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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 05 May 2020.
Tue, 11:00 AM (IST) : Team Work: Sandeep & Kuldeep Sharma
काबुल: काबुल में मौजूद एक आतंकरोधी अधिकारी ने बताया जैश के इन आतंकवादियों को पूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त से जलालाबाद और पाकिस्तान सीमा से सटे कांधार प्रांत में तालिबान यूनिट्स के साथ तैनात किया गया है।” अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई तालिबान और जैश-ए-मोहम्मद के बीच तालमेल बिठा रही है। कुछ इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा ने भी अपने आतंकवादियों को जैश के कैंप में ट्रेनिंग के लिए भेजा है। अफगान फोर्सेज द्वारा गिरफ्तार किए गए जैश आतंकी जेरार ने पूछताछ में बताया कि इन कैंपों में ट्रेनिंग, हथियार और समर्थन पाकिस्तान सेना की ओर से दिया जा रहा है। उसने कहा कि पाकिस्तानी सेना के कवर फायर में कई आतंकवादी भागने में सफल रहे। जेरार की पाहचान पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के वाशिंदे के रूप में हुई है। उसे 15 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया है। अफगानिस्तान के सुरक्षाकर्मियों को पिछले महीने अचानक इसका एक टैरर कैंप उस समय नजर में आया जब वे 12 अप्रैल को आतंकरोधी मिशन पर थे। यहां से गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों से पूछताछ के बाद पता चला कि यहां आधे दर्जन कैंप और हैं। दिल्ली और काबुल के आतंकरोधी अधिकारियों ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद यहां 400 आतंकवादियों को तैयार कर चुका है। इन कैंप्स को 29 फरवरी को अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते के बाद शुरू किया गया है। जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाने वाले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अफगानिस्तान में मौजूद अपने कैंप्स में 400 आतंकवादी तैयार किए हैं। कश्मीर घाटी भेजे जाने से पहले इन्हें तालिबानी यूनिट्स में तैनात किया गया है। मौलाना मसूद अजहर द्वारा बनाए गए इस आतंकवादी संगठन को उसका छोटा भाई मुफ्ती अब्दुल राउफ अशगर चला रहा है, क्योंकि यूनाइटेड नेशन के वैश्विक आतंकवादी सूची में शामिल मसूद बीमार बताया जा रहा है। काबुल में मौजूद राजनयिकों का कहना है कि मसूद अजहर का बड़ा भाई इब्राहिम अजहर मध्य अफगानिस्तान के गजनी शहर में देखा गया है। संभव है कि वह तालिबान के साथ संबंधों को मजबूत करने में जुटा हो।