हल्द्वानी के कारोबारी प्रकाश पांडे ने बलबीर रोड पर भाजपा मुख्यालय के बाहर जहर खाया। अपनी कार में जहर खाने के बाद उसने अपनी एक वीडियो भी बनाई, जिसके उसने दोस्त को पोस्ट किया। इस वीडियों में उसने अपनी पूरी दर्द भरी कहानी बयां की। सरकार के खिलाफ बहुत कुछ बोला। बताया कि वह शुक्रवार को देहरादून आ गया था।इस वीडियो में उसने बताया कि वे पिछले चार-पांच महीनों से सीएम के ओएसडी के संपर्क में था। उन्हें कई बार मदद के लिए बोला। सरकारी दफ्तरों में फंसी अपनी पेमेंट दिलवाने की गुहार लगवाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। शुक्रवार को वह सीएम के ओएसडी के पास पहुंचा तो उन्होंने कहा कि बीपीएल कार्ड ले आया तो सीएम राहत कोष से उन्हें 20-30 हजार की मदद मिल जाएगी। इस पर उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने वीडियो में कांग्रेस की तारीफ और भाजपा की बुराई भी की। अपने दोस्त विरेंद्र को संबोधित वीडियो में उसने साफ कहा कि उसने जहर खा लिया है और शायद वह बचेगा नहीं।
ट्रकों की किश्त और बच्चों की फीस नहीं दे पा रहा था
इस वीडियो में उसने बताया कि वे पिछले चार-पांच महीनों से सीएम के ओएसडी के संपर्क में था। उन्हें कई बार मदद के लिए बोला। सरकारी दफ्तरों में फंसी अपनी पेमेंट दिलवाने की गुहार लगवाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। शुक्रवार को वह सीएम के ओएसडी के पास पहुंचा तो उन्होंने कहा कि बीपीएल कार्ड ले आया तो सीएम राहत कोष से उन्हें 20-30 हजार की मदद मिल जाएगी। इस पर उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने वीडियो में कांग्रेस की तारीफ और भाजपा की बुराई भी की। अपने दोस्त विरेंद्र को संबोधित इस वीडियो में उसने साफ कहा कि उसने जहर खा लिया है और शायद वह बचेगा नहीं।
प्रकाश पांडे इससे पूर्व अपनी व्यथा के बारे में पीएमओ, वित्तमंत्री अरुण जेटली, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ ही चेन्नई की श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी के एमडी को पांच जून को पत्र लिख चुका है, जिसमें उसने लिखा कि उसने कंपनी से तीन ट्रक फाइनेंस करवाए थे। जो उसने हल्द्वानी में गोला खनन और अन्य कामों में लगाए थे। वर्ष 2016 के बरसात, खनन पर रोक और नोटबंदी से कारोबार में भारी घाटा हुआ। जिस कारण वह अगस्त 2016 से ट्रकों की किश्त नहीं दे पा रहा। उसने अगस्त 2016 से मई 2017 ब्याज माफ करने और उस पर लगने वाला चक्रवृद्धि ब्याज रोकने की फरियाद की। उसने कंपनी से ट्रकों के इंश्योरेंस के कागज भी देने को कहा। प्रकाश पांडे के अनुसार पीएमओ ने अगस्त 2017 में उनकी शिकायत पर कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को लिखा। इसकी कापी प्रकाश पांडे को भी दी गई। पांडे के अनुसार इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ना ही कंपनी ने कोई मदद की। मुख्यमंत्री के नाम लिखी गई शिकायत में प्रकाश पांडे ने ये भी कहा कि वह पिछले छह माह से अपनी दो बच्चों की फीस के साथ ही बीमा की किश्त नहीं दे पा रहा है।