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* * * कोर्ट परिसर के मुख्य द्वारों पर बकायदा रिपोर्ट चेक की गई जिसके बाद वकीलों को भीतर प्रवेश की अनुमति दी गई * * *

तीन महीनों बाद जम्मू अदालतों में वैक्सीनेशन करवा चुके वकीलों को ही मिली अनुमति शुरू हुई केसों की आमने सामने सुनवाई

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 5th Jul. 2021, Mon . 10 : 16  AM (IST) : टीम डिजिटल: Imtiaz Chowdhury & P.V.Sharma जम्मू : कोर्ट परिसर में दाखिल होने की अनुमति केवल उन्हीं वकीलों को मिली जो कोविड-19 वैक्सीनेशन की एक या दोनों डाेज ले चुके थे। इसके लिए कोर्ट परिसर के मुख्य द्वारों पर बकायदा रिपोर्ट चेक की गई जिसके बाद वकीलों को भीतर प्रवेश की अनुमति दी गई। जिन याचिकाकर्ताओं व गवाहों को प्रवेश की अनुमति मिली थी, उन्हें भी पहले अपने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की जांच करानी पड़ी। आदेशानुसार केवल उन्हीं वकीलों को कोर्ट परिसर में दाखिल होने की अनुमति दी गई, जिनके केसों की सोमवार सुनवाई निर्धारित थी। याचिकाकर्ताओं व आम लोगों के कोर्ट परिसर में दाखिल होने पर प्रतिबंध जारी रहा और उन्हें कोर्ट परिसर के मुख्य द्वार से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई। तीन महीने तक केसों की ऑनलाइन सुनवाई करने के बाद जम्मू-कश्मीर की सभी अदालतों में सोमवार से आमने सामने सुनवाई शुरू हो गई। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने इसे लेकर तीस जून को आदेश जारी किया था।  कोविड-19 पर जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से जारी ताजा एस.ओ.पी व इस महामारी के कम होते प्रकोप को देखते हुए हाईकोर्ट ने सोमवार से आमने सामने सुनवाई शुरू करने का फैसला लिया था। इसके लिए कुछ एस.ओ.पी भी जारी की गई जिनकी सख्ती से पालन करवाया जा रहा है। कोर्ट परिसर में दाखिल होने पर वकीलों को शारीरिक दूरी का पूरी तरह से पालन करने व उन्हें कोर्ट रूम गैलरी या बाहर खड़े न होने व सुनवाई खत्म होते ही कोर्ट परिसर से बाहर जाने की हिदायत दी गई है  की ऑनलाइन सुनवाई का सिलसिला भी जारी रखा गया है। हर वीकेंड पर होगी सैनिटाइजेशन: कोर्ट परिसर में वकीलों के प्रवेश के लिए सुबह साढ़े नौ बजे से शाम पांच बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। इसके बाद कोर्ट परिसर में सैनिटाइजेशन करवाई जाएगी। इसके अलावा हर वीकेंड पर पूरे कोर्ट परिसर की नियमानुसार सैनिटाइजेशन होगी ताकि किसी भी सूरत में संक्रमण फैलने की संभावना न रहे। हाईकोर्ट की ओर से यह छूट दी गई है कि वकील अगर चाहे तो अपने केस की ऑनलाइन सुनवाई के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। आदेश में कहा गया है कि फिलहाल हाईकोर्ट, सभी निचली अदालतों व ट्रिब्यूनल में दोनों व्यवस्थाएं जारी रहेगी और अगर वकील किन्हीं कारणों से अपने केस की ऑनलाइन सुनवाई करवाना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें पहले से सूचित करना होगा। किसी केस में अगर एक पक्ष के वकील ऑनलाइन पेश होना चाहते हैं और दूसरे पक्ष के फिजिकल तौर पर मौजूद रहकर पैरवी करना चाहते हैं, तो ऐसा भी हो सकता है।

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