संक्षिप्त मुख्य अंश वा भाग :
- जम्मू वायुसेना स्टेशन पहुंची एनआईए की टीम , जम्मू-कश्मीर के डी.जी.पी दिलबाग सिंह ने घटना को आतंकी हमला करार दिया , ऐसा पहली बार है, जब किसी आतंकी हमले में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है , एयरफोर्स चीफ ने घायल जवानों से फोन पर बात की,दिलबाग सिंह ने ताया कि जम्मू एयरफील्ड पर हुए दोनों धमाकों में पेलोड के साथ ड्रोन के इस्तेमाल से विस्फोटक सामग्री गिराने की आशंका , मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इस वारदात के बाद जम्मू में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जम्मू में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू एयरफोर्स स्टेशन, अवंतीपोरा, उधमपुर समेत सभी एयरफोर्स स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई, जम्मू में हाई अलर्ट है, माता वैष्णो देवी धाम के साथ ही अन्य प्रमुख स्थलों की सुरक्षा कड़ी की गई, 5 किलोग्राम वजनी आई.ई.डी बरामद किया गया, मकवाल बॉर्डर से एयरपोर्ट की दूरी कर रही है पाकिस्तान की साजिश की ओर इशारा , मकवाल बॉर्डर से एयरपोर्ट की दूरी कर रही है पाकिस्तान की साजिश की ओर इशारा,
www.youngorganiser.com Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 27th Jun. 2021, Sun. 07: 06 AM (IST) : टीम डिजिटल: Pawan Vikas Sharma जम्मू । रक्षा मंत्रालय के पी.आर.ओ लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू के वायु सेना स्टेशन पर हुई घटना के संबंध में वाइस एयर चीफ एयर मार्शल एच.एस. अरोड़ा से बात की। रक्षा मंत्री कार्यालय के मुताबिक एयर मार्शल विक्रम सिंह स्थिति का जायजा लेने जम्मू पहुंच रहे हैं। जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया के पास धमाका होने से एयरफोर्स के 2 जवानों को हल्की चोटें आई हैं। यहां 5 मिनट के अंतराल पर दो ब्लास्ट हुए। पहला ब्लास्ट परिसर की बिल्डिंग की छत पर और दूसरा नीचे हुआ। भारतीय वायु सेना आई.ए.एफ ने एक बयान में कहा, “एक ने एक इमारत की छत को मामूली नुकसान पहुंचाया जबकि दूसरा एक खुले क्षेत्र में विस्फोट हुआ। किसी भी उपकरण को कोई नुकसान नहीं हुआ है और नागरिक एजेंसियों के साथ जांच जारी है। धमाके की आवाज काफी दूर तक सुनाई दी। घटना शनिवार आधी रात की है। पहला धमाका रात 1.37 बजे और दूसरा धमाका ठीक 5 मिनट बाद 1.42 बजे हुआ। जहां यह घटना हुई है, उसी कैंपस में जम्मू का मुख्य एयरपोर्ट भी आता है। विस्फोट करने के लिए दो ड्रोन इस्तेमाल किए गए थे। हमलावरों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन आशंका है कि विस्फोट वाले इलाके में खड़े एयरक्राफ्ट उनके निशाने पर थे। वायुसेना, नौसेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया है। भारतीय वायुसेना की एक हाईलेवल टीम इस घटना की जांच करेगी। जम्मू-कश्मीर के डी.जी.पी दिलबाग सिंह ने घटना को आतंकी हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस और IAF के साथ अन्य एजेंसियां भी मामले की जांच कर रही हैं। ऐसा पहली बार है, जब किसी आतंकी हमले में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है। मौके से अब तक विस्फोटक के टुकड़े ही मिले हैं। ड्रोन के अवशेष नहीं मिले हैं।दिलबाग सिंह ने ताया कि जम्मू एयरफील्ड पर हुए दोनों धमाकों में पेलोड के साथ ड्रोन के इस्तेमाल से विस्फोटक सामग्री गिराने की आशंका है। जम्मू पुलिस ने 5-6 किलोग्राम IED भी बरामद किया है। यह IED लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेटिव द्वारा प्राप्त किया गया था और इसे किसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर लगाया जाना था।दिलबाग सिंह ने कहा कि इस रिकवरी से बड़ा आतंकी हमला टल गया है। पूछताछ के दौरानमामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इस वारदात के बाद जम्मू में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इस नाकाम IED विस्फोट के मामले में और भी संदिग्धों के पकड़े जाने की संभावना है। पुलिस अन्य एजेंसियों के साथ मामले की जांच में जुटी है। माना जा रहा है कि ड्रोन से विस्फोटक को गिराया गया होगा। उन्हें IED के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया गया। भारतीय वायु सेना के चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने हमले में घायल एयरफोर्स के दोनों जवानों से फोन पर बात की है। भदौरिया इस समय