुकी हैं। कोरोना को यहां 12 मार्च को महामारी घोषित किया गया था। प्रधानमंत्री जैनेज जानसा ने संसद में बताया कि दो महीने में स्लोवेनिया ने महामारी पर काबू पा लिया है। उन्होंने कहा कि आज स्लोवेनिया की तस्वीर इस महामारी के दौर में यूरोप में सबसे बेहतर है। अब देश में जिन लोगों और व्यापारों को आर्थिक सहायता मिल रही थी, मई के बाद वह मिलना बंद हो जाएगी। सरकार ने कहा है कि विदेश नागरिकों में कोरोना इन्फेक्शन के लक्षण दिखे तो उन्हें देश में दाखिल होने की इजाजत नहीं होगी। गैर-UE देशों से आए लोगों को कम से कम 14 दिन के लिए क्वारंटीन में रहना होगा। डिप्लोमैट्स और कार्गो लाने वाले लोगों को इस नियम का पालन नहीं करना होगा। नागरिकों को अभी भी इन्फेक्शन फैलने से रोकने के लिए कुछ जरूरी नियमों का पालन करना होगा। लोगों को मास्क पहनना होगा और कम से कम 5 फीट की दूरी रखनी होगी और सार्वजनिक जगहों पर जाते वक्त हाथ डिसइन्फेक्ट करने होंगे। स्लोवेनिया ने मार्च में सभी स्कूल, स्पोर्ट्स और कल्चरल इंस्टिट्यूट्स, बार, रेस्तरां, होटल और दुकानें बंद कर दिए थे। सिर्फ मेडिकल स्टोर और खाने की दुकानें खुली थीं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी बंद था।