www.youngorganiser.com Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 2nd Jul. 2021, Fri. 1: 05 PM (IST) : टीम डिजिटल: Kuldeep इस्लामाबाद : पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास की सुरक्षा में चूक का नया मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक एक ड्रोन को दूतावास के अंदर देखा गया है। भारत ने इस्लामाबाद स्थित हाई कमीशन की सुरक्षा में हुई इस चूक पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है। पाकिस्तान में भारतीय दूतावास को लेकर सुरक्षा की चूक का ये पहला मामला नहीं है। इसी वर्ष मई में भी इसी तरह की सूरक्षा में चूक का मामला सामने आने पर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। उस वक्त भारतीय दूतावास के बाहर कुछ संदिग्ध हरकत नजर आई थी। उस वक्त दूतावास के बाहर खड़े एक वाहन से कोविड-19 महामारी की रोकथाम से जुड़ी चीजों को उतारा जा रहा था। इसमें पीपीई किट समेत दूसरी चीजें शामिल थीं। उस वक्त इन बॉक्स के साथ कुछ लोग फोटो खींच रहे थे, जिसमें वो इसकी आड़ में दूतावास की इमेज केप्चर कर रहे थे। आपको बता दें कि दूतावास की इस तरह से फोटो लेना प्रतिबंधित है और जिस जगह की ये बात है वहां पर किसी भी आम आदमी को आने की इजाजत नहीं होती है। इन जगहों पर आने के लिए हर किसी को इजाजत लेनी होती है। वहीं इस वक्त की ये घटना है उस वक्त वहां पर पुलिसकर्मी भी मौजूद थे जो इस काम में उनकी मदद कर रहे थे। भारत की तरफ से ये मुद्दा उठाते हुए इस चूक में सुरक्षाकर्मियों की मिलीभगत की तरफ भी इशारा किया है। भारत ने पाकिस्तान से इस मामले की जांच करने की मांग की थी।
भारत सरकार जल्द लाएगी काउंटर ड्रोन पॉलिसी : लगातार हो रही ड्रोन एक्टिविटी के बाद सरकार सतर्क हो गई है और काउंटर ड्रोन पॉलिसी बनाने पर काम शुरू कर दिया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक हाईलेवल मीटिंग में यह फैसला लिया गया। इस बैठक में पूरे जम्मू और पंजाब इलाके में काउंटर ड्रोन सिस्टम की स्थायी तैनाती की जरूरत पर बात हुई ,भारत सरकार ने काउंटर ड्रोन पॉलिसी बनाने पर काम शुरू कर दिया है। जम्मू एयरबेस पर ड्रोन अटैक के बाद लगातार दो दिन ड्रोन एक्टिविटी के बाद मंगलवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई एक हाईलेवल मीटिंग में यह फैसला लिया गया। बैठक में पूरे जम्मू और पंजाब इलाके में काउंटर ड्रोन सिस्टम की स्थायी तैनाती की जरूरत पर बात हुई, मीटिंग में इस स्ट्रैटजी पर बात हुई कि ड्रोन के जरिए होने वाले आतंकी हमलों को कैसे रोका जाए। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी शामिल हुए। जम्मू क्षेत्र में पिछले तीन दिन में तीन बार ड्रोन एक्टिविटी देखी गई है। सबसे पहले शनिवार रात जम्मू एयरबेस पर ड्रोन अटैक हुआ। इसमें एयरफोर्स के 2 जवानों को हल्की चोटें आई और एक बिल्डिंग की छत को नुकसान हुआ। इसके बाद रविवार की रात को भी जम्मू के कालूचक मिलिट्री बेस पर ड्रोन नजर आया। फिर सोमवार देर रात सुंजवान मिलिट्री स्टेशन के पास संदिग्ध ड्रोन दिखा। तीन दिन के भीतर तीन बार ड्रोन एक्टिविटी से सरकार सतर्क हो गई है। मंगलवार को पीएम की हाईलेवल मीटिंग में जिस काउंटर ड्रोन पॉलिसी पर बात हुई इसमें अपनाए जाने वाले मॉडल को भी बताया गया। इस मॉडल में रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) डिटेक्टर, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और इन्फ्रारेड कैमरा, रडार, ड्रोन कैचिंग नेट, GPS स्पूफर्स, लेजर और RF जैमर का इस्तेमाल किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस टेक्नोलॉजी को डील करने के लिए भारतीय वायुसेना नोडल एजेंसी की तरह काम करेगी। सरकार चाहती है कि भविष्य में ड्रोन हमलों से निपटने की कोशिशों को एयरफोर्स को-ऑर्डिनेट करे। काउंटर ड्रोन से निपटने की तकनीक में देश की टेक इंटेलीजेंस एजेंसी नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन की मदद भी ली जाएगी। उधर सीमा सुरक्षा बल (BSF) को भी एक ऐसा प्लेटफॉर्म मिलने वाला है जो उड़ने वाली संदिग्ध वस्तुओं या मानव रहित विमानों (यूएवी) का का पता लगाने और तेजी से रिएक्ट करने में सक्षम होगा। वहीं सेना को पहले ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस ड्रोन खरीदने की मंजूरी दे दी गई है, जिन्हें जम्मू जैसे हमलों के दौरान तैनात किया जा सकता है। ड्रोन और दूसरे फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स के राष्ट्र विरोधियों द्वारा इस्तेमाल को देखते हुए राजौरी जिले में बैन का फैसला लिया गया है। यहां ड्रोन या किसी भी छोटे फ्लाइंग ऑब्जेक्ट के स्टोरेज, बिक्री, अपने रखने, इस्तेमाल करने या लाने ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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