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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 15th June 2020. Mon, 04:10 PM (IST) : Team Work: Kuldeep & Pawan Vikas Sharma
नई दिल्ली : बुधवार को 15 राज्यों से मंथन है। 17 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासकों के साथ बैठक करेंगे, जिन राज्यों में कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार काफी ज्यादा है। इनमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, बिहार, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, तेलंगाना और ओडिशा शामिल हैं। देश में कोरोना के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में हैं। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु और तीसरे स्थान पर दिल्ली है। राज्यों को मिलेंगे ज्यादा अधिकारमाना जा रहा है कि केंद्र सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए राज्यों को ज्यादा अधिकार दे सकती है। साथ ही केंद्र और राज्यों के साथ नजदीकी समन्वय पर जोर दिया जा सकता है। इस बैठक में मोदी कोरोना से निपटने की आगे की रणनीति पर मुख्यमंत्रियों से उनकी राय मांगेंगे। देश में लॉकडाउन पहले ही खत्म किया जा चुका है और 8 जून से अनलॉक-1 चल रहा है। इसके तहत कई तरह की गतिविधियों की छूट दी गई है। बैठक से पहले पंजाब और तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों ने सख्ती बढ़ाने पर जोर दिया है। दूसरी ओर कर्नाटक जैसे राज्य पाबंदियों में और छूट की मांग कर रहे हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते देश में मेट्रो, रेलवे और अन्य यातायात सुविधाओं का सीमित ढ़ंग से ही संचालन हो पा रहा है। ऐसे में देखना भी अहम होगा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस विषय पर भी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की जा सकती है। जहां तक बात करें ट्रेनों के संचालन तो वर्तमान समय में अभी सीमित संख्या में ही ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। ऐस में क्या ट्रेनों के संचालने पर भी अतिरिक्त छूट दी जा सकती है? इस बात पर भी मंथन हो सकता है।देश में गहराते कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी मंगलवार को कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करेंगे। कोरोना संकट को लेकर मोदी 88 दिनों में छठी बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों से रूबरू होंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के बीच 20 मार्च, 2 अप्रैल, 11 अप्रैल, 27 अप्रैल और 11 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हो चुकी है। यह पहला मौका है जब मोदी कोरोना लगातार दो दिनों तक मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना से निपटने के मुद्दे पर मंथन करेंगे।मंगलवार को मोदी ऐसे 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे, जहां कोरोना की रफ्तार धीमी है या जहां कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट काफी अच्छा है। इनमें पंजाब, असम, केरल, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, गोवा, मणिपुर, नागालैंड, लद्दाख, पुडुचेरी, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, अंडमान और निकोबार, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, सिक्किम और लक्षद्वीप शामिल हैं। देश में कोरोना का पहला मामला केरल में ही सामने आया था लेकिन राज्य ने कोरोना को रोकने में अच्छा काम किया है। प्रधानमंत्री ने हाल में अपने वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक में कहा था कि जिन राज्यों में अच्छा काम हुआ है, उनसे दूसरों को प्रेरणा लेनी चाहिए।मोदी सभी राज्यों से कोरोना के हालात पर रिपोर्ट मांग सकते हैं। कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों के लिए अलग योजना बनाई जा सकती है। दिल्ली में केंद्र सरकार पहले ही हरकत में आ चुकी है। गृहमंत्री अमित शाह ने एक तरह से दिल्ली की कमान अपने हाथ में ले ली है। कल से उन्होंने ताबड़तोड़ कई बैठकें की हैं। आज उन्होंने राजधानी के एक अस्पताल का औचक दौरा करके वहां के हालात के बारे में जानकारी ली। इससे पहले उन्होंने सुबह एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख से पार पहुंच चुकी है। मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात के लिए भी अलग योजना बन सकती है।बैठक में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित शहरों और इलाकों में सख्ती बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। अनलॉक-1 में मिली छूट के बाद संक्रमण में इजाफा हो रहा है, उसे देखते हुए फिर से सख्ती बढ़ाई जा सकती है। इनमें दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद जैसे शहर शामिल हैं। हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में फिर से लॉकडाउन लगाए जाने की अटकलों को खारिज किया है।