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थिएटराइजेशन भारत अपने अभी तक के सबसे बड़े सैन्य सुधारों की प्रक्रिया से गुजर रहा

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 11th Jul. 2021, Sun. 10: 50  PM (IST) : टीम डिजिटल: ( Article ) P.V. Sharma & Kuldeep भारत अपने अभी तक के सबसे बड़े सैन्य सुधारों की प्रक्रिया से गुजर रहा है, और ये सुधार हैं- थिएटराइजेशन. योजना ये है कि 5 एकीकृत या थिएटर कमांड्स होंगी, जो बेहतर प्लानिंग और सैन्य रेस्पॉन्स में सहायक होंगी, और जिनका भविष्य के युद्ध लड़ने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण होगा। लेकिन ये प्रक्रिया, जिसकी अगुवाई चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जन. बिपिन रावत कर रहे हैं, उम्मीद के मुताबिक सुचारु नहीं रही है- जैसा कि सैन्य विचारक और इतिहासकार सर बीएच लिडल हार्ट का मशहूर वाक्य है। ‘सैन्य दिमाग में किसी नए विचार को घुसाने से ज्यादा मुश्किल एक ही चीज है- पुराने को बाहर निकालना‘ । थिएटर कमांड के ढांचे और विस्तार को लेकर उभरे आंतरिक मतभेद पिछले सप्ताह खुलकर सामने आ गए, जब जन. रावत ने भारतीय वायुसेना को आर्टिलरी और इंजीनियर्स की तरह एक ‘सहायक इकाई‘ बता दिया, और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि हवाई शक्ति इससे कहीं ज्यादा है। सत्ता के अधिकारिक गलियारों में सुगबुगाहट चल रही थी कि सब कुछ ठीक नहीं था, इसी बीच पिछले महीने हुई एक बैठक के दौरान कमांड के बुनियादी ढांचे को लेकर गंभीर मतभेद उभर कर सामने आ गए। ये बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक नोट का मसौदा तैयार करने के लिए बुलाई गई थी, जिनकी अगुवाई में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी को, थिएटर कमांड्स बनाने की स्वीकृति देनी है। सके ढांचे, कमांड, और अन्य बारीकियों से जुड़े बहुत से सवालों के जवाब अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आदेश पर अब एक कमेटी गठित की गई है, ताकि सभी मुद्दे पूरी तरह सुलझा लिए जाएं। हमने यहां समझाने की कोशिश की है कि थिएटराइजेशन क्या है, और भारत उससे क्या हासिल करने की उम्मीद रखता है. शब्दकोष में थिएटर ऑफ वॉर के मायने हैं ‘तमाम जमीनी, समुद्री, और हवाई क्षेत्र जो सीधे तौर पर, युद्ध संचालन में शामिल हैं या हो सकते हैं‘। थिएटर वॉरफेयर‘ शब्द दूसरे विश्व युद्ध में ज्यादा चलन में आ गया था, जब लड़ाइयां अलग अलग महाद्वीपों में लड़ी जा रहीं थीं। पहले विश्व युद्ध के दौरान भी, लड़ाइयां वैसे तो पूरी दुनियां में लड़ी गईं थीं, लेकिन बड़े युद्ध वहां लड़े गए जिसे उस समय यूरोपियन थिएटर कहा जाता था। दूसरे विश्व युद्ध में, कुछ नए थिएटर विकसित हो गए जिनमें बहुत से मोर्चे थे- नॉर्डिक मोर्चा, पश्चिमी मोर्चा, और पूर्वी मोर्चा. इनके अलावा एशिया-प्रशांत थिएटर, और अफ्रीका तथा मध्य पूर्व थिएटर भी थे। ये थिएटर्स लड़ाई के भौगोलिक क्षेत्रों को निर्दिष्ट करते थे, और तमाम तैनातियां- सेना, नौसेना, और वायुसेना- उसी तरह एकीकृत ढंग से की जाती थीं। किस तरह की कार्रवाइयों को अंजाम दिया जा रहा था, उसके हिसाब से विशिष्ट सेवाओं के ऑफिसर्स कमांड को अपने हाथ में लेते थे, हालांकि काफी हद तक इसकी अगुवाई सेना करती थी। इस समय, लगभग सभी बड़े देश जैसे चीन, रूस, अमेरिका, यूके, और फ्रांस, एक थिएटर कमांड की अवधारणा पर काम करते हैं. लेकिन, ये थिएटर अधिकतर अपने वैश्विक नजरिए पर आधारित होता है, और उनके अभियान के चरित्र का हिस्सा होता है। चीन एक थिएटर अवधारणा में दाखलि होने वाला सबसे हालिया देश है, और ऐसे समय इसमें आया है जब वो दुनिया में एक बड़ी भूमिका निभाने की महत्वाकांक्षा रखता है। भारत में फिलहाल 19 मिलिटरी कमांड्स हैं, जिनमें से 17 सेवा उन्मुख हैं. जहां थलसेना और वायुसेना दोनों में सात-सात कमांड्स हैं, वहीं नौसेना में तीन हैं। भारत में एक ट्राई सर्विस कमांड भी है- अंडमान व निकोबार कमांड- और उसके