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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 22 Apr 2020.
Wed 1:44 PM (IST) Sandeep
वाशिंगटन: अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारतीय दवा कंपनियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। गौरतलब है कि भारतीय कंपनियों को कम लागत में दवाएं बनाने के लिए जाना जाता है। संधू ने कहा कि वैश्विक रणनीतिक साझेदार के रूप में भारत और अमेरिका मिलकर इस स्वास्थ्य संकट का सामना करने के लिए तैयार हैं।उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले कुछ दिनों में अमेरिका सहित 50 से अधिक देशों को मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति की है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की पहचान अमेरिकी खाद्य एवं औषधि नियामक ने कोविड-19 के संभावित उपचार के रूप में की है। संधू ने एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ फेलो पुनीत तलवार के साथ आभासी बातचीत में कहा कि भारतीय दवा कंपनियां कम लागत वाली दवाओं के उत्पादन में सबसे आगे हैं और वे इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। कोरोना वायरस महामारी से दुनिया भर में 25 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं और 171,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भारत महामारी के संभावित सबसे खराब स्थिति से निपटने के मद्देनजर अपनी आबादी के लिए दवा का स्टॉक कर रहा है। बाहर सप्लाई से पहले भारत के मरीज देश के लिए प्राथमिकता हैं। बता दें कि भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है, जिसका उपयोग मलेरिया के के लिए किया जाता है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया की दशकों पुरानी दवा है। पहले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 25 मार्च को इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी। हालांकि, डीजीएफटी ने कहा था कि मानवता के आधार पर मामले-दर-मामले में इसके कुछ निर्यात की अनुमति दी जा सकती है। अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के तीन लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। अभी तक इस वायरस से अमेरिका में 8,000 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है।