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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 22 Apr 2020.
Wed 1:00 PM (IST) Kuldeep Sharma & Pawan Vikas Sharma
1 …नरेंद्र मोदी कैबिनेट की बैठक में बुधवार को 123 साल पुराने कानून में बदलाव करने का फैसला किया…
नई दिल्ली : जावड़ेकर ने बुधवार को कहा आज सुबह की गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन ने मेडिकलकर्मियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी। डॉक्टरों ने मांग की थी कोरोना काल में उनकी सुरक्षा के लिए सरकार कानून लाए। गृह मंत्री ने उन्हें भरोसा दिया था कि डॉक्टरों और नर्सों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश में डॉक्टरों और नर्सों पर हमले को देखते हुए सरकार उनकी सुरक्षा के लिए एक अध्यादेश लाई है। नरेंद्र मोदी कैबिनेट की बैठक में बुधवार को 123 साल पुराने कानून में बदलाव करने का फैसला किया गया और हेल्थकर्मियों के लिए अध्यादेश लाने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि NSA, IPC, CRPC होने के बावजूद यह अध्यादेश लाने का फैसला किया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 123 साल पुराने कानून में बदलाव करते हुए डॉक्टरों पर हमला करना को बर्दाश्त नहीं करने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि गंभीर चोट के मामलों में हमला करने वालों को 6 महीने से 7 साल तक की सजा हो सकती है। ऐसे मामलों में जुर्माना 1-5 लाख तक होगा। गाड़ी या क्लीनिक का नुकसान करने पर बाजार रेट से दोगुना नुकसान हमलावारों से वसूल किया जाएगा। इस अध्यादेश के तहत डॉक्टरों और अन्य हेल्थकर्मियों पर हमला करने वालों को अधिकतम 7 साल तक की सजा हो सकती है। कैबिनेट बैठक के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया। उन्होंने कहा कि सरकार डॉक्टरों और नर्सों पर हमला बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि हेल्थकर्मियों पर हमला करने वालों पर 50 हजार से 2 लाख के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा 3 महीने से 5 साल की सजा भी हो सकती है। जबकि गंभीर चोट के मामले में अधिकतम 7 साल की सजा हो सकती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थयकर्मियों पर हमला गैरजमानती होगा।