अलावा स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (एसएफसी) भी है, जो देश के परमाणु भंडार की निगरानी करती है। लक्ष्य ये है कि सभी 17 अलग अलग कमांड्स को, चार या पांच एकीकृत या थिएटर कमांड्स के अंतर्गत लाया जाए. इसमें ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक्स के लिए दो और सक्रिय कमांड्स भी रखी जा सकती हैं। इसके पीछे तर्क ये है कि इससे प्लानिंग और सैन्स रेस्पॉन्स बेहतर होंगे, और लागत में भी कमी आएगी। हालांकि निकट भविष्य में ये लागत ऊपर जा सकती है, क्योंकि सभी थिएटर्स को पर्याप्त सिस्टम्स से लैस करना होगा, लेकिन लंबे समय में ये किफायती साबित होगी, चूंकि सभी अधिग्रहण एकीकृत रूप से किए जाएंगे। अधिग्रहण का एकीकृत दृष्टिकोण न होने के नतीजों की सबसे बड़ी मिसाल, अमेरिका से अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर्स की खरीद है। जहां भारतीय वायुसेना ने 22 अपाचे खरीदे, वहीं सेना ने भी ऐसे छह चॉपर्स का ऑर्डर दे दिया है. अंत में नतीजा- कम से कम 2,500 करोड़ रुपए का नुकसान, और अव्यवस्थित परिचालन योजना। दूसरा लक्ष्य है भविष्य के युद्ध लड़ने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण. सूत्रों ने बताया कि चीन के थिएटराइजेशन के कदम का भी असर हुआ है. चीन के बारे में एक चीज जो हम कह सकते हैं, वो है उनकी प्रतिक्रिया में एकरूपता, चाहे वो पूर्व में हो या उत्तर में लद्दाख में हो. ऐसा इसलिए है कि चीन का पश्चिम थिएटर कमांड, भारत से लगी पूरी सीमा को देखता है, जबकि इसके उलट हमारे यहां जवाबी कार्रवाई करने के लिए, अलग अलग कमांड्स और स्ट्रक्चर्स हैं, जो अलग अलग अधिकारियों के नीचे हैं‘। युद्ध लड़ने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण की जरूरत पर विचार, 1999 के कारगिल युद्ध के बाद शुरू हुआ। कारगिल समीक्षा समिति और फिर नरेश चंद्रा कमेटी के अलावा एक मंत्री समूह ने भी, उच्च रक्षा प्रबंधन में ढांचागत बदलाव किए जाने की मांग की थी। ये शेकटकर समिति थी, जिसके प्रमुख ले. जन. (रिटा) शेकटकर थे, जिसने सीडीएस का पद और थिएटर कमांड्स बनाए जाने की सिफारिश की थी। इस कमेटी से पहले दूसरे हर पैनल ने सिर्फ एकीकृत योजना की जरूरत के बारे में बात की थी। थलसेना और नौसेना थिएटराइजेशन के मुद्दे पर एक राय रखती हैं, लेकिन वायुसेना ने इस कदम का समर्थन करने के साथ ये भी कहा है, कि कई सारे थिएटर्स नहीं हो सकते. उनकी दलील है कि जरूरत सिर्फ एक थिएटर की है। मौजूदा प्रस्ताव के अनुसार, जिसपर पिछले महीने की बैठक में चर्चा की गई, पांच थिएटर्स बनाए जाएंगे- उत्तरी जमीनी थिएटर (जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और केंद्रीय सेक्टर) पश्चिमी जमीनी थिएटर (पाकिस्तान-केंद्रित), पूर्वी जमीनी थिएटर, मैरिटाइम थिएटर कमांड और एयर डिफेंस कमांड। लेकिन, शुक्रवार को जनरल रावत ने कहा कि उत्तरी कमांड में कोई बदलाव नहीं होगा, और फिलहाल के लिए ये अपने मौजूदा रूप में बनी रहेगी, चूंकि ये परिचालन रूप से संवेदनशील है, क्योंकि आंतरिक सुरक्षा पर नजर रखने के अलावा, इसके सामने चीन और पाकिस्तान की भी चुनौती है। पहले जो दो कमांड शुरू की जाएंगी वो हैं मैरिटाइम थिएटर कमांड (एमटीसी) और एयर डिफेंस कमांड (एडीसी) । जैसी कि पहले खबर दी गई थी, एमटीसी में पूर्वी और पश्चिमी कमांड्स का विलय किया जाएगा, और इसके अलावा सेना और वायुसेना से भी कुछ तत्व लिए जाएंगे। एमटीसी का प्रमुख एक तीन स्टार वाला नौसेना अधिकारी होगा, और इसमें एक दो स्टार का अधिकारी वायुसेना से, और एक तीन स्टार का अधिकारी थलसेना से होगा। इसी तरह, एडीसी का प्रमुख भी एक तीन स्टार वाला अधिकारी होगा, जिसके साथ एक तीन स्टार का सेना अधिकारी, और एक दो स्टार का अधिकारी भी होगा। जिन दूसरे थिएटर कमांड्स की योजना है उनके प्रमुख तीन स्टार वाले सेना अधिकारी होंगे, और उनमें वायुसेना तथा नौसेना के अधिकारी भी होंगे।

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