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जी.डी.पी के 10% का पैकेज देकर अमेरिका व जापान की पंक्ति में भारत

www.youngorganiser.com …इकॉनमी को मिलेगी ताकत, 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान…

Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 12 May 2020.

 Tue, 09:44 PM (IST) : Team Work: Kuldeep & Sandeep Agerwal

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री ने मंगलवार को कहा कोरोना संकट का सामना करते हुए नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं। ये आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा। प्रधानमंत्री मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में मार्च महीने में घोषित 1.70 लाख करोड़ रुपये का पैकेज भी शामिल है। उस पैकेज के तहत गरीबों को मुफ्त राशन, गरीब महिलाओं और बुजुर्गों को नकद सहायता का प्रावधान किया गया था। बाद में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी नीतिगत ब्याज दरों में कटौती और बाजार में तरलता बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों के जरिए आर्थिक मदद का ऐलान किया था। 1.70 लाख करोड़ रुपये का पहला पैकेज तो जी.डी.पी का महज 0.8% था जबकि आर.बी.आई की ओर से घोषित पैकेज 6.5 लाख करोड़ का और जी.डी.पी का 3.2% है। यानी, कुल 8.20 लाख करोड़ रुपये के साथ जी.डी.पी के करीब 4% के बराबर की रकम का पैकेज पहले ही दिया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संदेश में कुल 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया जिसमें लॉकडाउन से अस्त-व्यस्त हुई अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए पहले के ऐलान भी शामिल हैं। यह रकम देश की जी.डी.पी के करीब 10% के बराबर है। इस लिहाज से देखें तो भारत दुनिया के उन गिने-चुने देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है जिन्होंने कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए बड़े-बड़े इकॉनमिक पैकेज के ऐलान किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। उन्होंने कहा ये पैकेज भारत की जी.डी.पी का करीब-करीब 10 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री के इस ऐलान के साथ ही भारत अमेरिका और जापान की टक्कर में आ गया जिन्होंने अपनी-अपनी जी.डी.पी के 13% और 21% से ज्यादा की रकम के आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रखी है। प्रधानमंत्री मोदी के ऐलान के बाद स्पष्ट हो गया है कि पहले के ऐलानों के बाद अब विभिन्न क्षेत्रों के लिए 12 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त पैकेज दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस पैकेज का विस्तृत ब्योरा पेश नहीं किया और कहा कि बुधवार से अगले कुछ दिनों तक हर सेक्टर के लिए तय पैकेज की पूरी जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देंगी। प्रधानमंत्री ने यह संकेत जरूर दिया कि पैकेज के जरिए एमएसएमई सेक्टर को टैक्स से राहत दी जाएगी और देश के अंदर उत्पादन बढ़ाकर निवेश आकर्षित किया जाएगा। कहा जा रहा है कि सरकार ने जिन कंपनियों का पूरा टैक्स माफ करने का फैसला किया है, उनमें चिकित्सकीय उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलिकॉम उपकरण और कैपिटल गुड्स निर्माता कंपनियां शामिल हैं। हालांकि, आर्थिक मदद पाने के लिए इन कंपनियों को एक निवेश की एक निश्चित रकम हासिल करनी होगी। देश के बुनियादी ढांचों के निर्माण में निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही, चीन छोड़कर निकलने वाली कंपनियों को आकर्षित करने के लिए आसानी से जमीन मुहैया कराने और श्रम सुधारों के लिए भी पैकेज के जरिए राहत प्रदान की जा सकती है। 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देश में ज्यादातर आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई हैं। तब से लॉकडाउन दो बार बढ़ाकर पहले 3 मई और फिर 17 मई कर दिया गया। प्रधानमंत्री ने आज के संबोधन में लॉकडाउन के चौथे चरण का भी ऐलान कर दिया। हालांकि कुछ आर्थिक गतिविधियों की छूट दी जा चुकी है और आगे और भी पाबंदियां हटाए जाने की उम्मीद है। मोदी ने कहा कि यह पैकेज इस पैकेज में लैंड जमीन लेबर श्रम, लिक्विडिटी तरलताऔर लॉ कानून, सभी पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग हमारे एम.एस.एम.ई के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है।

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