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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 13th, Jan. 2021.Wed, 01:57 PM (IST) :Team Work: Siddharth,& Kapish Sharama कठुआ: आतंकियों के घुसपैठ के इरादे से बनाई गई इस सुरंग के मिलते ही जवानों ने उच्च अधिकारियों को सूचित किया। आशंका है कि सुरंग के जरिए आतंकियों ने कश्मीर घाटी में घुसपैठ की है। बी.एस.एफ. सी.आर.पी.एफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है। बोबिया में पड़ने वाले गांवों में रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। बी.एस.एफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के नीचे सुरंग का पता लगाकर पाकिस्तान की साजिश का फिर से नाकाम कर दिया है। बी.एस.एफ ने बताया कि बुधवार सुबह एक अभियान के दौरान बीएसएफ के जवानों ने बोबियान गांव में सीमा पार से बनाई गई एक सुरंग का पता लगाया, जिसका निर्माण आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बी.एस.एफ के जवान रोज की तरह जब हीरानगर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त लगा रहे थे तभी उन्हें बोबिया क्षेत्र में सुरंग का पता चला।
कठुआ में सीमा पार 150 मीटर लंबी सुरंग
सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ) ने बुधवार को जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटी एक 150 मीटर लंबी सुरंग का पता लगाया है। इसका निर्माण आतंकवादियों की घुसपैठ के मकसद से किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीएसएफ के सतर्क जवानों ने पिछले छह महीने में कठुआ और सांबा जिलों में इस तरह की तीसरी सुरंग का पता लगाया है। बीएसएफ के महानिरीक्षक (जम्मू फ्रंटियर) एनएस जमवाल ने कहा, ” बुधवार सुबह एक अभियान के दौरान बीएसएफ के जवानों ने हीरानगर सेक्टर के बोबियान गांव में सीमा पार से बनाई गई एक करीब 150 मीटर लंबी सुरंग का पता लगाया।” सुरंग का पता चलने के बाद जामवाल और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। बीएसएफ अधिकारी ने कहा, ” इसके दूसरी तरफ पाकिस्तान का शेकरगढ इलाका है जो आतंकवादियों के ठिकानों के लिए कुख्यात है। हमारे पास सूचनाएं हैं जिसके चलते हम यहां होने वाली गतिविधियों को लेकर सतर्क थे।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी साजिशों को नाकाम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। जमवाल ने कहा कि रेत के बोरों पर मिले पाकिस्तानी चिन्ह इस सुरंग के निर्माण में पाकिस्तानी संगठनों का हाथ होने का साक्ष्य पेश करते हैं जोकि पिछली बार पता लगाई गई सुरंगों की तरह ही 25 से 30 मीटर गहरी और दो से तीन फुट व्यास की हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या यह सुरंग हाल-फिलहाल में बनाई गई है या पुरानी है तो उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है। हालांकि, अधिकारी ने यह भी कहा कि सुरंग से मिले रेत के बोरों पर उत्पादन वर्ष 2016-17 है, ऐसे में यह पुरानी भी हो सकती है। उन्होंने कहा, ” हम इस सुरंग की लंबे समय से तलाश कर रहे थे और सुरंग-रोधी अभियान के दौरान इसका पता चला है जोकि पूरे अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चलाया जा रहा है। इस सुरंग के जरिए पूर्व में घुसपैठ की गई अथवा नहीं? इसका पता जांच के बाद ही चल पाएगा।” जमवाल ने कहा कि बीएसएफ इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है कि फिलहाल इस सुरंग के जरिए घुसपैठ नहीं की गई है।
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