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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 12 May 2020.
Tue, 011:02 AM (IST) : Team Work: Kuldeep Sharma & Sandeep Agerwal
कश्मीर : दिलबाग सिंह डी.जी.पी, जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया कि एन.आई.ए ने टेरर फंड मामले की जारी जांच अब और विस्तार दिया है। एन.आई.ए ने कथित तौर पर प्रदेश पुलिस से कुछ आवश्यक सूचनाएं देने के लिए कहा है। इसमें क्रास एल.ओ.सी ट्रेड से जुड़े कुछ व्यापारियों के नाम भी हैं। रंजीत सिंह चीता से पूछताछ के संदर्भ में बताया कि जम्मू कश्मीर पुलिस लगातार पंजाब पुलिस के संपर्क में हैं। फिलहाल, पंजाब पुलिस ही चीता और हिलाल वागे समेत अन्य लोगों से पूछताछ कर रही है। पंजाब पुलिस और एन.आई.ए से हम लगातार संपर्क में हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस भी मामले में जांच कर रही है। पंजाब पुलिस से जो इनपुट मिल रहे हैं, उनके आधार पर संदिग्धों की धरपकड़ की जा रही है। 532 किलो हेरोइन रिकवरी मामले में सिरसा से गिरफ्तार अंतरराष्ट्रीय नशा तस्कर रंजीत सिंह उर्फ चीता और आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के वित्तीय रिश्तों की बात सामने आने के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी इस मामले में फिर से सक्रिय हो गई है। यहां तक कि टेरर फंडिंग में पहले से पकड़े गए लोगों से पूछताछ की तैयारी कर ली गई है। फिलहाल, सात लोगों की सूची तैयार की गई है। इनमें से चार कोट भलवाल जेल में ही बंद हैं। इसके अलावा क्रास एल.ओ.सी ट्रेड से जुड़े प्रदेश के उन व्यापारियों को भी चिह्न्ति किया जा रहा है, जो अमृतसर और जालंधर के व्यापारियों के साथ सीधे जुड़े हुए थे।दरअसल, पूछताछ में चीता ने कई सनसनीखेज जानकारियां दी हैं। पंजाब में पूछताछ में उसने बताया कि हेरोइन बिक्री के बाद ड्रग मनी का बड़ा हिस्सा जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के पास पहुंचाया जाना था, जिससे भारी मात्र में हथियार खरीदकर संगठन आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता। पूछताछ के दौरान दोनों भाइयों ने स्वीकार किया है कि पाकिस्तान से आई 532 किलो हेरोईन की खेप में से 132 किलो हेरोइन पंजाब समेत दिल्ली, मुंबई और कुछ अन्य राज्यों में सप्लाई की जानी थी। शेष 400 किलो हेरोइन को सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भेजने के लिए सी रूट समुद्र मार्ग का इस्तेमाल किया जाना था।एन.आई.ए वर्ष 2017 से ही जम्मू कश्मीर में टेरर फंडिंग व हवाला मामलों की जांच कर रही है। इस सिलसिले में करीब दो दर्जन अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है। यहां तक कि पंजाब, हरियाणा व दिल्ली के कुछ व्यापारियों के अलावा जम्मू कश्मीर के चार व्यापारी भी पकड़े जा चुके हैं। टेरर फंडिंग के चलते ही भारत-पाक के बीच क्रॉस एल.ओ.सी ट्रेड को रोका गया है। इस ट्रेड की आड़ में भी मादक पदार्थो की तस्करी होती रही है। क्रॉस एल.ओ.सी ट्रेड के जरिए व्यापार का एक बड़ा हिस्सा आतंकी संगठनों तक पहुंचता रहा है।