बांग्लादेश में हैं। अधिकारियों के मुताबिक, दोनों जवान डॉक्टरों की निगरानी में हैं और ठीक हैं। जम्मू एयरपोर्ट पर विस्फोटकों से लदे ड्रोन से हमले के मामले में रविवार को अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रीवेंशन) एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। जूनियर वारंट ऑफिसर की शिकायत पर सतवारी थाने में यह केस दर्ज हुआ है। एक अधिकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस मामले की जांच अपने हाथ में ले सकती है। वे पहले से ही धमाके वाली जगह पर हो रही जांच की निगरानी कर रहे हैं। घटना के बाद IG कश्मीर विजय कुमार ने B.C.A.S, N.S.G, I.A.F, C.R.P.F, B.S.F, C.I.S.F के अफसरों, डायरेक्टर एयरपोर्ट, D.I.G सेंट्रल कश्मीर रेंज और S.S.P बडगाम के साथ एयरपोर्ट की सुरक्षा की समीक्षा की है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि वायुसेना स्टेशन पर आज पहले दो कम तीव्रता वाले विस्फोटों के बाद गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। जांच जारी है। उधर, वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, जो आधिकारिक दौरे पर बांग्लादेश में हैं, लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। मामले की जांच के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। पश्चिमी वायु कमांडर एयर मार्शल वी.आर चौधरी जम्मू वायुसेना स्टेशन में हैं। जम्मू एयरफोर्स स्टेशन, अवंतीपोरा, उधमपुर समेत सभी एयरफोर्स स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जम्मू में हाई अलर्ट है। माता वैष्णो देवी धाम के साथ ही अन्य प्रमुख स्थलों की सुरक्षा कड़ी की गई है। उन्होंने यह भी उद्धृत किया कि अतीत में हथियारों को गिराने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाता था क्योंकि इसे रडार द्वारा पता नहीं लगाया जा सकता है। सुरक्षा प्रतिष्ठानों ने कहा कि संदेह है कि विस्फोट को ट्रिगर करने के लिए हवाई अड्डे के अंदर आईईडी गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एन.आई.ए) की एक टीम रविवार को जम्मू वायु सेना स्टेशन पहुंची। इस दौरान सभी उड़ानें सामान्य रूप से जम्मू हवाई अड्डे से रवाना हुईं, सिवाय दो उड़ानों को छोड़कर, जिन्हें ऑपरेशनल वजहों से रद्द कर दिया गया था। इस बीच, जम्मू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ए.डी.जी) मुकेश सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि पुलिस ने त्रिकुटा नगर पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में एक मॉल के पास से एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया है, जिसके कब्जे से 5 किलोग्राम वजनी आई.ई.डी बरामद किया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने वायुसेना स्टेशन पर हुए दोहरे विस्फोट को आतंकी हमला करार दिया है। उन्होंने दोनों धमाकों में ड्रोन के इस्तेमाल से विस्फोटक सामग्री गिराने की आशंका जाहिर की है। डीजीपी ने बताया कि जम्मू पुलिस ने 5 से 6 किलोग्राम वजन का एक और आईईडी बरामद किया है। यह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के गुर्गे से बरामद की गई। इसे किसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर लगाया जाना था। इस रिकवरी से बड़ा आतंकी हमला टल गया है। पूछताछ के लिए संदिग्धों को उठाया गया है। पुलिस अन्य एजेंसियों के साथ जम्मू हवाई क्षेत्र में हुए विस्फोटों पर भी काम कर रही है। बताया जा रहा है कि इस साजिश को अंजाम देने के लिए पी-16 ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है। ये ड्रोन काफी नीचे उड़ सकता है। इसकी वजह से कई बार यह रडार की नजर से भी बच जाता है। हवाई मार्ग से एयरपोर्ट से मकवाल बॉर्डर की दूरी करीब पांच किलोमीटर है। इसके साथ यह बात भी सामने आ रही है कि ड्रोन में जीपीएस लगा था। आशंका जताई जा रही है कि इस ड्रोन को सीमा पार से हैंडल किया जा रहा था। हालांकि इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों ने बताया कि विस्फोटों में आतंकवादी नेटवर्क की संभावित संलिप्तता समेत विभिन्न पहलुओं की जांच की जा रही है। साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक भी हुई है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने वायुसेना स्टेशन पर हुए दोहरे विस्फोट को आतंकी हमला करार दिया है।
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